October 18, 2024

#nalanda: नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित होगा बोधगया ग्लोबल डायलॉग्स 2024….जानिए

नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित होगा बोधगया ग्लोबल डायलॉग्स 2024..

 

 

 

 

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ख़बरें टी वी : 9334598481 : बोधगया ग्लोबल डायलॉग्स 2024 के छठे संस्करण का आयोजन 16 और 17 मार्च 2024 को नालंदा विश्वविद्यालय, राजगीर में होने वाला है। देशकाल सोसाइटी के सहयोग से आयोजित होने वाला यह शैक्षणिक कार्यक्रम इस वर्ष बोधगया, राजगीर तथा नालंदा के ऐतिहासिक विरासत व ज्ञान परंपरा में इन क्षेत्रों के योगदान के परिदृश्य पर केंद्रित होगा।

दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के माननीय राज्यपाल श्री राजेंद्र आर्लेकर द्वारा किया जाएगा। बोधगया ग्लोबल डायलॉग्स में आयोजित संवादों का उद्देश्य वरिष्ठ शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं के बीच विचार-विमर्श के माध्यम से भारतीय ज्ञान परम्परा को व्यापक और समृद्ध करना है।

आज बोधगया में हुए प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो अभय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार की भूमि सदा से संवाद, शांति और धैर्य की भूमि रही है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत विद्वतापूर्ण व्याख्यानों व संवाद के माध्यम से प्राचीन काल के मगध के क्षेत्रों व दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच ऐतिहासिक और अंतर-सांस्कृतिक आदान-प्रदान को रेखांकित किया जाएगा। कार्यक्रम में पुरातत्व, इतिहास और कला के कई विषयों को एक साथ लाने का प्रयास होगा।

देशकाल सोसाइटी के सचिव श्री संजय कुमार ने कहा कि बौद्ध धर्म की दर्शन और शिक्षाएँ, मगध क्षेत्र की परिकल्पना इत्यादि विषयों पर पैनल चर्चा, पुस्तक लॉन्च, फिल्म शो, सांस्कृतिक संध्या और प्रदर्शनी जैसे समानांतर कार्यक्रम भी इस आयोजन के अंतर्गत संचालित होंगे।

कार्यक्रम में बौद्ध दर्शन की शिक्षाओं के व्यापक अंतरसंबंधों पर हुए अद्यतन अनुसंधान पर शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं द्वारा विचार-विमर्श के माध्यम से बिहार की स्थानीयता, विरासत और इसके पुनर्निर्माण व संरक्षण के पहलुओं पर प्रकाश डाला जाएगा।

बोधगया ग्लोबल डायलॉग्स के पिछले संस्करणों ने भारत के विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों के साथ-साथ दुनिया भर के प्रतिनिधियों को आकर्षित किया है। सांस्कृतिक आदान-प्रदान की परंपरा को जारी रखते हुए इस वर्ष भी बोधगया ग्लोबल डायलॉग्स में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय शिक्षाविदों, छात्रों, नीति निर्माताओं, और कलाकारों की प्रतिभागिता आपेक्षित है।

नालंदा विश्वविद्यालय: 2010 में पुनर्जीवित इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य अकादमिक उत्कृष्टता और उच्च शिक्षा में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। लगभग एक सहस्राब्दी के बाद नालंदा के विशाल परिसर में तीस से अधिक देशों के छात्रों अध्ययनरत हैं। सदियों से नालंदा एशियाई ज्ञान का प्रतीक रहा है। यह विश्वविद्यालय अपने नए अवतार में एक बार फिर इसी तरह की यात्रा पर निकलने के लिए तैयार हो रहा है।

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