ख़बरे टी वी – नालंदा में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति नालंदा के द्वारा किसानों की बेमौसम बारिश एवं यास तूफान से हुए भयानक तौर पर फसलों के नुकसान की भरपाई करने हेतु सरकार से गुहार लगाई, सरकार से मांग किया है कि अभिलंब प्रत्येक किसानों के खाते में ₹25000 दिया जाए उजड़े हुए झोपड़ी को अभिलंब बनाने का खर्चा दिया जाए……
ख़बरे टी वी – 9334598481 – अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति नालंदा के द्वारा किसानों की बेमौसम बारिश एवं यास तूफान से हुए भयानक तौर पर फसलों के नुकसान की भरपाई करने हेतु सरकार से गुहार लगाई
बी के एम यू के जिला सचिव राज किशोर प्रसाद ठेला फुटपाथ भेडर्स यूनियन के जिला सचिव रामदेव चौधरी गांव बचाओ संघर्षमोर्चा के जिला अध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव सत्येंद्र कृष्णम ने संयुक्त बयान जारी कर बताया कि पूरे जिले के अंदर बेमौसम बारिश यास तूफान के वजह से किसानों ने जो लाखों लाख रुपए पूंजी लगाकर तमाम तरह के सब्जियां मकई, मूंग, फल, फूल जो भी लगाए थे। सब चौपट हो गया खेतों में घुटने से ऊपर पानी बाहर आ रहा है ऐसे तमाम किसानों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई।
उक्त नेताओं ने गंभीर चिंता प्रकट करते हुए बताया कि किसान जिसे पालते हैं वही जब इसके खिलाफ हो जिसको अपना मत देकर गद्दी पर बैठाया जाए वही खिलाफ हो तो किसानों को तो खबर ही नहीं लगता कोई इसे शाह बनकर लूटता है कोई ब्याज लेकर लूटता कोई पीर बनकर लूटता है तो कोई पुरोहित बनकर लूटा ए किसानों तुझे तो कोई रिश्वत लेकर लूटता है कोई ग्राहक बनकर लूटता है कोई मंडीसे लूटता है कोई कमीशन से लूटता है कोई तुलाई में आंख मैं धूल डालकर कर लूट लेता और यह तो प्रकृति की मार है जिसे करोड़ो आंखें देख रहे हैं तुम्हारा तो छप्पर भी उजड़ गया तुम्हारा भूसा भी सड़ गया इन तमाम लुटेरों से तुम खामोशी से नहीं बचोगे उठो संघर्ष करो इस विकट परिस्थिति में एक तो लॉक डाउन का मार कोरोना का मार किसानों के बेटे सरहद पर गोली खा रहे हैं और किसान यहां आज तूफान बेमौसम बारिश से मर रहे हैं ऐसी परिस्थिति में उक्त नेताओं ने सरकार से मांग किया है कि अभिलंब प्रत्येक किसानों के खाते में ₹25000 दिया जाए उजड़े हुए झोपड़ी को अभिलंब बनाने का खर्चा दिया जाए पशुओं को चारा एवं दवा की व्यवस्था की जाए हैं किसानों के मजदूरों के तमाम तरह के कर्जे को माफ किया जाए और भविष्य में ऐसे प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए सरकार कोई ठोस योजना बनाएं ।