ख़बरे टी वी – आखिर नालंदा के वो कहाँ के नाराज किसानों ने दोबारा मुख्यमंत्री दरबार जाने की बात कहीं..
Khabre Tv – 9334598481 – वसंत की रिपोर्ट – मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश के साढ़े तीन महीने बीत जाने के बाद भी गिरियक स्थित बरगहिया पइन की उड़ाही का कार्य शुरू नहीं होने से नाराज किसानों ने दोबारा मुख्यमंत्री दरबार जाने
की बात कहीं । पीड़ित किसानों ने सोमवार को गिरियक सीओ से मिल अपनी मांगों को रखा ।
पीड़ित किसान सकुन्तला देवी, प्रेम सागर प्रसाद ,सचदेव, अमर, समुंद्री देवी, बसंती देवी ने कहा कि लगातार तीन महीने से अधिकारियों के द्वारा आश्वासन ही मिल रहा है ।
अधिकारी पंचायत चुनाव का हवाला देकर अभी तक टालमटोल का रवैया अपनाए हुए हैं । किसानों ने कहा कि स्थानीय अधिकारियों ने कहा था , कि पंचायत चुनाव के बाद अतिक्रमण को खाली कराकर पाइन के उड़ाही जल्द से की जाएगी । लेकिन अभी तक उस दिशा मे कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती दिख रही है। जिससे नाराज किसानों ने गिरियक अंचलाधिकारी अलख निरंजन यादव से मिलकर गोहार लागई ।
इधर गिरियक सीओ ने कहा उन्हें 1 से दो दिनों के भीतर चेतावनी नोटिस दे दिया जाएगा, फिलहाल
इस मामले में लगभग 45 अतिक्रमणकारियों को नोटिस दी जा चुकी है। प्रपत्र -2 के तहत लगभग 100 अतिक्रमणकारियों को मकान खाली कराने की नोटिस भी भेजी गई है। इन लोगों ने पइन के बीचोंबीच अतिक्रमण कर घर बना लिया है। इस कारण क्षेत्र की जल निकासी अवरुद्ध है।
किसानों की 10 एकड़ भूमि दलदल में तब्दील हो चुकी है।
*क्या है मामला*
गिरियक बाजार से सटे कृषि योग्य लगभग 10 एकड़ भूमि है। पईन के अतिक्रमण के कारण गिरियक बाजार की दुकानों एवं घरों का गंदा पानी इसी जमीन में गिर रहा है। इस कारण खेत दलदल हो गया है। किसान वर्षों से अपनी जमीन पर खेती नहीं कर पा रहे। जिससे उन्हें हर साल लाखों रुपए का नुक़सान उठाना पड़ रहा है। पीड़ित किसान पांच साल में कई बार स्थानीय अधिकारियों से इस समस्या के स्थाई निदान की मांग की लेकिन कोई समाधान नहीं निकला तो तीन महीने पहले किसानों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में फरियाद की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जल्द से जल्द जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया। सीएम के आदेश के 12 दिन बाद दिखावे के लिए जेसीबी से पईन की उड़ाही शुरू कराई गई। परंतु अतिक्रमण के कारण काम अधूरा छोड़ दिया गया।
जानें क्यों नाम पड़ा बरगहिया पईन ?
12 गांवों का मुख्य जलस्रोत होने के कारण बरगहिया नाम रखा गया था। यह पइन एक समय 12 गांवों की सिंचाई से लेकर जल निकासी का मुख्य साधन था। बरगहिया पइन पंचाने नदी से आदमपुर व कंदोपुर होते हुए घोसरावां तक 10 से 12 किलोमीटर दूरी तक फैली थी। लेकिन बीते 5 वर्षों में यह पइन अतिक्रमणकारियों का शिकार होती गई। शेष काम गंदगी, मल – मूत्र व कूड़ा-कचरा ने कर दिया। आज पईन का कई जगहों पर अस्तित्व ही मिट गया।