October 19, 2024

ख़बरें टी वी : बिहार में शराबबंदी का फीडबैक लेने पहुंचे छत्तीसगढ़ की टीम नालंदा जिले के सीमा गांव स्थित उत्क्रमित विद्यालय में …. जानिए पूरी ख़बर

 

 

 

बिहार में शराबबंदी का फीडबैक लेने पहुंचे छत्तीसगढ़ की टीम नालंदा जिले के सीमा गांव स्थित उत्क्रमित विद्यालय में ….

 

 

 

ख़बरें टी वी ब्यूरो रिपोर्ट : छत्तीसगढ़ विधान सभा के माननीय 8 सदस्यों एवं 3 पदाधिकारियों की एक दल का बिहार राज्य में लागू शराबबंदी की हकीकत को जानने को लेकर पहुंचे नालंदा।
जिले के राजगीर प्रखण्ड के नाहुब पंचायत स्थित सीमा गांव में “रहीम” जीविका ग्राम संगठन की जीविका दीदियों एवं मुख्यमंत्री सतत जीविकोपार्जन योजना के लाभार्थियों एवं आए ग्रामीणों के साथ संवाद कर शराबबंदी की हकीकत से रूबरू हुए।

 

 

इस दौरान बिधान सभा सदस्य सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू कर नीतीश कुमार ने एक अच्छे कार्य किये हैं। हमलोग भी अपने प्रदेश में शराबबंदी लागू करने से पहले उन राज्यों में जा रहे जहाँ की शराबबंदी लागू है और उन प्रदेशों में भी जाकर आकलन कर रहे हैं जहाँ अभी भी शराबबंदी लागू नही है। सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि हर जगह लोगों से विचार ले रहे हैं,

 

 

इसके बाद ही अपने प्रदेश में इसे लागू करने पर विचार किया जाएगा। इस दौरान यहाँ के ग्रामीण महिला एवं जीविका दीदियों से फीडबैक लेते हुए शराब बंदी से फायदे और नुकसान की जानकारी लिया। जिसमे महिलाओं ने बताया कि पुलिस और प्रबुद्ध वर्ग के सहयोग से आज काफी सहयोग मिला है जिससे आज समाज मे शराब बंदी के बाद महिला सुरक्षित महसूस कर रही है, जबकि शराबबंदी के पूर्व महिलाओं के साथ ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में काफी ही बारदात घटित होता था।

 

 

इस दरम्यान सत्यनारायण शर्मा बिधान सभा सदस्य ने कहा कि जहाँ जहा भाजपा की सरकार है वहाँ शराबबंदी नही है , लेकिन वहिं भाजपा बाले जहाँ भाजपा की सरकार नही है वहाँ शराब बंदी के लिये जबरन दवाव बनाया जा रहा है। कहा कि हमारे यहाँ आदिवासी समुदाय को पाँच लीटर शराब बनाने की कानूनन की छूट है, ऐसे में गहन अध्ययन के बाद ही इस पर विचार किया जाएगा।

 

 

वही टीम में आई विधायिका रश्मि आशीष सिंह ने आज कार्यक्रम के दौरान काफी लोगों से बातचीत की और जहां तक उन्हें लगा कि बिहार में शराबबंदी कराने में महिलाओं का काफी सहयोग रहा है महिलाएं आगे बढ़ कर पहले आई है और उसके बाद पुलिस का सहयोग मिलता रहा जिसके वजह से शराबबंदी पर काफी नकेल कसा जा सकता है साथ ही उन्होंने कहा कि हम लोग हर वैसे क्षेत्रों में जा रहे हैं जहां पूर्णता शराबबंदी है या जहां सीमित तौर पर शराब को बेचने की इजाजत है हर जगह पर जाकर हर लोगों से फीडबैक कर ले रहे हैं और यह फीडबैक हम अपने प्रदेश में जाकर साझा करेंगे और उसके बाद निर्णय लिया जाएगा कि हमारे छत्तीसगढ़ में किस तरह से शराबबंदी कानून लगाना संभव है।

 

 

वहीं छत्तीसगढ़ से आई टीम जो बिहार में शराबबंदी को लेकर दौरा कर रही है उन्हें यह भी जानना है कि जो शराब पेशे से जुड़ी महिलाएं लोग थे उन्हें किस तरह के रोजगार दिए जा रहे हैं, बिहार सरकार के द्वारा चलाए जा रहे कई कार्यक्रम के तहत नीरा कैफे जीविका कैंटीन जैसे कई प्रमुख धारा में आने के लिए सरकार किस तरह से कटिबद्ध है और उसके कितने फायदे समाज में मिले हैं इन सारी बातों की जानकारी ले रहे है।

 

 

 

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