थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए पटना में लगेगा निःशुल्क HLA मैचिंग कैंप- आलोक आजाद

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#ख़बरें Tv: पटना: थैलेसीमिया से पीड़ित नन्हें बच्चों के लिए बिहार में चौथी बार निःशुल्क HLA मैचिंग कैंप का आयोजन किया जा रहा है। यह कैंप शनिवार, 15 नवंबर 2025 को पटना के महाराणा प्रताप भवन में आयोजित होगा।
सामाजिक कार्यकर्ता आलोक आजाद ने बताया की यह विशेष कैंप नारायणा हेल्थ बेंगलुरु की टीम द्वारा डीकेएमएस बीएमएसटी के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इस नेक पहल का नेतृत्व डॉ. सुनील भट्ट करेंगे, जिनके मार्गदर्शन में यह अभियान थैलेसीमिया से जूझ रहे बच्चों को नई उम्मीद देने का कार्य कर रहा है।
कैंप में केवल उन्हीं बच्चों की HLA मैचिंग जांच की जाएगी जो पहली बार यह टेस्ट कराने जा रहे हैं। साथ ही, जांच के लिए थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को अपने सगे भाई या बहन के साथ आना अनिवार्य होगा, क्योंकि HLA मैचिंग इन्हीं के बीच की जाती है।
आलोक आजाद ने बताया कि इच्छुक अभिभावक निःशुल्क पंजीकरण के लिए नीचे दिए गए नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं —जसवंत सिंह जी: 9473114054, ब्रजेश कुमार जी: 8789416636, सुजीत गुप्ता जी: 8789449238 तथा आलोक आजाद 9128476595 पर संपर्क करते हैं।
आलोक आजाद ने युवाओं से अपील की है कि विवाह से पहले केवल कुंडली मिलान ही नहीं, बल्कि थैलिसिमिया माइनर की जांच कराना भी उतना ही आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आज समाज में कई दंपति ऐसे हैं जिन्हें इस बीमारी की जानकारी न होने के कारण अपने बच्चों में थैलिसिमिया जैसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ता है।
आलोक आजाद ने बताया कि थैलिसिमिया एक आनुवांशिक रक्त विकार (Genetic Blood Disorder) है, जो माता-पिता दोनों के माइनर होने पर बच्चे में थैलिसिमिया मेजर के रूप में उत्पन्न हो सकता है। ऐसे बच्चों को जीवनभर रक्त चढ़ाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यदि विवाह से पहले साधारण ब्लड टेस्ट द्वारा इसकी जांच करा ली जाए तो आने वाली पीढ़ियों को इस गंभीर बीमारी से बचाया जा सकता है।
उन्होंने युवाओं और अभिभावकों से आग्रह किया कि जैसे कुंडली मिलान और गोत्र विचार विवाह की परंपरा का हिस्सा हैं, वैसे ही थैलिसिमिया जांच को भी विवाह पूर्व परंपरा में शामिल किया जाए। यह एक छोटा कदम होकर भी समाज के लिए बड़ा बदलाव ला सकता है।
आलोक आजाद ने कहा कि “स्वस्थ समाज की नींव जागरूकता पर टिकी होती है। अगर हर युवा शादी से पहले यह जांच कराएगा, तो न केवल उसका परिवार सुरक्षित रहेगा, बल्कि समाज भी एक गंभीर बीमारी से मुक्त हो सकेगा।
उन्होंने बिहार के लोगो से अपील की है कि थैलेसीमिया से जूझ रहे बच्चों की मदद के लिए अधिक से अधिक लोग इस पहल को सफल बनाने में सहयोग करें।
