November 23, 2024

ख़बरे टी वी – अखिल भारतीय शिक्षा मंच के अध्यक्ष आलोक आजाद ने आज शिक्षकों की आनलाईन बैठक के दौरान मुख्यमंत्री से नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के साथ सौतेला व्यवहार बंद करने की मांग की, नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों एवं उनके परिवार के सदस्यों को कैसलेस मेडीकल सुविधा देने सहित …….

अखिल भारतीय शिक्षा मंच के अध्यक्ष आलोक आजाद ने आज शिक्षकों की आनलाईन बैठक के दौरान मुख्यमंत्री से नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के साथ सौतेला व्यवहार बंद करने की मांग की है।

ख़बरे टी वी – 9334598481 – आलोक ने कहा की एक ओर जहां लोगों के स्वास्थ की देखभाल करने वाले स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का इस कोरोना काल के बावजूद चार हजार से पच्चीस हजार तक वेतन की बढ़ोतरी की गई है, वहीं दूसरी ओर देश के भविष्य का निर्माण करने वाले शिक्षा विभाग के अल्प वेतनभोगी नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों का वेतन एक वर्ष पूर्व मात्र पंद्रह प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की घोषणा के बावजूद आज तक लागू नहीं किया गया। जबकि दोनों हीं कोरोना वारियर्स हैं वावजूद दो तरह की नीति लागू की जा रही है। जो की अन्याय है।

आलोक आजाद ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों का वेतन सरकार ने चार से पच्चीस हजार की बढ़ोत्तरी की गई है जबकी अनेकों बार सरकार का ध्यान आकृष्ट करवाने के बावजूद वर्तमान में दुगने से ज्यादा महंगाई और बढ़ते हुए बिमारी को देखते हुए अलपवेतन भोगी नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन में सिर्फ चार से पांच हजार की बढ़ोत्तरी करना नियोजित शिक्षकों‌ तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के साथ अन्याय है।

आलोक आजाद ने मुख्यमंत्री से कोरोना संकट में महंगे इलाज एवं सुरसा की तरह बढ़ती महंगाई को देखते हुए नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन में स्वास्थ्य कर्मियों के तर्ज पर दस हजार से पच्चीस हजार की तत्काल बढ़ोतरी करने, नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों एवं उनके परिवार के सदस्यों को कैसलेस मेडीकल सुविधा देने, कोरोना ड्यूटी में लगे नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को स्वास्थ्यकर्मियों की तर्ज पर दुगना वेतन,कोरोना से मृत सभी नियोजित कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह आर्थिक सुविधाएं तथा दिल्ली सरकार के तर्ज पर एक करोड़ का आर्थिक सहायता प्रदान करने या कमसे कम पचास लाख की सहायता देने, कोरोना संकट को देखते हुए सभी शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों का अंतरजिला स्थानांतरण जल्द से जल्द करने की मांग की ताकी इस कोरोना काल में उनको कम से कम परिवहन का उपयोग करना पड़े। जिससे छात्र,शिक्षक तथा संबंधित सभी लोगों के जान की रक्षा हो सके।

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