भारत की माननीय राष्ट्रपति के हाथों 19 नवंबर को सम्मानित होंगे नालंदा के जिलाधिकारी कुंदन कुमार…

ख़बरें टी वी : पिछले 15 वर्षो से ख़बर में सर्वश्रेष्ठ.. ख़बरें टी वी ” आप सब की आवाज ” …आप या आपके आसपास की खबरों के लिए हमारे इस नंबर पर खबर को व्हाट्सएप पर शेयर करें… ई. शिव कुमार, “ई. राज” -9334598481.
.. हमारी मुहिम .. नशा मुक्त हर घर .. बच्चे और नवयुवक ड्रग्स छोड़ें .. जीवन बचाएं, जीवन अनमोल है .. नशा करने वाले संगति से बचे ..
… हमारे प्लेटफार्म पर गूगल द्वारा प्रसारित विज्ञापन का हमारे चैनल के द्वारा कोई निजी परामर्श नहीं है, वह स्वतः प्रसारित होता है …
#ख़बरें Tv: जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित 6वाँ राष्ट्रीय जल पुरस्कार, 2024 एवं जल संचय जन भागीदारी पुरस्कार के सम्मान समारोह में शामिल होने हेतु श्री कुंदन कुमार, जिला पदाधिकारी, नालंदा नई दिल्ली पहुँचे।
यह प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कार भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु द्वारा प्रदान किया जाएगा।
सम्मान समारोह मंगलवार, 18 नवम्बर 2025 को प्रातः 11:30 बजे, प्लेनरी हॉल, विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित हो रहा है।
राष्ट्रीय जल पुरस्कार का उद्देश्य देश में जल संरक्षण, जल प्रबंधन, सतत विकास तथा जन-सहभागिता को प्रोत्साहित करना है।
नालन्दा जिले की उपलब्धि न केवल बिहार राज्य के लिए गौरव का विषय है, बल्कि देशभर के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी है।
MGNREGA की मजबूत नींव, पंचायतों की सक्रियता, नगर निकायों की भागीदारी तथा जल-जीवन हरियाली अभियान की रणनीतिक दिशा ने नालंदा को JSJB 1.0 के तहत राष्ट्रीय स्तर के मॉडल जिला के रूप में स्थापित किया है।
*JSJB 1.0 राष्ट्रीय पुरस्कार में नालंदा जिला राज्य में अव्वल*
नालंदा जिले ने जल संचय–जन भागीदारी (JSJB) 1.0 पहल में अद्वितीय प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय सफलता अर्जित की है। जिले को जल संरक्षण, भू-जल पुनर्भरण एवं सामुदायिक भागीदारी आधारित कार्यों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु चयनित किया गया है।
यह सफलता MGNREGA, पंचायती राज विभाग, नगर विकास विभाग, तथा जल-जीवन हरियाली अभियान की मजबूत और प्रभावी सहभागिता का परिणाम है ।
*राष्ट्रीय पुरस्कार एवं उपलब्धि*
● नालंदा जिला JSJB 1.0 राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित, जिसके अंतर्गत ₹25 लाख पुरस्कार राशि एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
● पुरस्कार का वितरण 18 नवम्बर 2025 को माननीय राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा।
● जिले ने 12,051 जल-संरक्षण एवं भू-जल पुनर्भरण संरचनाएँ पूर्ण कर निर्धारित 10,000 के राष्ट्रीय लक्ष्य को पार कर लिया है।़
MGNREGA – नालंदा की JSJB सफलता का मुख्य स्तंभ
1. व्यापक जल संरक्षण कार्यों का क्रियान्वयन
MGNREGA के तहत निर्मित कई संरचनाएँ JSJB की रीढ़ साबित हुई—
चेक डैम आहर–पइन और तालाबों का जीर्णोद्धार
