ख़बरे टी वी – अखिल भारतीय शिक्षा मंच ने दक्षता परीक्षा से वंचित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए…….. जानिए पूरी खबर
Khabre Tv – 9334598481 – ब्यूरो रिपोर्ट – अखिल भारतीय शिक्षा मंच ने दक्षता परीक्षा से वंचित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए शीघ्र दक्षता परीक्षा आयोजित कराने की मांग की है ।
अध्यक्ष आलोक आजाद ने बताया की इस संबंध में ईमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री , शिक्षा मंत्री एवं अपर मुख्य सचिव एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा तथा प्राथमिक शिक्षा को ज्ञापन भेजा गया है।
आलोक आजाद ने बताया कि पंचायतीराज संस्थानों में कार्यरत प्रारंभिक, माध्यमिक शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों, अनुकम्पा के आधार पर नियुक्त , विभिन्न न्यायालयों के आदेश व अपीलीय प्राधिकार से नियुक्त शिक्षक जिनको दक्षता परीक्षा से अब तक शिक्षा विभाग के द्वारा वंचित रखा गया है उनके लिए शिघ्र परीक्षा का आयोजन किया जाए।
आलोक आजाद ने बताया की बिहार माध्यमिक शिक्षक तथा पुस्तकालयाध्यक्ष (नियोजन एवं सेवाशर्त )नियमावली 2006 , संशोधित नियमावली 2009 , नियमावली 2012 एवं बिहार माध्यमिक विधालय सेवा ( नियुक्ति , प्रोन्नति , स्थानान्तरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त ) नियमावली 2020 के आलोक में वेतन वृद्धि हेतु दक्षता जांच परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया गया है। दक्षता परीक्षा का आयोजन करना शिक्षा विभाग की जबाबदेही है।
आलोक आजाद ने बताया कि उक्त नियमावली के आलोक में दक्षता परीक्षा का आयोजन करने की जिम्मेदारी राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद, पटना की थी ।परंतु शिक्षा विभाग के अकर्मण्यता के कारण वर्ष 2016 के बाद से अब तक पांच वर्ष से अधिक समय बीत जाने के वावजूद भी परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया है। जिसका खामियाजा शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को लगातार भुगतना पड़ रहा है।
आलोक आजाद ने बताया की ऐसे में दक्षता परीक्षा से वंचित शिक्षकों के साथ- साथ वर्ष 2016 में प्रथम प्रयास या द्वितीय प्रयास में असफल हुये शिक्षकों को द्वितीय अथवा तृतीय प्रयास में बैठने का अवसर नहीं मिल सका है जिसके कारण उनका वेतनवृद्धि प्रभावित हो रहा है ।
आलोक आजाद ने बताया कि बिहार सरकार तथा शिक्षा विभाग की अकर्मण्यता के शिकार बिहार के लगभग 5000 नियोजित शिक्षक तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को बिहार सरकार की सेवाशर्त नियमावली 2006, संशोधित नियमावली 2009 के अनुसार बिना दक्षता परीक्षा पास नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक लगाई थी। बावजूद 19 जुलाई 2016 के बाद से दक्षता परीक्षा का आयोजन सरकार के द्वारा अब तक नही किया गया।
आलोक आजाद ने बताया की नियमों के अनुसार दक्षता परीक्षा में सम्मिलित होने के लिये 3 वर्षो की सेवा अनिवार्य होती है,जिसके मुताबिक 31 मई 2013 के बाद बहाल हुए शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को बिहार सरकार ने एक बार भी दक्षता परीक्षा में सम्मिलित होने का अवसर प्रदान नही किया है।2020 कि सेवा शर्त नियमावली के अनुसार बिना दक्षता परीक्षा के पास हुए नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के वार्षिक वेतन वृद्धि के लाभ से वंचित रह जाएंगे। अभी वर्तमान में 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि के साथ जो फिक्सेशन होने वाला है उसमें दक्षता परीक्षा उतीर्ण नही होने पर उनके वेतन वृद्धि को रोकते हुए उन्हें आजीवन पहले इंडेक्स के वेतन में बनाए रखने का आदेश है। जो कि सामाजिक तथा नैसर्गिक न्याय का उलंघन है।