November 23, 2024

खबरें टी वी : नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित हो रहा है पर्यावरण दिवस सप्ताह समारोह…… जानिए पूरी खबर

नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित हो रहा है पर्यावरण दिवस सप्ताह समारोह

*” मानव अस्तित्व के मूल में है पर्यावरण संतुलन “*
– प्रो. सुनैना सिंह, कुलपति

 

 

 

खबरें टी वी : 9334598481 : ब्यूरो टीम के साथ आदित्य कुमार की रिपोर्ट : नालंदा विश्वविद्यालय में 1 से 5 जून 2022 तक पर्यावरण-सप्ताह समारोह का आयोजन हो रहा है। माननीय कुलपति प्रो. सुनैना सिंह ने कल (1 जून) वृक्षारोपण कर इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रो.सुनैना सिंह ने कहा, “नालंदा विश्वविद्यालय विश्व के कुछ अग्रणी उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक है जहां नेट-शून्य परिसर की परिकल्पना साकार हो रही है। पारिस्थिकी संतुलन हमारे अस्तित्व के मूल में है। प्रभावी नूतन-प्रयोगों के माध्यम से हम विश्वविद्यालय परिसर को कार्बन-न्यूट्रल ज़ोन बनाने मे प्रयासरत हैं । नालंदा का नेट-ज़ीरो कैंपस अन्य संस्थानों द्वारा अनुकरण करने योग्य एक रोल मॉडल के रूप में विकसित हो रहा है।”

कुलपति के उद्घाटन वक्तव्य के उपरांत एक विचार-गोष्ठी सत्र का आयोजन किया गया। इस चर्चा-सत्र में विद्यार्थियों, शिक्षकों और विश्वविद्यालय के अन्य कर्मियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। चर्चा-सत्र के प्रतिभागियों ने विश्वविद्यालय परिसर को स्वच्छ रखने और एक संतुलित जीवन शैली अपनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।

इस सप्ताह भर चलने वाले उत्सव के अंतर्गत प्रतिभागियों के लिए परिसर भ्रमण का आयोजन भी है जिसके तहत उन्हे सौर-ऊर्जा से संचालित संयंत्रों की जानकारी दी जाएगी तथा नेट-जीरो से संबंधित कुछ ऑडियो-विजुअल की प्रस्तुतियां होंगी। प्रतिभागियों के लिए परिसर में वृक्षारोपण अभियान और पर्यावरण केंद्रित फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया है। इन आयोजनों के माध्यम से छात्रों व प्रतिभागियों के बीच विश्वविद्यालय के नेट-जीरो के पहल के प्रति जागरूकता पैदा की जाएगी।

 

 

ध्यातव्य है कि हाल ही में अमेरिका में इंडो अमेरिकन ग्रीन यूनिवर्सिटी नेटवर्क, न्यूयॉर्क द्वारा आयोजित में एक समारोह में कुलपति प्रो. सुनैना सिंह को “लीडरशिप फॉर नेट-जीरो एंडेवर अवार्ड” से सम्मानित किया। विश्वविद्यालय परिसर को ग्रीन कैंपस के रूप में विकसित करने के लिए डिस्ट्रिक्ट ग्रीन चैंपियन अवार्ड एवं GHRIHA परिषद द्वारा सर्वोच्य स्थान दिया गया है।

नालंदा विश्वविद्यालय प्रभावी जल एवं ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली, जैव-विविधता संरक्षण और नेट-जीरो परिसर की कल्पना को साकार करने वाले कुछ अग्रणी उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक है। 455 एकड़ भूमि में विस्तृत यह विश्वविद्यालय दुनिया के सबसे बड़े हरित परिसरों में से एक है जहां 200 वास्तु-संरचनाएं के साथ 40 जल स्त्रोत उपलब्ध हैं जो स्वदेशी जल-संचयन विधियों से संचालित होते हैं। कुलपति प्रो सुनैना सिंह के नेतृत्व में नालंदा के नव-निर्माण की परिकल्पना साकार हो रही है। विश्वविद्यालय को कार्बन न्यूट्रल कैंपस बनाने के साथ इसे एक जीवंत हरित परिसर मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है।

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