रिचार्ज पिट, सोख्ता एवं जल-निकासी सुधार
खेत-तालाब एवं जल-प्रवाह नियंत्रण संरचनाएँ
2. रोजगार के साथ पर्यावरण संरक्षण
MGNREGA ने हजारों लोगों को रोजगार देते हुए जिले में स्थायी प्राकृतिक संसाधन संरचनाएँ विकसित कीं।
3. परंपरागत जल-प्रणालियों का पुनर्जीवन
आहर–पइन प्रणाली की बहाली MGNREGA के माध्यम से नालंदा की एक बड़ी पहचान बनी।
पंचायती राज विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका
● ग्राम पंचायतों ने कार्यस्थल चयन, जन-जागरूकता और सामुदायिक निगरानी में नेतृत्व किया।
● पंचायत प्रतिनिधियों ने ग्रामीण लोगों को जल-संरक्षण जैसे पुराने कुओं , आहर, पाइन, पोखर के जीर्णोद्धार में सक्रिय रूप से जोड़ा।
● पंचायत स्तर पर तालाब, आहर, पाइन, कुओं इत्यादि के जीर्णोद्धार तथा वर्षा-जल संचयन एवं भू-जल पुनर्भरण योजनाओं हेतु सोखता निर्माण का प्रभावी क्रियान्वयन किया गया।
नगर विकास एवं आवास विभाग (UDHD) की सहभागिता
● शहरी क्षेत्रों में वर्षा जल-संचयन (RWH) को बढ़ावा दिया गया।
● नगर पंचायतों/परिषदों ने ड्रेनेज सुधार, शहरी तालाबों के पुनर्जीवन और जलभराव नियंत्रण हेतु संरचनाएँ विकसित कीं।
साथ ही शहरी क्षेत्र में कुओं के जीर्णोद्धार और सोखता निर्माण पर बल दिया।
● “Catch the Rain” अभियान को JSJB के साथ जोड़ कर व्यापक शहरी जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए।
*जल-जीवन हरियाली अभियान – नालंदा की सफलता का महत्वपूर्ण आधार*
बिहार सरकार के जल-जीवन हरियाली अभियान ने नालंदा की JSJB उपलब्धि को संरचनात्मक रूप से मजबूत किया।
इसकी मुख्य भूमिकाएँ—
1. व्यापक हरियाली एवं जल-संचयन कार्यक्रमों का एकीकृत क्रियान्वयन
● वर्षा जल-संचयन को जन-आंदोलन बनाने में अभियान की बड़ी भूमिका रही।
● वृक्षारोपण, जल-निकायों का संरक्षण, सिंचाई स्रोतों का पुनर्जीवन—इन सबको JSJB के साथ संयोजित किया गया।
2. जलनिकायों का पुनरोद्धार और संरक्षण
● तालाबों, कुओं, आहर–पइन की पहचान, सर्वेक्षण और विकास में जल-जीवन हरियाली टीम ने तकनीकी व प्रशासनिक योगदान दिया।
3. जन-जागरूकता और व्यवहार में परिवर्तन
● अभियान के तहत आयोजित जल-सम्मेलन, जल-जागरण रैलियाँ और हरित संदेश यात्राओं ने JSJB को ग्रामीण और शहरी नागरिकों तक पहुँचाया।
● जल-संरक्षण को जीवनशैली का हिस्सा बनाने का संदेश प्रभावी रूप से प्रसारित किया गया।
4. विभागीय समन्वय की शक्ति
जल-जीवन हरियाली ने MGNREGA, पंचायती राज, कृषि, PHED, नगर निकायों और प्रशासनिक इकाइयों को एक मंच पर लाकर कॉमन वॉटर मैनेजमेंट फ्रेमवर्क तैयार किया।
● नालंदा, बिहार के सबसे सफल जिलों में अग्रणी कैटेगरी-3 पुरस्कार (₹25 लाख) प्राप्त करने वाले जिलों में शामिल।
नालंदा की उपलब्धि – मुख्य बिंदु
✔ 12,051 संरचनाओं के साथ लक्ष्य से अधिक उपलब्धि
✔ MGNREGA आधारित जल-संरक्षण मॉडल का उत्कृष्ट क्रियान्वयन
✔ पंचायतों, नगर निकायों, SHGs और किसान समूहों की मजबूत भागीदारी
✔ आहर–पइन प्रणाली को नया जीवन
✔ जल-जीवन हरियाली अभियान की आधारभूत टेक्निकल एवं प्रबंधन सहायता
✔ भू-जल स्तर में वृद्धि एवं सिंचाई क्षमता में सुधार
