December 9, 2024

ख़बरे टीवी – पूर्व विधायक रफीगंज नहीं रहे वाम नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि, रामचंद्र सिंह यादव सबसे पहले सरकारी शिक्षक थे किसानों मजदूरों पर हो रहे सामंती जुल्मों से द्रवित होकर इन्होंने सरकारी नौकरी को लात मारकर सीपीआई से जुड़ गए और लगातार संघर्ष करते हुए किसानों मजदूरों एवं जनता के तमाम सवालों को लेकर उनके हितों की रक्षा के लिए लड़ाई को ऊंचाई तक ले जाने में कामयाब हुए.

पूर्व विधायक रफीगंज नहीं रहे वाम नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि, रामचंद्र सिंह यादव सबसे पहले सरकारी शिक्षक थे किसानों मजदूरों पर हो रहे सामंती जुल्मों से द्रवित होकर इन्होंने सरकारी नौकरी को लात मारकर सीपीआई से जुड़ गए और लगातार संघर्ष करते हुए किसानों मजदूरों एवं जनता के तमाम सवालों को लेकर उनके हितों की रक्षा के लिए लड़ाई को ऊंचाई तक ले जाने में कामयाब हुए.

किसान नेता एवं पूर्व विधायक रफीगंज नहीं रहे वाम नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित,

( ख़बरे टीवी – 9334598481, 9523505786 ) –  अखिल भारतीय किसान सभा नालंदा के महासचिव सत्येंद्र कृष्णम बी के एम यू के जिला सचिव राज किशोर प्रसाद किसानों के प्रिय नेता राम स्नेही सिंह किसानों के प्रिय नेता चंद्रशेखर प्रसाद मजदूरों के प्रिय नेता एवं ठेला फुटपाथ वेंडरस यूनियन के जिला सचिव रामदेव चौधरी एवम जिला अध्यक्ष किशोर साव ने संयुक्त वक्तव्य जारी कर किसानों के प्रिय दिवंगत नेता रामचंद्र सिंह यादव को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए बताया कि रामचंद्र सिंह यादव सबसे पहले सरकारी शिक्षक थे किसानों मजदूरों पर हो रहे सामंती जुल्मों से द्रवित होकर इन्होंने सरकारी नौकरी को लात मारकर सीपीआई से जुड़ गए और लगातार संघर्ष करते हुए किसानों मजदूरों एवं जनता के तमाम सवालों को लेकर उनके हितों की रक्षा के लिए लड़ाई को ऊंचाई तक ले जाने में कामयाब हुए जिस से रफीगंज की जनता ने इनको सिर पर बिठाया और बिहार विधानसभा सदस्य के रूप में चार चार बार चुनकर भेजने का काम किया इन संघर्षों के दरमियान कई बार इन्हें जेल भी जाना पड़ा लेकिन वे पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा उनके दरवाजे पर से कोई खाली हाथ नहीं लौटा सादगी से भरपूर इनका जीवन एक उदाहरण के रूप में जाना जाता है ज्ञात हो कि ए हृदय रोग से पीड़ित थे 1 सप्ताह पूर्व कोविड-19 से पॉजिटिव हो गए थे बनारस से इलाज कर लौटे और दिनांक 11 मई को शाम के वक्त सदा सदा के लिए परम तत्व में विलीन हो गए उनके जाने से बिहार के किसान और मजदूरों के बीच शोक की लहर फैल गई इस विषम परिस्थिति में उनका जाना तत्काल में क्षतिपूर्ति संभव नहीं है उक्त नेताओं ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए तथा भगवान से प्रार्थना किया कि दुख की इस घड़ी में उनके परिवार को सहन शक्ति प्रदान करें तथा ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें

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