बिहार की संस्कृति देख अभिभूत हुए असम प्रतिभागी…
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#ख़बरें टी वी: रघुनन्दन सेवा सदन चोरसुआ द्वारा 24 से 30 जनवरी तक आयोजित सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम में असम के विभिन्न कॉलेज, विश्वविद्यालयों व संगठनों से आए प्रतिभागियों ने बिहार के अनेक पर्यटन स्थलों, ग्राम पंचायतों का परिभ्रमण कर बदलते बिहार को नजदीक से देखा। सभी प्रतिभागियों ने सरस्वती विद्या मंदिर चोरसुआ, पावापुरी में सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति से बिहार को और बिहार के कलाकारों ने अपनी कला से असम के प्रतिभागियों का परिचय कराया। प्रतिभागियों ने नीरज कांस्यकार व प्रेम जी के निर्देशन में पटना के विभिन्न पर्यटन स्थलों चिड़ियाघर, गोलघर, साइंस सिटी, बिहार संग्रहालय, महावीर मंदिर, लोकगायक व ब्रांड एम्बेसडर भैया अजीत के निर्देशन में नालंदा महाविहार के भग्नावशेष, व्हेनसांग म्यूजियम, कुंडलपुर, चन्दन कुमार, अभिमन्यु कुमार व अमरेन्द्र कुमार द्वारा सभी प्रतिभागियों को बोधगया, गया व पावापुरी का परिभ्रमण कराया गया। अनुपम क्षत्रिय जी के निर्देशन में राजगीर के विश्व शांति स्तूप, सोन भंडार, ब्रह्मकुण्ड, मनियार मठ, वेणुवन, गुरुद्वारा, नौलखा मन्दिर व राजगीर डिग्री कॉलेज का परिभ्रमण किया और कॉलेज में अपनी संस्कृति गायन के माध्यम से असम की संस्कृति प्रस्तुत किया। कॉलेज में एन0 एस0 एस0 कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ0 कामना जी द्वारा सबों को भगवान बुद्ध की प्रतिमा भेंट कर स्वागत किया गया। असम से एन एस एस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अश्विनी कुमार डेका ने कहा कि अब पहले जैसा बिहार नहीं रहा, सभी क्षेत्र में बदलाव देखने को मिल रहा है। विकास के साथ साथ लोगों के सोचने में काफी अंतर आया है और बिहार के प्रति हम सबों की सोच बदल रही है। अब यहां रात्रि में भी कारोबार हो रहा है, दुकानें खुली हुई है….
मेजबान साथी के अलावा भी बहुत सारे साथी बढ़ चढ़कर सहयोग कर रहे हैं। कार्यक्रम समन्वयक रोहित कुमार ने बताया कि जब हमलोग किसी दूसरे राज्य में कैम्प व अन्य माध्यम से जाते हैं तो वहां बिहार के बारे में जो मानसिकता दिखती है जिसका की वास्तविकता से कोई वास्ता नहीं है, से काफी निराशा होती है। बिहार के बारे में लोगों के सोच को परिवर्तित करने के लिए एक छोटा सा प्रयास किया जा रहा है और उन्हें बिहार की समृद्ध विरासत के साथ साथ वर्तमान से परिचय रूबरू कराया जा रहा है। 2022 में भी हमलोगों ने राष्ट्रीय युवा योजना के सहयोग से महाबोधि कॉलेज नालन्दा में कैम्प लगाया था जिसमें 25 राज्यों से 380 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था और बदलते बिहार की छवि देखी थी। असम से आए प्रतिभागियों ने राजगीर बस स्टैंड के पास श्रवण जी द्वारा 18 माह तक के बच्चे को निःशुल्क दूध देने की तारीफ करते हुए अंग वस्त्र से उनका सम्मान किया। सभी प्रतिभागियों को राजगीर में अनुपम कुमार क्षत्रिय, श्याम किशोर भारती, गया में रोहित कुमार, पटना में नीरज कांस्यकार व आनन्द कुमार, पावापुरी में सरिता कुमारी व चन्दन कुमार, नालंदा में सृजन व संत जेवियर विद्यालय चोरसुआ में सरस्वती विद्या मंदिर के बच्चों व शिक्षकों द्वारा स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम में पृथ्वी राज, निशां कुमारी, रामचंद्र गुप्ता, मनजीत सिंह, श्रवण यादव, अमर सिंह राजपूत, आयुष कुमार, प्लाजा कुमारी, अंकित द्विवेदी, सत्यम कुमार, प्रकाश कश्यप, उज्ज्वल कुमार का सहयोग सराहनीय रहा।