ख़बरे टीवी – नालंदा ज़िला पदाधिकारी के निर्देशानुसार वरीय उपसमाहर्ता (बैंकिग) नवीन कुमार पाण्डेय ने हरदेव भवन सभागार में समीक्षात्मक बैठक की । बैठक में शिकायतकर्ताओं और अग्रणी ज़िला प्रबंधक रत्नाकर झा के अलावा…..
नालंदा ज़िला पदाधिकारी के निर्देशानुसार वरीय उपसमाहर्ता (बैंकिग) नवीन कुमार पाण्डेय ने हरदेव भवन सभागार में समीक्षात्मक बैठक की । बैठक में शिकायतकर्ताओं और अग्रणी ज़िला प्रबंधक रत्नाकर झा के अलावा…..
( ख़बरे टीवी – 9334598481, 9523505786 ) – नालंदा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) योजना से संबन्धित ज़िला बैंकिग शाखा को लगातार प्राप्त हो रहे शिकायतों के आलोक में नालंदा ज़िला पदाधिकारी के निर्देशानुसार वरीय उपसमाहर्ता (बैंकिग) नवीन कुमार पाण्डेय ने हरदेव भवन सभागार में समीक्षात्मक बैठक की । बैठक में शिकायतकर्ताओं और अग्रणी ज़िला प्रबंधक रत्नाकर झा के अलावा इलाहाबाद बैंक, सेंट्रल बैंक, दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, पीएनबी तथा एसबीआई के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
आवेदनों की अद्यतन स्थिति
इस योजना के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिला टास्क फोर्स से अनुमति मिलने के बाद जिला उद्योग केंद्र ने बैंकों को 1017 आवेदन फॉरवर्ड किए जिनमें से बैंकों द्वारा मात्र 100 प्रोजेक्ट की स्वीकृति दी गई। इसमे दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के द्वारा 204 आवेदनों मे मात्र 7 तथा एसबीआई के द्वारा 141 आवेदनों मे मात्र 2 की स्वीकृति दी गयी है। कुल 1017 आवेदनों मे 353 प्रोजेक्ट बैंकों के द्वारा वापस कर दिये गए है तथा 566 प्रोजेक्ट बैंकों के स्तर पर लंबित है। केवीआईसी के द्वारा भी बैंकों को अग्रसारित 142 आवेदनों मे मात्र 7 स्वीकृत किए गए है, 93 प्रोजेक्ट बैंकों के द्वारा वापस कर दिये गए है तथा 36 प्रोजेक्ट बैंकों के स्तर पर लंबित है। इस संदर्भ में डीबीजीबी और एसबीआई से स्पष्टीकरण के साथ साथ आवेदनों की अद्यतन स्थिति से अवगत कराने का निर्देश दिया गया।
वरीय उपसमाहर्ता (बैंकिंग) ने बताया कि 10 लाख तक का पीएमईजीपी लोन बिना किसी जमानत के बेरोजगारों को दिया जाना है, लेकिन बैंकर्स द्वारा युवाओं से जमानत एव सम्पत्ति मौरगेज करने का दबाव बनाने से संबंधित शिकायतें प्राप्त होते रहती है। समीक्षा के क्रम में यह भी पाया गया कि कई आवेदक बैंको को अपने प्रोजेक्ट की बारीकियों से अवगत नहीं करा पाते हैं जिससे बैंकों को प्रोजेक्ट स्वीकृत करने में दिक्कत आती है। वरीय उपसमाहर्ता ने आवेदकों और शाखा प्रबंधकों के बीच समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया ताकि अफवाहों पर विराम लगाया का सके। वरीय उपसमाहर्ता ने सभी बैंकर्स को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए यह अत्यंत ही महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजना है। सभी बैंकर्स को इस योजना के तहत अधिक से अधिक पात्र लोगों को संबंधित परियोजना के लिए वित्तपोषण सुनिश्चित करना चाहिए। इसके लिए बैंकर्स को संवेदनशीलता एवं उदारता से कार्य करना चाहिए।
कार्यशाला एवं स्पेशल टीम का गठन
इस संदर्भ में वरीय उपसमाहर्ता ने अग्रणी बैंक प्रबंधक को बैंकों के साथ बैठक कर पीएमईजीपी से संबंधित कार्यशाला आयोजित करने का निर्देश दिया जिसमे बैंक शाखा प्रबंधकों तथा पीएमजीपी के लाभान्वित भाग लेंगे। इससे पीएमईजीपी योजना के प्रति जागरूकता के साथ साथ योजना के प्रति बैंकों की गंभीरता एवं संवेदनशीलता भी दिखेगी।
साथ ही, वरीय उप समाहर्ता ने इस योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा लाभ युवाओं को देने हेतु स्पेशल टीम का गठन करने का सुझाव दिया जो ग्रामीण और शहरी इलाकों के कॉलेजों और अन्य संगठनों के साथ मिलकर युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करेंगे। इसमे डीआरसीसी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसके लिए विभिन्न व्यवसायों की जानकारियाँ देने को एक्सपेर्ट से भी मदद ली जानी चाहिए, ताकि युवा व्यापार करने से पहले इसकी बारीकियाँ जान सके।
पीएमईजीपी के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी से उद्यमी रहें सतर्क
हाल ही में, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने पीएमईजीपी के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी से उद्यमियों को सतर्क किया है. कुछ ऐसी घटनाओं की सूचनाएं आई हैं जिनमें संभावित उद्यमियों/लाभार्थियों को निजी व्यक्ति या एजेंसियों द्वारा पीएमईजीपी योजना के तहत ऋण की पेशकश की जा रही है, उन्हें ऋण अनुमोदन पत्र सौंपे जा रहे हैं और इसके लिए उनसे पैसे वसूलकर उन्हें धोखा दिया जा रहा है. ज्ञात को कि पीएमईजीपी योजना के तहत, आवेदन की प्राप्ति से लेकर स्वीकृति और बैंक द्वारा ऋण जारी करने तक, आवेदन और निधि जारी करने की पूरी प्रक्रिया केवल खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा संचालित सरकारी पोर्टल के माध्यम से ही की जा सकती है. यह पूरी प्रक्रिया एकदम निशुल्क है. कोई निजी पक्ष/एजेंसी/बिचौलिया/फ्रेंचाइजी आदि पीएमईजीपी परियोजना का अनुमोदन और प्रोत्साहन करने या पीएमईजीपी योजना के तहत वित्तीय सहयोग प्रदान करने से जुड़ा या अधिकृत नहीं है. किसी निजी व्यक्ति या एजेंसी द्वारा संभावित उद्यमियों/लाभार्थियों को पीएमईजीपी योजना के तहत ऋण पेश करना, ऋण अनुमोदन पत्र सौंपना और उद्यमियों से पैसे वसूलकर धोखा देना पूरी तरह से अवैध और नकली है। ऐसे असामाजिक तत्वों के बारे में ज़िला बैंकिग शाखा को भी अवगत कराया जाए।