ख़बरे टीवी – डॉक्टर की लापरवाही से हुए मौत के मामले मे पीड़ित पिता ने की न्याय की मांग,उन्होंने कहा कि अगर 72 घंटे में उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे तो एवं उनकी पत्नी दोनो नालंदा एसपी कार्यालय के समक्ष आत्मदाह करेंगे.
डॉक्टर की लापरवाही से हुए मौत के मामले मे पीड़ित पिता ने की न्याय की मांग,उन्होंने कहा कि अगर 72 घंटे में उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे तो एवं उनकी पत्नी दोनो नालंदा एसपी कार्यालय के समक्ष आत्मदाह करेंगे.
( ख़बरे टीवी – 9334598481, 9523505786 ) – नालंदा हड्डी वं रीढ़ सेंटर के निदेशक डॉ अमर दीप नारायण के द्वारा पावापुरी निवासी अजीत कुमार, अधिवक्ता के 25 वर्सिय इकलौते पुत्र मनीष कुमार के इलाज के दौरान हुए लापरवाही से मौत के कारण रविवार को आक्रोशित ग्रामीणों ने लॉकडाउन एवं शारीरिक दूरी का पालन करते हुए, पावापुरी मोड़ से मुख्य मार्ग तक शांतिपूर्वक ढंग से कैंडल मार्च निकाल विरोध प्रदर्शन किया ।
इस अवसर पर सैकड़ों लोगों ने हाथ में तख्ती लिए नारेबाजी करते हुए जांच की मांग की । पीड़ित पिता अजीत कुमार ने कहा कि डॉक्टर अमरदीप ने सिर्फ पैसों के लालच में 3 दिनों तक आईसीयू में भर्ती कर रखा एवं परिजनों को इलाज के नाम पर आईसीयू में भर्ती कर दिग्भ्रमित करते रहे एव जब मरीज की स्थिति ज्यादा नाजुक हो गई, तो उसे अंतिम समय में रेफर कर दिया गया, उन्होंने कहा कि डॉक्टर अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर पूरे डॉ वर्ग को कलंकित करने का काम किया है ।
उन्होंने कहा कि उनके पुत्र मनीष को न्याय मिले । उन्होंने कहा कि मेरा गोद सूना हो गया किसी और मां-बाप के गोद सुना नहीं होना चाहिए, उन्होंने कहा कि मेरा पुत्र एम्टेक करके जॉब में था, उन्होंने हाथ जोड़कर कहा कि मेरे बस यही मांग है, कि डॉ अमरदीप को बख्शा नहीं जाए, उनका डिग्री का जांच हो जो भी कानून सम्मत कार्रवाई हो, वह कि जाए, उन्होंने कहा कि अगर 72 घंटे में उन्हें न्याय नहीं मिला तो वे तो एवं उनकी पत्नी दोनो एसपी कार्यालय के समक्ष आत्मदाह करेंगे,
इस अवसर पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक शर्मा ने कहा कि बिहारशरीफ के बड़ी पहाड़ी स्थित डॉ अमरदीप कुमार के द्वारा मृतक मनीष कुमार के इलाज में लापरवाही बरतने का काम किया है, उन्होंने कहा कि जहां उसने जल्दबाजी में गलत ढंग से सर्जरी कर दिया और हड्डी के पास से निकलने वाला खून और फैट को रोकने का कोई इलाज नहीं किया, जिस कारण एंब्रोलिस्म हो गया, जिसको डॉक्टर ने छुपा कर रखा और 3 दिनों तक इलाज के नाम पर खानापूर्ति करते रहे । क्योंकि उनका उद्देश्य ही पैसा कामना था, अंत मे मरीज के शरीर का हिमोग्लोबिन काफी कम हो गया एव मरीज की स्थिति बिगड़ते देख डॉक्टर अमरदीप ने आनन-फानन में छुटकारा पाने के लिए उसे पटना रेफर कर दिया और कहा कि इलाज हो गया है, बेहतर इलाज के लिए पटना ले जाओ । जब डॉक्टरी सलाह के अनुसार इलाज को लेकर पटना स्थित पारस हॉस्पिटल पहुंचे तो डॉक्टर ने जांच के दौरान ही बोला कि इनकी हालत काफी खराब हो गई ,है बचने की उम्मीद नहीं है । और कुछ देर मे मनीष की मौत हो गई ।
पारस अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि अगर मरीज को पहले लाया जाता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी । उन्होंने कहा कि डॉक्टर के द्वारा अत्याचार एवं शोषण किया जा रहा है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । ऐसे हत्यारे डॉक्टर को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए । वहीं राष्ट्रीय जन जन पार्टी के यूथ राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि डॉ कुमार अमरदीप ने सिर्फ पैसों के लालच में 3 दिनों तक आईसीयू में भर्ती कर रखा और मरीज की स्थिति ज्यादा गंभीर हो गई, तो उसे अंतिम समय में रेफर कर दिया गया । इस अवसर पर मार्च में मौजूद लोगों ने कहा कि पुलिस अधीक्षक नालंदा, पुलिस महानिदेशक पटना, मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री को पत्र देकर, इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर हत्यारा डॉक्टर पर कार्यवाही एवं मुकदमा दर्ज करने की मांग की, अन्य तरीके से आंदोलन किया जाएगा । इस अवसर पर अधिवक्ता संजय कुमार, अरुण कुमार, मृत्युंजय कुमार, राहुल कुमार, मनोहर लाल, प्रिंस राज एवं संदीप कुमार , डॉक्टर आरपी साहू , बबलू शास्त्री, गौरव कन्हैया सिंह, निरंजन, अमित कुमार, पप्पू कुमार सहित सैकड़ों लोग इस कैंडल मार्च में भाग लिया.