नालंदा विश्वविद्यालय एवं संगीत नाटक अकादमी द्वारा संयुक्त आयोजन….

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@ख़बरें Tv: राजगीर, नालंदा, (26 सितम्बर 2025): नालंदा विश्वविद्यालय, राजगीर एवं संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली (भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्तशासी संस्था) ने संयुक्त रूप से आज विश्वविद्यालय परिसर स्थित मिनी ऑडिटोरियम में ‘कला संवाद – 6’ श्रृंखला के अंतर्गत एक पैनल चर्चा का सफल आयोजन किया। इस पैनल चर्चा का विषय, “भगवदगीता और नाट्यशास्त्र: मानवता की सांस्कृतिक धरोहर” था।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्षा डॉ संध्या पूरेचा ने की।
इस चर्चा में तीन प्रमुख विद्वानों एवं कलाकारों ने अपने विचार प्रस्तुत किए, नालंदा विश्वविद्यालय की ओर से बौद्ध अध्ययन विभाग के डीन प्रो. गोदावरीश मिश्र ने “अनंत जीवंत नाट्य: अभिनवगुप्त की दृष्टि से भगवदगीता” विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने भगवदगीता को एक जीवंत संवाद और नाट्य रूप में समझने की अनोखी परंपरा पर अपने विचार रखे।

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, वाराणसी के निदेशक प्रवीण कुमार ‘गुंजन’, ने “नाट्यशास्त्र में प्रयोग और समकालीन भारतीय रंगमंच की भाषा” विषय पर उपस्थित विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने शास्त्रीय सिद्धांतों और आधुनिक रंग-भाषा के प्रयोगों को जोड़ने के प्रयासों को रेखांकित किया।
अंत में, निर्माण कला मंच, पटना से संजय उपाध्याय ने ध्रुवा गान (रंग-संगीत) पर व्याख्यान-प्रदर्शन प्रस्तुत किया। उनके प्रदर्शन से नाट्य संगीत की परंपरा के एक जीवंत स्वरूप ने सबको उत्साह और उमंग से भर दिया।
यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के छात्रों, संकाय सदस्यों, शोधार्थियों एवं स्थानीय कला-प्रेमियों की सक्रिय भागीदारी के साथ सम्पन्न हुआ।
ज्ञात हो के, ‘कला संवाद’ श्रृंखला का उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक धरोहर की विभिन्न विधाओं पर गहन विमर्श और उनके समकालीन सन्दर्भों को समझना है।
