खबरें टी वी : ब्रिलियंट कान्वेंट के भव्य सभागार में शहर के प्रतिष्ठित डॉ अजय कुमार के द्वारा विद्यालय के बच्चों एवं शिक्षकों के बीच रक्तदाता जागरूकता अभियान…. जानिए पूरी खबर
ब्रिलियंट कान्वेंट के भव्य सभागार में शहर के प्रतिष्ठित डॉ अजय कुमार के द्वारा विद्यालय के बच्चों एवं शिक्षकों के बीच रक्तदाता जागरूकता अभियान
खबरें टी वी : 9334598481 : सत्यम की रिपोर्ट : बिहारशरीफ के ब्रिलियंट कान्वेंट के भव्य सभागार में शहर के प्रतिष्ठित डॉ अजय कुमार एमडी पैथोलॉजिस्ट के द्वारा विद्यालय के बच्चों एवं शिक्षकों के बीच रक्तदाता जागरूकता अभियान पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ अजय कुमार ने सभी को रक्तदान जागरूकता के बारे में लोगों को नालंदा जिला में ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना है। उसी के तत्वाधान में उन्होंने कहा कि रक्तदान को महादान कहा जाता है आपके रक्त की एक बूंद किसी की जिंदगी को बचा सकती है। ।
सामान्य तौर पर खून दान करने के लिए 18 साल की उम्र से लेकर 65 साल की उम्र तक के व्यक्तियों को ही उपयुक्त माना जाता है और ताजा खून तीन से चौदह दिनों के बीच का होता है आगे उन्होंने बताया कि अपना ब्लड निकाल के तुरंत बाद दान न करें । इसके अलावा खून दान देने वाला व्यक्ति का वजन 50 किलो से ज्यादा होना चाहिए और व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए तभी रक्तदान करने के लिए कहा जाता है।
ऐसे लोग जिन्हें हाई ब्लड प्रेशर , डायबिटीज ऐसी बीमारी होती है उन्हें रक्तदान करने से मना किया। विद्यालय के निदेशक डॉ धनंजय कुमार ने कहा कि लोग रक्तदान करने से पीछे हटते हैं इतने लोगों के जीवन को अच्छा करने के लिए हमारा यह प्रयास होना चाहिए कि हम अधिक से अधिक रक्त दान करें।
विद्यालय के चेयरमैन डॉ शशि भूषण कुमार ने कहा कि हम बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ नैतिक गुण भी सिखाते हैं और हमारा यह उद्देश्य है की “कम टू लर्न एंड एग्जिट टू सर्व ” अर्थात विद्यालय के बच्चों में यह गुण होना चाहिए कि वह समाज में आगे जाकर कुछ नैतिक काम करें तथा लोगों के बीच स्वास्थ्य संबंधी वृक्ष रोपण संबंधी एवं सामाजिक कार्य कुशलता के प्रति प्रेरित करें।
उन्होंने कहा कि रक्तदान करने का सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह होता है कि आप ऐसे व्यक्ति के आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं,
जिसके लिए आपका वक्त किसी न किसी प्रकार से उपयोगी साबित हुआ है और उसे नई जिंदगी प्राप्त हुई है। इसके अलावा दूसरी बात यह है कि खून दान करने से सिर्फ एक ही नहीं बल्कि तीन से चार व्यक्तियों को जीवनदान मिलता है क्योंकि खून को अलग-अलग उपयोगी घटकों में बदला जाता है इस प्रकार एक बार रक्तदान करने से एक से ज्यादा लोगों की जिंदगी बचाते हैं रक्तदान करने से खून प्राप्त होने का चक्र चलता रहता है। इसलिए हमें खुद भी खून दान करना चाहिए और लोगों को भी रक्तदान करने का प्रोत्साहन करवाना चाहिए ।
अंत में प्रो . मिथिलेश कुमार धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यशाला का प्रशंसा की एवं तालियों की गड़गड़ाहट से सभागार गूंज उठा। डॉ अजय कुमार ने बच्चों को भी कहा कि इस रक्तदान को लेकर आपके मन में कोई संशय या दुविधा है तो कई बच्चों ने अपने अपने स्तर से प्रश्न पूछे कुछ शिक्षक भी अपने स्तर से प्रश्न पूछे एवं डॉक्टर साहब ने सभी को अपने उत्तर से संतुष्ट किया। विद्यालय के शिक्षक रंजय सिंह ने सभा का समापन किया । इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक पवन कुमार , किशोर कुमार पांडे नितेश कुमार पाठक , राजकुमार सिंह, विजय कुमार आलोक कुमार, अविनाश कुमार, सुदीप कुमार गांगुली ,अंकिता , शशि स्मिता, नाजिया ,सृष्टि ,मिलन उपस्थित रहे।