December 9, 2024

ख़बरे टीवी – नालंदा के माननीय सांसद कौशलेंद्र कुमार ने लोकसभा में नियम 377 के तहत मामला उठाते हुए कहा कि नालंदा अंतर्गत प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का पुनर्निर्माण की अति आवश्यकता है

प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का हो जीर्णोद्धार-सांसद कौशलेंद्र कुमार
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नालंदा के माननीय सांसद कौशलेंद्र कुमार ने लोकसभा में नियम 377 के तहत मामला उठाते हुए कहा कि नालंदा अंतर्गत प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के पुस्तकालय का पुनर्निर्माण की अति आवश्यकता है आप जानते हैं कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय पूरे विश्व में ज्ञान का केंद्र था नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्त वंश के शासक कुमारगुप्त प्रथम ने 450 – 470 इसवी के बीच किया था यह विश्वविद्यालय स्थापना काल का अद्भुत नमूना था यहां पर करीब 10000 से अधिक छात्रों के पठन-पाठन की व्यवस्था थी और करीब दो हजार से अधिक अध्यापकों की संख्या थी यह सभी विद्यार्थी अधिकतर विदेशी थे जो मुख्यतः कोरिया, जापान ,चीन ,तिब्बत, इंडोनेशिया फा, तुर्की आदि देशों के होते थे। उनके लिए यहां विशालकाय पुस्तकालय भवन भी था। कहा जाता है कि इस पुस्तकालय में करीब 3 लाख से अधिक ज्ञान की महत्वपूर्ण पुस्तकें थी। नालंदा उस समय भारतवर्ष में उच्च शिक्षा का महत्वपूर्ण और विख्यात केंद्र था। महायान बौद्ध धर्म के इस शिक्षा केंद्र में हीनयान बौद्ध धर्म के साथ ही अन्य धर्म तथा अनके देशों के छात्र पढ़ते थे। विश्वविद्यालय मैं आचार्य छात्रों को मौखिक व्याख्यान द्वारा शिक्षा देते थे। व्याकरण ,दर्शन ,शल्य विद्या, ज्योतिष, योग शास्त्र ,तथा चिकित्सा शास्त्र भी पाठ्यक्रम के अंतर्गत था। विद्वानों का मत है कि यहां धातु की मूर्तियां बनाने के विज्ञान का भी अध्ययन होता था। यहां खगोलशास्त्र अध्ययन के लिए एक विशेष विभाग था इस विश्व विख्यात विश्वविद्यालय में स्थित पुस्तकालय 9 तल का था। जो हजारों विद्यार्थियों और आचार्य के अध्ययन का केंद्र था। इस बौद्ध विश्वविद्यालय के अवशेष की खोज का श्रेय एलेग्जेंडर कनिंघम को जाता है।
श्री कुमार ने कहा कि सब 1199 में तुर्की शासक बख्तियार खिलजी जो बिहार का मुगल शासक भी था । ने नालंदा विश्वविद्यालय में आग लगवा दी थी ।कहा जाता है कि विश्वविद्यालय में इतनी पुस्तके थी कि पूरे 3 महीने तक यहां पुस्तकालय में आग धधकती रही थी । उसने प्राचीन भारत की उपलब्धियों को नष्ट करने के लिए यह सब क्रूर कार्य किया।
सांसद श्री कौशलेंद्र कुमार ने सदन के माध्यम से मांग करते हुए कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय में प्राचीन पुस्तकालय की तरह ही एक आधुनिक पुस्तकालय की स्थापना के लिए केंद्र सरकार पूरा सहयोग प्रदान करें जिससे कि भविष्य में हमारी युवा पीढ़ी अपने गौरवशाली इतिहास के बारे में जानकारी हासिल कर सकें।

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