ख़बरें टी वी : चंद्रयान मिशन – 3 के सफलता के लिए बिहार के लाल के परिवार वाले कर रहे हैं पूजा अर्चना….जानिए
चंद्रयान मिशन – 3 के सफलता के लिए बिहार के लाल के परिवार वाले कर रहे हैं पूजा अर्चना….
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आप का दिन मंगलमय हो….
इसरो में वैज्ञानिक सुधांशु कुमार के माता-पिता ने बताया कि हमने आज तक अपने बेटे की तरक्की के लिए या सफलता के लिए कभी भगवान से प्रार्थना नहीं की परंतु इस बार चंद्रयान मिशन 3 के सफल लैंडिंग के लिए भगवान से हर नित्य दिन प्रार्थना करते हैं ….
आखिर क्या है चंद्रयान मिशन 3 का विवरण—–
भारत के वैज्ञानिकों के द्वारा चंद्रयान मिशन-3 ने 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से उड़ान भरा था. 40 दिनों की लंबी यात्रा के बाद 23 अगस्त यह चंद्रयान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की कोशिश करेगा. इसरो के चंद्रयान-1 के मून इम्पैक्ट प्रोब, चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को भी उसी क्षेत्र में उतरने के लिए भेजा गया था..
बिहार का लाल साइंटिस्ट सुधांशु कुमार इसरो हरिकोटा में है वैज्ञानिक, वही पूर्व में आटा चक्की मील के व्यवसाय से जुड़े रहे हैं इनके परिजन आज भी चलते हैं आटा चक्की मील पिता महेंद्र प्रसाद, जबकि माता बिंदु देवी गृहणि है…
सुधांशु कुमार की माता बिंदु देवी एवं पिता महेंद्र प्रसाद ने बताया कि हमने आज तक अपने बेटे की परीक्षा के परिणाम या फिर नौकरी मिलने के लिए कभी भी भगवान के सामने प्रार्थना नहीं की आज जो भी है वह अपने बलबूते पर है परंतु अब जब से चंद्रयान 3 का लैंडिंग मिशन चल रहा है तब से हम लोग लगातार हम लोग घर में सभी देवी देवता से यही प्रार्थना करते हैं कि चंद्रयान-3 का लैंडिंग सफलतापूर्वक हो सके जिससे हमारे देश का नाम इस क्षेत्र में भी रौशन हो जाएगा…
लैंडिंग को लेकर पूरा देश है उत्सुक ….
बिहार राज्य के गया जिले के खरखूरा मोहल्ले में साधारण परिवार से रहनता परंतु सच हमेशा आसमान में चलती थी जिसका परिणाम है कि आज चंद्रयान मिशन 3 का हिस्सा रहे इसरो वैज्ञानिक सुधांशु कुमार के मां-पिता भी ज्यादा उत्साहित दिख रहे है। सफल लैंडिंग के लिए वैज्ञानिक शुधांशु के पिता पूजा पाठ में लगे है।
इसरो वैज्ञानिक सुधांशु कुमार के पिता महेंद्र प्रसाद अपने घर में हीं आटा मिल चलाते है। उन्होंने बताया की चंद्रयान 3 का लैंडिंग का जैसे जैसे समय नजदीक आ रहा है वैसे वैसे बेचैनी बढ़ रही है।
अखिल गया जिला का रहने वाला यह तेजस्वी छात्र कब से भारत के भविष्य के लिए दे रहा है अपना योगदान…..
आपको बता दूं कि यह बिहार का तेजस्वी छात्र सितंबर 2021 में सुधांशु इसरो में वैज्ञानिक के रूप में ज्वाइन किया था वर्तमान में वह श्रीहरिकोटा में पदस्थापित है।चंद्रयान 3 के लॉन्च व्हीकल बनाने की टीम में सुधांशु शामिल है। लांच व्हीकल बनाने में कुल 30 लोगो की टीम थी जिसमे तीसरे वैज्ञानिक रहे है।
सैटलाइट को ऑर्बिट तक पहुंचाने का काम लॉन्च व्हीकल द्वारा किया जाता है। पिछले लैंडिंग में असफलता का कारण लॉन्च व्हीकल की गड़बड़ी की वजह से हुई थी परंतु इस बार भारत के वैज्ञानिकों ने इसमें काफी सुधार लाया है और हम लोग आशा और विश्वास साथ ही उनके माता-पिता के साथ हम लोग भी प्रार्थना करते हैं कि इस बार चंद्रयान तीन का लैंडिंग सफलतापूर्वक हो और भारत एक बार फिर से इन क्षेत्र में अपने नाम नए अक्षरों में दर्ज करें।
रिपोर्ट : ईं. शिव कुमार