ख़बरे टी वी – मकर संक्रांति के उपलक्ष में नालंदा जिले के अजातशत्रु किला मैदान राजगीर परिसर में सांकेतिक पतंग उत्सव का आयोजन किया गया ……. जानिए पूरी खबर
अजातशत्रु किला मैदान राजगीर परिसर में सांकेतिक पतंग उत्सव का आयोजन किया गया।
Khabre Tv – 9334598481 – आदित्य की रिपोर्ट – राजगीर :- अजातशत्रु किला मैदान परिसर में मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर संकेतिक पतंग उत्सव का आयोजन किया गया। बताते चलें कि इस पतंग उत्सव का शुरुआत निवर्तमान अनुमंडल पदाधिकारी रचना पाटिल एवं जागरूकता अभियान के निदेशक डॉ धर्मेंद्र कुमार जी के द्वारा 2014 में किया गया था।
इस मौके पर अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. धीरेंद्र उपाध्याय ने कहा कि मकर संक्रांति के समय नदियों में वाष्पीकरण क्रिया होती है। इससे तमाम तरह के रोग दूर हो सकते हैं। इसलिए इस दिन नदियों में स्नान करने का महत्व बहुत है। ताजी हवा खाने को उदेश्य से लोग अपने घरों के छत पर या मैदानों में पतंगबाजी भी करते हैं।
मौके पर राजगीर रेलवे स्टेशन के पूर्व प्रबंधक मतोष कुमार मिश्रा ने लोगो से अपील करते हुए कहा कि आज मकर संक्रांति है,आसमान में असंख्य पतंग हवा में अठखेलिया कर रही हैं , पतंग उड़ाने बालो को खूब मजा आएगा। लेकिन आपका ये मजा बेजुबान पक्षियों का मौत का पैगाम न बन जाए। इसलिए सीसे वाले धागे का प्रयोग न करें हमेशा सादा धागा का इस्तेमाल करे। यदि कोई घायल पक्षी मिल जाए तो उसका ख्याल रखे।
मौके पर गायत्री परिवार के अजय कुमार ने कहा कि मकर संक्रांति में उत्तर भारत में ठंड का समय रहता है। ऐसे में तिल-गुड़ का सेवन करने के बारे में विज्ञान भी कहता है। ऐसा करने पर शरीर को ऊर्जा मिलती है। जो सर्दी में शरीर की सुरक्षा के लिए मदद करता है।
मौके पर राजगीर नगर परिषद के ब्रांड एम्बेसडर भैया अजीत ने कहा कि इस दिन खिचड़ी का सेवन करने के पीछे भी वैज्ञानिक कारण है। खिचड़ी पाचन को दुरुस्त रखती है। इसमें अदरक और मटर मिलाकर बनाने पर यह शरीर को रोग-प्रतिरोधक को बढाकर बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करती है।
मौके पर जागरूकता अभियान के समन्वयक रमेश कुमार पान ने कहा कि आज के बच्चे सिर्फ मोबाइल में गेम खेलने में लगे हुए रहते हैं जिसके कारण उनका भौतिक विकास नहीं हो पाता है इसलिए प्राकृतिक प्रदत परम्परागत खेलों का लुफ्त लेना ही चाहिए । पतंगबाजी करने से हाथ पैर शरीर का व्यायाम होता है पतंग को आकाश में उड़ाते जरूर है।
लेकिन पंछियों का ख्याल रखते हुए सिर्फ सादे धागे का इस्तेमाल करें । मौके पर पुरातत्व विभाग के संजय कुमार ने भी पतंग उत्सव में अपनी सहभागिता दिखाइ। कोरोनावायरस को देखते हुए इस आयोजन को सांकेतिक रूप में किया गया है। इस अवसर पर बिट्टू कुमार, समाजसेवी सुनील कुमार के अलावे बच्चे भी उपस्थित थे।