लोकतंत्र और ज्ञान का उत्सव: नालंदा विश्वविद्यालय में 76वां गणतंत्र दिवस…
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#ख़बरें टी वी: राजगीर, 26 जनवरी 2025: नालंदा विश्वविद्यालय, राजगीर ने 76वें गणतंत्र दिवस को देशभक्ति और उत्साह के साथ मनाया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी प्रोफेसर्स, छात्रों और कर्मचारियों ने भारत के संविधान और उन अनगिनत महापुरुषों के बलिदानों को सम्मानित किया जिन्होंने राष्ट्र की स्वतंत्रता और विकास में योगदान दिया।
कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत कुलपति प्रो. अभय कुमार सिंह द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने और राष्ट्रगान के साथ हुई, जिसने विश्विद्यालय के वातावरण को गर्व और एकता से भर दिया। प्रो. सिंह ने अपने प्रेरक संबोधन में भारतीय संविधान की स्थायी प्रासंगिकता और शासन एवं मानव सभ्यता के लिए इसकी मार्गदर्शक भूमिका पर प्रकाश डाला। प्रो. सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “हमारा संविधान केवल एक राजनीतिक दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह मानव सभ्यता के लिए एक चार्टर है। इसकी आंतरिक भावना, जो नैतिक उद्देश्यों और मानवीय आदर्शों में निहित है, समय की कसौटी पर खरी उतरी है और हमारे राष्ट्र की नियति को आकार दिया है।”
उन्होंने ज्ञान और राष्ट्र निर्माण के बीच गहरे संबंध पर बल देते हुए कहा, “नालंदा विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों को ज्ञान, सहानुभूति और वैश्विक समरसता की शक्ति की याद दिलाने वाले प्रकाशस्तंभ के रूप में कार्य करना चाहिए। एक शिक्षित समाज एक समृद्ध लोकतंत्र की आधारशिला है।” प्रो. सिंह ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा….
“आज का युवा न केवल हमारे महान लोकतांत्रिक परंपरा के उत्तराधिकारी के रूप में, बल्कि एक उज्जवल और अधिक समतामूलक भविष्य के निर्माता के रूप में स्वयं को देखे। उनकी दृढ़ता, नवाचार और उत्साह भारत के भविष्य को परिभाषित करेगा।”
इस अवसर पर 20 देशों के छात्र-छात्राओं द्वारा कई रंगारंग कार्यक्रम और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं, जिसमें भारत सहित सभी आसियान देशों की की समृद्ध विरासत और विविधता को प्रदर्शित किया गया। विश्वविद्यालय की वैश्विक भागीदारी, अनुसंधान परियोजनाओं और शैक्षणिक सहयोग सहित कई उपलब्धियों को भी उजागर किया गया। प्रो. सिंह ने गर्व से कहा, “नालंदा विश्वविद्यालय ने अकादमिक क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसमें 68 अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी, 38 प्रकाशन और विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ सहयोगात्मक परियोजनाएं शामिल हैं। हमारे छात्र और संकाय हमारी शान हैं, जो इस संस्थान की उत्कृष्टता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।”
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें लोकतंत्र, समानता और ज्ञान के प्रसार के मूल्यों को बनाए रखने के लिए नालंदा विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दोहराया गया। इस अवसर ने सभी को राष्ट्र की प्रगति और इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में अपनी साझा जिम्मेदारी की याद दिलाई।