November 23, 2024

ख़बरे टीवी – नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने लोकसभा में आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि यह अत्यन्त ही महत्वपूर्ण विधेयक है और आम जनता के हितों से इसका सीधा संबंध है, किसानों की समस्या पर हुई लोकसभा में चर्चा – कौसलेंद्र

नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने लोकसभा में आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि यह अत्यन्त ही महत्वपूर्ण विधेयक है और आम जनता के हितों से इसका सीधा संबंध है, किसानों की समस्या पर हुई लोकसभा में चर्चा – कौसलेंद्र

( ख़बरे टीवी – 9334598481, 9523505786 ) –  नालंदा के सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने लोकसभा में आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि यह अत्यन्त ही महत्वपूर्ण विधेयक है और आम जनता के हितों से इसका सीधा संबंध है। सरकार इसके लिए 5 जून, 2020 को एक अध्यादेश के द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 और 1980 में कुछ वस्तुओं के उत्पादन, आपूर्ति, वितरण, व्यापार और वाणिज्य को नियंत्रित करने के अधीन ऐसे प्रबंध करने की व्यवस्था होगी जो कृषि क्षेत्र में परिवर्तन और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक दूरदर्शी कदम होगा।
सरकार का मानना है कि इस संशोधन से अत्यधिक विनियामक हस्तक्षेप में कमी, निजी क्षेत्र और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में बढ़ोत्तरी, उपभोक्ता के हितों की सुरक्षा, निवेश को प्रोत्साहित करना, मूल्यों में स्थिरता लाना एवं खाद्य पदार्थों के विनियमन के संबंध में सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर लागू नहीं होना आदि लाभ मिलेगा।

किसी भी विशेष परिस्थिति में जिसके अन्तर्गत युद्ध अकाल, असाधारण कीमत वृद्धि और गंभीर प्राकृतिक आपदा में इसे सरकार वापस भी ले सकती है। इस बिल में ऐसा प्रावधान किया जा रहा है।
श्री कुमार ने बिल में कुछ आशंकाओं की ओर सरकार का ध्यान दिलाते हुए कहा कि राज्य सरकारों के अधिकार और शक्ति में यह कानून हस्तक्षेप करने वाला प्रतीत हो रहा है। इससे राज्य सरकारों के हाथ कमजोर होंगे। इससे होर्डिंग और मूल्य-वृद्धि के नियंत्रण में कठिनाईयाँ आ सकती हैं। पूँजीपति लोग इससे फायदा भी उठाने का प्रयास करेंगे। उस स्थिति में कई दण्ड का प्रावधान होना चाहिए। अगर कोई कालाबाजारी करता है, तो उसे भी कड़े दण्ड का भागी बनाने का नियमन होना चाहिए। जहाँ तक मुझे मालूम है कि विशेषज्ञ समिति सभी बिन्दुओं पर विचार करने के बाद ही उसे प्रारूप दिया होगा, किन्तु राज्यों के अधिकार और बेताहासा मूल्य वृद्धि रोकना मुख्य उद्देश्य होना चाहिए, जिससे आज जनता त्रस्त और त्राहिमाम है।
उन्होंने यह भी कहा कि कानून सरकार को किसी भी वस्तुओं के मूल्य नियंत्रण में काफी प्रभावी है। अगर वहाँ कुछ कुठाराघात हुआ तो आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।


अतः सरकार इन पहलुओं पर अवश्य ध्यान रखेगी। अब अनाज, दाल, तिलहन, खाद्य-तेल, प्याज, आलू, टमाटर जैसी वस्तुएं नियंत्रण से बाहर हो रही हैं, तो इससे किसानों को बाजार मूल्य का सीधा फायदा होगा। अब यहाँ एक ही आशंका है कि आम जनता इसकी चपेट में न आ जाए। क्योंकि देश में ऐसा पहले देखा गया है कि किसी भी वस्तु से सरकार का नियंत्रण हटने पर काला-बाजारी बढ़ जाती है। वहाँ पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।
अब कल ही सरकार प्याज के निर्यात पर पूर्ण रोक लगा दिया। देश में 40 रूपये किलो प्याज और टमाटर 80 रूपये किलो में बिक रहा है। किन्तु इससे किसानों को फायदा नहीं हो रहा है। दाल के भाव फिर आसमान छू रहे हैं। किसानों को कोई फायदा नहीं हो रहा है। अतः निगरानी तंत्र भी सही से बनाने की आवश्यकता है।