October 19, 2024

ख़बरें टीवी : सधे हुए कवियों की तरह नज़र आये बाल कवि, हास्य व्यंग्य के कवियों ने खूब बटोरीं तालियाँ, हिंदी दिवस पर सैनिक स्कूल नालंदा में आयोजित हुआ ‘कवि दरबार’…….जानिए पूरी ख़बर

हिंदी दिवस पर सैनिक स्कूल नालंदा में आयोजित हुआ ‘कवि दरबार’…..

सधे हुए कवियों की तरह नज़र आये बाल कवि ।
हास्य व्यंग्य के कवियों ने खूब तालियाँ बटोरीं ।

 हिन्दी भाषा में आधुनिक ज्ञान-विज्ञान के अध्ययन,शोध की अपार संभावनाएं – प्राचार्य

 

 

 

ख़बरे टीवी – 9334598481 : डेस्क रिपोर्ट –  नानंद स्थित सैनिक स्कूल नालंदा में हिन्दी दिवस के अवसर पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । इसमें सबसे प्रमुख आकर्षण ‘कवि-दरबार’ का रहा । इसके अंतर्गत विद्यालय में अध्ययनरत सैन्य छात्र-छात्राओं ने विभिन्न कवियों जैसे सूरदास, कबीरदास, विद्यापति, मीराबाई , हरिवंश राय बच्चन, रामधारी सिंह दिनकर इत्यादि की वेश-भूषा में उनकी कविताओं का सस्वर पाठ किया, जहाँ एक ओर शैल चतुर्वेदी की भूमिका का निर्वाह कर रहे सैन्य- छात्र प्रांजल वर्मा ने दर्शकों को खूब हँसाया वही दूसरी ओर राष्ट्र कवि दिनकर की कविता का पाठ करने वाले सैन्य-छात्र अभिजित कुमार ने दर्शकों को ओज से ओत-प्रोत कर दिया।

 

 

ज्ञात हो कि देशभर में 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है, आज ही के दिन सन 1949 में संविधान की धारा 343 में हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। आज के दिन देश के विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं में हिन्दी भाषा के उत्थान एवं उसे व्यवहारिक बनाने के लिए विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
सैनिक स्कूल नालंदा के प्राचार्य कैप्टेन (भा. नौ.) नवीन कृष्ण चन्द्र ने अपने संबोधन में कहा कि भाषा का काम संवाद स्थापित करना होता है।

 

 

भाषा के नाम पर किसी भी प्रकार का विवाद नहीं होना चाहिए। हिन्दी ही एकमात्र भाषा है जो सम्पूर्ण राष्ट्र को एकसूत्र में पिरोने में सक्षम है, साथ ही देश की क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान होना चाहिए। प्राचार्य महोदय ने हिन्दी भाषा और साहित्य के गौरवशाली इतिहास से परिचित कराते हुए हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने में संस्थागत कर्त्तव्यों का स्मरण कराया तथा उपस्थित समस्त सैन्य छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को उनके कर्त्तव्यों के प्रति सचेत एवं जागरूक किया।

 

 

उन्होंने कहा हमें भाषा के नाम पर किसी भी प्रकार से पूर्वाग्रह ग्रसित नहीं होना चाहिए, जब तक हम अपनी भाषा में आधुनिक ज्ञान-विज्ञान का विकास नहीं करेंगे सही मायने में हमारा विकास नहीं होगा। उन्होंने जापान, चीन एवं रूस आदि देशों का उदहारण देते हुए कहा कि वैज्ञानिक प्रगति के शिखर पर पहुचने वाले देशों ने अपनी भाषा में ही अध्ययन और अध्यापन से अपनी प्रगति सुनिश्चित की है ।

 

 

इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया |
इस अवसर पर विद्यालय के उप-प्राचार्य विंग कमांडर जे. एस. उज्वल, प्रशासनिक अधिकारी मेजर अजय चन्द्र सहित समस्त सैन्य छात्र-छात्राए तथा शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी उपस्थित रहे।

 

 

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