ख़बरे टी वी – मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश के तीन महीने बीत जाने के बाद भी गिरियक स्थित बरगहिया पइन की उड़ाही का कार्य शुरू नहीं…..
Khabre Tv – 9334598481 – वसंत की रिपोर्ट – मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश के तीन महीने बीत जाने के बाद भी गिरियक स्थित बरगहिया पइन की उड़ाही का कार्य शुरू नहीं हो सका है। मुख्यमंत्री के आदेश का पालन नहीं होने पर पीड़ित किसानों ने फिर से जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह से कार्रवाई की गुहार लगाई है। स्थानीय अधिकारी पंचायत चुनाव में व्यस्तता की बात कह रहे एव तब तक लगभग 45 अतिक्रमणकारियों को नोटिस दी जा चुकी है। वहीँ प्रपत्र -2 के तहत लगभग 100 अतिक्रमणकारियों को मकान खाली कराने की नोटिस भी भेज दी गयी है। इन लोगों ने पइन का बीचोंबीच अतिक्रमण कर घर बना लिया है। इस कारण क्षेत्र की जल निकासी अवरुद्ध है।
*किसानों की 10 एकड़ भूमि दलदल में तब्दील*
बता दे कि गिरियक बाजार से सटे कृषि योग्य लगभग 10 एकड़ भूमि है। पईन के अतिक्रमण के कारण गिरियक बाजार की दुकानों एवं घरों का गंदा पानी इसी जमीन में गिर रहा है। इस कारण खेत दलदल हो गया है। किसान वर्षों से अपनी जमीन पर खेती नहीं कर पा रहे। जिससे उन्हें हर साल लाखों रुपए का नुक़सान उठाना पड़ रहा है। पीड़ित किसान पांच साल में कई बार स्थानीय अधिकारियों से इस समस्या के स्थाई निदान की मांग की लेकिन कोई समाधान नहीं निकला तो तीन महीने पहले किसानों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में फरियाद की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जल्द से जल्द जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया। सीएम के आदेश के 12 दिन बाद दिखावे के लिए जेसीबी से पईन की उड़ाही शुरू कराई गई। परंतु अतिक्रमण के कारण काम अधूरा छोड़ दिया गया ।
*जानें क्यों नाम पड़ा बरगहिया पईन*
12 गांवों का मुख्य जलस्रोत होने के कारण बरगहिया नाम रखा गया था। यह पइन एक समय 12 गांवों की सिंचाई से लेकर जल निकासी का मुख्य साधन था। बरगहिया पइन पंचाने नदी से आदमपुर व कंदोपुर होते हुए घोसरावां तक 10 से 12 किलोमीटर दूरी तक फैली थी। लेकिन बीते 5 वर्षों में यह पइन अतिक्रमणकारियों का शिकार होती गई। शेष काम गंदगी, मल मूत्र व कूड़ा-कचरा ने कर दिया। आज पईन का कई जगहों पर अस्तित्व ही मिट गया। जल निकासी का स्रोत नहीं रहा तो आस पास के नाले का गंदा पानी खेतों में जाकर गिरने लगा और तालाब की शक्ल अख्तियार कर लिया जिससे करीब 10 एकड़ में फैला खेत बर्बाद हो गया।
*सभी अतिक्रमणकारियों को दी गई नोटिस*
गिरियक सीओ अलख निरंजन यादव ने बताया कि जिन लोगों ने भी पईन पर अतिक्रमण कर घर बना लिया है, उन्हें नोटिस दी जा चुकी है। फिलहाल अभी सभी कर्मी पंचायत चुनाव में व्यस्त हैं। जैसे ही चुनाव समाप्त होगा, सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार अतिक्रमणकारियों को हटाया जाएगा एवं पइन की उड़ाही कराई जाएगी।
*20 साल पहले अलंग पर इंदिरा आवास बने तो देखादेखी अन्य लोगों ने कर लिया कब्जा*
पंचाने नदी के समीप पइन के अलंग क्षेत्र में लगभग 20 वर्ष पहले महादलित परिवारों के लिए इंदिरा आवास बनाए गए तो गिरियक बाजार के कुछ लोगों ने मौके का फायदा उठा कर पूरे पइन का अतिक्रमण कर मकान बना डाला। अब यह जांच का विषय है कि पइन के बीच इंदिरा आवास कैसे बने।
*बाेले किसान*
पीड़ित बरशी देवी ने बताया कि उनकी आजीविका खेती से चलती है। घर में किसी की नौकरी नहीं है। 5 सालों से कोई फसल नहीं हुआ है। पूरा खेत गंदे पानी का तालाब बन चुका है। अपनी खेती रहते हुए मजदूरी कर पेट पालना पड़ रहा है।
वहीं पीड़ित किसान प्रेम सागर प्रसाद ने कहा कि हमारी 12 एकड़ की रैयती जमीन है, फिर भी पिछले 5 वर्षों से अनाज खरीद के खा रहे हैं। पइन का पानी हम लोगों के खेत में आकर गिरता है और फसल बर्बाद कर देता है। इसलिए हम लोग मुख्यमंत्री के जनता दरबार गए थे लेकिन 3 महीने बीत जाने के बाद भी हम लोगों की समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है।