November 24, 2024

ख़बरे टी वी – दिलीप कुमार ने बयान जारी करते हुए कहा की सरकार को पूर्णतः लॉक डाउन करने में अब विलंब करने की आवश्यकता नहीं है जिस तरह से नालंदा जिला ही नहीं पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण अपना विकराल रूप दिखा रहा है कहीं ना कहीं जनता हित में लॉकडाउन करने का वक्त आ गया

ख़बरे टी वी – 9334598481- आज दिनांक 2 मई 2021 को जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह स्नातक अधिकार मंच के संयोजक दिलीप कुमार ने बयान जारी करते हुए कहा की सरकार को पूर्णतः लॉक डाउन करने में अब विलंब करने की आवश्यकता नहीं है जिस तरह से नालंदा जिला ही नहीं पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण अपना विकराल रूप दिखा रहा है कहीं ना कहीं जनता हित में लॉकडाउन करने का वक्त आ गया है ,पता नहीं सरकार क्या सोच रही है एक तरफ अस्पतालों में बेड नहीं है पूरे प्रदेश में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है जिला अस्पतालों में वेंटिलेटर नहीं है उसके बाद भी सरकार की नींद नहीं खुल रही है उन्होंने एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि नालंदा जिले में एकमात्र मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल जिसका नाम वर्धमान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज है जिसमें पूर्व से 500 बेड का अस्पताल है इसमें मात्र 100 बेड ही कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए रखा गया था जबकि वर्तमान में किसी भी सरकारी अस्पताल या निजी अस्पताल में सामान्य रोगियों की संख्या नहीं के बराबर है उसके बावजूद भी अस्पतालों को पूर्णरूपेण कोविड- अस्पताल नहीं बनाने के पीछे भी सरकार की कमी उजागर हो रही है इस आशय का पत्र उन्होंने 26 अप्रैल को बिहार के महामहिम राज्यपाल महोदय को भेजा था जिस पर संज्ञान लेते हुए महामहिम एवं स्वास्थ्य विभाग ने पावापुरी मेडिकल कॉलेज को पूर्णरूपेण कोविड- अस्पताल का दर्जा तो दे दिया लेकिन कोविड-19 के गाइडलाइन के अनुरूप इस अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं की गई है पुनः कल दिनांक 1 मई 2021 को जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार के द्वारा महामहिम राज्यपाल महोदय बिहार,माननीय मुख्यमंत्री बिहार ,स्वास्थ्य मंत्री बिहार प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग मुख्य सचिव बिहार एवं जिलाधिकारी नालंदा के नाम एक पत्र जारी कर ईमेल करते हुए यह मांग की गई है की तत्काल वर्धमान इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज के 500 बेड के अस्पताल में कोविड गाइडलाइन के अनुसार वहां पर वार्ड बॉय नर्सिंग स्टाफ एवं डॉक्टरों की नियुक्ति तत्काल की जाए जिस तरह से पटना के एआईआईएमएस आईजीएमएस एवं पीएमसीएच में कोविड- डॉक्टरों की सुविधा उपलब्ध है वैसी व्यवस्था तत्काल यहां भी कराई जाए क्योंकि यह मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भी 5 जिले के मरीजों को देखता है उन्होंने विस्तार से चर्चा करते हुए कहा की इस 500 बेड के अस्पताल के लिए मेडिसिन विभाग में मात्र 16 डॉक्टर ही उपलब्ध हैं जिसमें से आधे से अधिक बीमार चल रहे हैं तो 8 डॉक्टरों के भरोसे 24 घंटे का ड्यूटी कोविड वार्ड कैसे किया जा सकता है।

