October 19, 2024

ख़बरे टी वी – नालंदा पुलिस अब एक ही जनता को कई बार लूटेगी कभी बीमा तो कभी हेलमेट तो कभी नो पार्किंग के नाम पर, हो जाए लुटने के लिए तैयार…..

KHABRE TV – 9334598481 – आज दिनांक 9 जुलाई 2021 को जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष दिलीप कुमार ने बयान जारी करते हुए कहा की नगर निगम बिहारशरीफ को एवं जिला प्रशासन नालंदा को इस कोरोनाकाल में जब जनता भोजन को मोहताज है और बीमारी से त्रस्त है ऐसी स्थिति में नगर निगम बिहारशरीफ एवं जिला प्रशासन नालंदा के द्वारा पूर्व से ही हेलमेट लाइसेंस एवं प्रदूषण के नाम पर जांच करके करोड़ों रुपया दोपहिया वाहन वाले से उगाही की गई है जबकि उनके आंख के सामने बिहार शरीफ नगर निगम में चल रहे ऑटो और ई रिक्शा के 25 परसेंट में नंबर नहीं है 50% ऑटो बिना फिटनेस के चल रहे हैं और 50% ऑटो ड्राइवर बिना लाइसेंस के सड़क पर चल रहे हैं बिहार शरीफ नगर निगम की सड़कों पर नो पार्किंग रहने के बावजूद दिनभर बालू लदी ट्रैक्टर बिना नंबर प्लेट के चलती रहती है उससे कोई जुर्माना वसूला नहीं जाता है जगह-जगह सड़क गड्ढे में तब्दील है दर्जनों घटना प्रतिदिन बिहार शरीफ की सड़कों पर घट रही है ई रिक्शा चालक एवं ऑटो चालक पलट जा रहे हैं इस पर जिला प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है चाहे वह मछली मंडी रोड हो या मुगल कुआं का रोड हो या अंबेर का सड़क हो कागजी मोहल्ला का सड़क हो भैसासुर से आलमगंज जाने वाली सड़क हो खंदक पर का सड़क हो सभी का हाल बेहाल है इस पर कोई ध्यान नहीं है हालांकि इस तरह का हेलमेट एवं गाड़ी के कागजात का जाँच करना अच्छा काम है लेकिन यातायात पुलिस एवं जिला प्रशासन को यह भी बताना चाहिए कि पूरे नगर निगम क्षेत्र में करीब करीब 32 चौराहे हैं जहां हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है उन जगहों पर यातायात यानी ट्रैफिक पुलिस की वर्दी पहन कर कितने लोग ड्यूटी में रहते हैं यदि नहीं तो क्या सिर्फ जुर्माना वसूलना ही यातायात थाना का काम है आप अपनी यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के बाद ही जनता से हर्जाना या जुर्माना ले सकते हैं दूसरी तरफ शहर में कल से यानी 8 जुलाई से नो पार्किंग स्थल से चार चक्का एवं दो चक्का गाड़ियों को उठाकर थाना ले जाकर जबरन उनसे जुर्माना भरवाना यह कहीं से भी उचित प्रतीत नहीं होता है नगर निगम प्रशासन एवं जिला प्रशासन को सर्वप्रथम यह बताना चाहिए कि पूरे बिहार शरीफ में पार्किंग जोन यानी नगर निगम के द्वारा पार्किंग स्थल कहां दिया गया है अगर पार्किंग स्थल नहीं दिया गया है तो नो पार्किंग जोन का सवाल ही नहीं उठता है इस तरह से बिहार शरीफ की सीधी साधी भोली-भाली जनता से पैसा वसूलना कहीं से भी उचित प्रतीत नहीं होता है नगर निगम प्रशासन और जिला प्रशासन को अगर पैसा वसूली करने का इरादा है तो सबसे पहले कलेक्ट्रेट के बाहर लगी दोनों साइड की गाड़ियों को उठाया जाए किसी भी बैंक के पास अपना पार्किंग स्थल नहीं है सभी बैंक के पास से सभी गाड़ियों को उठाया जाए अनुमंडल कार्यालय के बाहर सदर अस्पताल के बाहर एवं अन्य जगहों पर जहां हमेशा गाड़ियां खड़ी रहती हैं जिसके चलते जाम बना रहता है उन्हें कहीं पार्किंग जोन बनाकर उन्हें शिफ्ट कराया जाए आम जनता के लिए पार्किंग जोन बनाया जाए ठेला वालों के लिए भेंडर जोन बनाया जाए ऑटो रिक्शा चालकों के लिए टेंपो स्टैंड बनवाया जाए अलग से ई रिक्शा चालकों के लिए भी उनके ठहराव का स्थान निर्धारित किया जाए उसके बाद इस प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए। जब शहर में कोई नई व्यवस्था की शुरुआत की जा रही हो तो उसकी जानकारी भी माईकिंग के द्वारा या अखबार के द्वारा सूचना देकर इस तरह का काम यातायात पुलिस को करना चाहिए अभी जो कार्य बिहारशरीफ में चल रहा हैं यह बिल्कुल ही असंवैधानिक है जब तक पार्किंग स्थल सरकार के द्वारा नहीं दिया जाता है तब तक नो पार्किंग के नाम पर पैसा वसूली नहीं किया जा सकता है जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने बिहार शरीफ की जनता से भी आग्रह किया है कि इस तरह का जब भी कोई गैर जिम्मेदाराना कार्य प्रशासन के द्वारा किया जाए तो उसका विरोध करें हालांकि बिहार शरीफ नगर निगम जोन में इस तरह के क्रेन की आवश्यकता पहले से ही थी और इस तरह के कार्य से जाम की समस्या से निजात मिल सकता है यातायात पुलिस से बात करने पर यह बताया गया की सड़क किनारे जो उजली लाइन है उससे सड़क की तरफ लगे वाहनों को उठाया जाना है जबकि उस सड़क के उजले लाइन के भीतर पहले से ही पूरे बिहार शरीफ नगर निगम में मोटरसाइकिल लगा रहता है तो फिर बाद में आने वाले मुसाफिर कौन सी लाइन के भीतर गाड़ी खड़ी करेंगे होना यह चाहिए कि ट्रैफिक पुलिस के द्वारा पूरे शहर में माइकिंग करवाना चाहिए की सड़क किनारे जो भी बाय किया चार चक्के की गाड़ी जो दिनभर लगी रहती है उसे गाड़ी मालिक हटा ले चलते फिरते राहगीरों को गाड़ी लगाने की व्यवस्था के लिए ही यह उजली लाइन दी गई है लेकिन इस तरह का कोई प्रचार प्रसार ना करके सीधे गाड़ी उठाना यह उचित प्रतीत नहीं होता है और उसके बाद जिला प्रशासन को पहले यह व्यवस्था जरूर करनी चाहिए कि आखिर गाड़ी के ऑनर गाड़ी को कहां पर पार्किंग करें कहीं ना कहीं इसकी व्यवस्था जिला प्रशासन और नगर निगम प्रशासन की बनती है॥

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