October 18, 2024

ख़बरें टी वी : नालंदा विश्वविद्यालय और डोंगगुक विश्वविद्यालय, दक्षिण कोरिया ने आपसी शैक्षणिक सहयोग और अनुसंधान हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए… जानिए पूरी ख़बर

नालंदा विश्वविद्यालय और डोंगगुक विश्वविद्यालय, दक्षिण कोरिया ने आपसी शैक्षणिक सहयोग और अनुसंधान हेतु समझौता ज्ञापन ( एमओयू ) पर हस्ताक्षर किए

 

ख़बरें टी वी : 9334598481 : ब्यूरो रिपोर्ट : दक्षिण कोरिया के डोंगगुक विश्वविद्यालय से आए एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने अपने चेयरमैन श्री वेन. डोंगग्वान, अध्यक्ष श्री युन जे-वूंग, उपाध्यक्ष और विद्वानों के साथ शैक्षणिक और अनुसंधान के क्षेत्र में पारस्परिक सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन के लिए नालंदा विश्वविद्यालय का दौरा किया। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का कार्यक्रम कल ( दिनांक 24 फरवरी 2023) नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति के कार्यालय में सम्पन्न हुआ। दोनों विश्वविद्यालय अकादमिक आदान-प्रदान, संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रमों एवं अन्य योजनाओं को अपने कार्यक्षेत्र में शामिल करने पर सहमत हुए।

इस अवसर पर नालंदा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुनैना सिंह ने इसे भारत और दक्षिण कोरिया के प्राचीन संबंधों को फिर से सुदृढ़ करने के प्रयास के रूप में चिन्हित किया। कुलपति ने कहा, “डोंगगुक विश्वविद्यालय और एनयू के बीच इस शैक्षणिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान से भविष्य में एक समावेशी ज्ञान-तंत्र विकसित होगा। नालंदा विश्वविद्यालय का एक प्रमुख उद्देश्य ज्ञान-मार्ग के माध्यम से भारत को दुनिया से जोड़ने में एक ‘सेतु‘ की भूमिका अदा करना है। यह समझौता ज्ञापन दक्षिण कोरिया और भारत के शिक्षाविदों के बीच सद्भाव बनाने और दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करेगा।”

डोंगगुक विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो. युन जे-वूंग ने इस बात का उल्लेख किया कि नालंदा के नए अवतार के रूप में इस विश्वविद्यालय में एक बार फिर पुराने सभ्यतागत मूल्यों और ज्ञान के मार्ग प्रशस्त हो रहे हैं। उनका कहना था कि नालंदा और डोंगगुक विश्वविद्यालय एक आपसी शैक्षणिक सहयोग को मजबूत बनाने की भावना से एक साथ आ रहे हैं। उन्होंने नालंदा में कोरियाई भाषा के विकसित रूप में पठन-पाठन हेतु सहायता का प्रस्ताव भी रखा।

प्रतिनिधिमंडल के लिए कैंपस भ्रमण की भी व्यवस्था की गई थी, जिसमें उन्हें नालंदा के नेट-जीरो कैंपस बनाने के प्रयास के बारे में बताया गया। प्रतिनिधिमंडल ने यहाँ के पर्यावरण और सौंदर्य निर्माण की सराहना की।

नालंदा विश्वविद्यालय और डोंगगुक विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का विशेष महत्व है क्योंकि यह ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और दक्षिण कोरिया के बीच राजनयिक संबंधों के पचास वर्ष पूरे हो रहे हैं।

सदियों से नालंदा एशियाई ज्ञान का प्रतीक रहा है। विश्वविद्यालय अपने नए अवतार में एक बार फिर अपनी यात्रा शुरू करने के लिए तैयार है। वर्तमान में, एनयू में लगभग 31 देश के छात्र हैं जो यहाँ के 455 एकड़ में फैले जीवंत हरित परिसर में अध्ययनरत हैं। कुलपति प्रो. सुनैना सिंह के नेतृत्व में प्राचीन नालंदा की तर्ज पर नालंदा विश्वविद्यालय एक बार फिर वैश्विक ज्ञान के सॉफ्ट-पावर के रूप में उभर रहा है।

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