साथ ही जब इस अस्पताल में 100 बेड का कोविड- वार्ड बनाया गया था उस समय भी यहां नर्सिंग स्टाफ डॉक्टर एवं वार्ड बॉय की कमी थी अब उन्हीं कर्मियों के भरोसे 500 बेड का कोविड-19 अस्पताल नहीं चलाया जा सकता है उन्होंने राज्यपाल महोदय से आग्रह करते हुए यह भी कहा है कि अभी जो वर्तमान में कोरोना संक्रमण अपने राज्य में कोहराम मचा रहा है जिस तरह से कम्युनिटी ट्रांसफर पूरे जोर पर है इस अवस्था में हर हाल में बिहार में संपूर्ण लॉकडाउन लगना चाहिए साथ ही साथ उन्होंने राज्यपाल महोदय से पटना के अस्पतालों की तरह ही अनुभवी डॉक्टरों की टीम पावापुरी भेजने का आग्रह भी किया है उन्होंने मीडिया के माध्यम से राज्य सरकार से यह भी मांग की है कि सारे अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए वेंटीलेटर की व्यवस्था कराई जाए ,जैसा देखने से यह प्रतीत होता है कि सिर्फ कागजों पर ही ऑक्सीजन का सप्लाई दिखाकर सरकार अपना पल्ला झाड़ ले रही है जबकि हकीकत में पूरे राज्य में ऑक्सीजन के बिना सैकड़ों नहीं हजारों लोगों की जान रोज जा रही है और सरकार आंकड़ा छिपाने में व्यस्त हैं दिलीप कुमार ने सरकार से यह भी मांग किया कि सही सही आंकड़ा जनता के सामने लाइए तब जनता सारी वस्तु स्थिति से वाकिफ हो कर अपने आप लॉकडाउन कर देगी आंकड़ा छुपाने से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को आज भी कोरोना समझ में नहीं आता है पिछले बार जब कोरोना संक्रमण का दौर आया था तो बिहार शरीफ के चौक चौराहों मोहल्ला और प्रखंडों में माइक लगाकर इसकी भयावहता के विषय में लोगों को बताया जाता था इस बार यह कहीं भी देखने को नहीं मिल रहा है ,उन्होंने जनप्रतिनिधियों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव के वक्त सुख दुख में मदद का झांसा देकर आज सारे जनप्रतिनिधि जनता के बीच से गायब हैं जनता यह भी देख रही है की अभी जो बिहार की हालात है वह सरकार के कब्जे से बाहर है कोई भी पदाधिकारी सरकार का सुन नहीं रहा है जिस राज्य के सरकार यानी मुख्य सचिव ही कोरोना से संक्रमित होकर निजी अस्पताल में काल कलवित हो गए तो वैसे राज्य सरकार से जनता क्या उम्मीद कर सकती है अभी किसी भी अस्पताल में जाने के बाद कोई बेड उपलब्ध नहीं है सरकार को यह जरूर सोचना चाहिए की तत्कालिक कोरोना अस्पताल हर जिले के हेड क्वार्टर में किसी ने किसी मैदान में साथ ही हर प्रखंड में किसी न किसी मैदान में पंडाल लगाकर उसमें सारी व्यवस्था के साथ वैकल्पिक अस्पताल बनाया जाए ताकि जो लोग बेड के इंतजार में अपना दम तोड़ रहे हैं उनका इलाज सही सलामत हो सके। साथ ही जिला अध्यक्ष ने यह भी कहा कि अभी जल नल योजना जो सरकार के द्वारा चलाई जा रही है उसे रोककर तत्काल इस महामारी से बचाव के लिए उस योजना के पैसे को लोगों की जान बचाने में इस्तेमाल कर लियाजाना चाहिए जनता रहेगी तभी उसे जल और नल की आवश्यकता होगी जब जनता रहेगी ही नहीं तो जल नल की क्या आवश्यकता अभी जिस तरह से पूरे राज्य में चारों तरफ कोहराम मचा हुआ है आज चाहे वह गरीब हो या अमीर हो या कितना भी रसूख वाला हो सब का हाल खराब है सभी लोग डरे हुए हैं लोग ऑक्सीजन सिलेंडर खरीद खरीद कर घर में रख रहे हैं दवा की दुकानों पर लंबी कतार है लोगों में अफरा-तफरी का माहौल है सभी लोग जल्दी जल्दी दवा लेकर अपने घरों में रखना चाह रहे हैं।

ऐसा इसलिए हुआ कि लोगों का सरकार पर से विश्वास उठता जा रहा है उन्होंने खुद भी अपने ऊपर सवाल जवाब करते हुए कहा कि आज तक कभी वह इतने बेबस और लाचार नहीं हुए थे जितना इस बार हैं प्रतिदिन सैकड़ों फोन आता है लेकिन चाह कर भी हम किसी को मदद नहीं कर पा रहे हैं पूरे देश की जनता देख रही है यह कैसी विडंबना है लोग मंदिर में प्रसाद खाने के लिए तो टोकन कटवाते थे भोजन के स्टॉल पर टोकन मिलता था या किसी कार्यक्रम में जाने के लिए एंट्री पर टोकन का इस्तेमाल होता था लेकिन अभी मरने के बाद शमशान में जलने के लिए भी टोकन का इस्तेमाल किया जा रहा है यह कैसी विडंबना है उन्होंने नालंदा जिला वासियों सहित प्रदेश और देश के लोगों से आवाहन करते हुए कहा कि कोरोना के संक्रमण से बचने का मुख्यतः तीन ही तरीका है जिसमें सर्वप्रथम मास्क लगाना अनिवार्य है बिना मास्क पहने हुए किसी भी हाल में घर से बाहर ना निकले दूसरा जिसे सोशल डिस्टेंसिंग कहते हैं एक दूसरे से दूरी बना कर रखना है और तीसरा गर्म पानी का सेवन के साथ साथ गर्म पानी से गलाला और उसका स्वसन क्रिया के द्वारा अंदर बाहर छोड़ा जाए यही कोरोनावायरस का मुख्यतः इलाज है दूसरी ओर उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा की बिना ऑक्सीजन लेवल घटे हुए अस्पताल में कृपया भर्ती होने नहीं जाएं इससे दूसरे लोगों को जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है उन्हें असुविधा होती है इसलिए जब तक सर्दी खांसी बुखार रहे तो डॉक्टरों से परामर्श लेकर घर में ही दवा खाकर आइसोलेट हो जाएं जब तक हम एक दूसरे का सहयोग नहीं करेंगे तब तक इस कोरोनावायरस से हमें कोई नहीं बचा सकता भरसक प्रयास करें कि घर से बाहर ही ना निकले साथ ही साथियों दोस्तों से फोन के द्वारा संबंध स्थापित कर हंसने हंसाने का भी प्रयास करें कहीं ना कहीं खुश रहने से भी शरीर का इम्यूनिटी पावर बढ़ता है

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