December 18, 2024

पूरे दुनिया में आज मुसलमान भाइयों ने हजरत मोहम्मद साहब की जयंती शौहार्द पूर्वक मनाई गई

makka-madina

पूरे दुनिया में आज मुसलमान भाइयों ने हजरत मोहम्मद साहब की जयंती शौहार्द पूर्वक मनाई गई|

आज के मुबारक मौके पर दिन मक्का शहर में 571 ईस्वी में पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब का जन्म हुआ था। इसी की याद में ईद मिलादुन्नबी का पर्व मनाया जाता है। इस साल ये दिन अंग्रजी कैलेंडर के अनुसार 10 नवंबर का है।वहीं मौलाना अनिसुर रहमान चिस्ती ने कहा कि पैगम्बरे- इस्लाम हजरत मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) धार्मिक सहिष्णुता के प्रतीक और सौहार्द के संदेशवाहक थे। इंसानियत के तरफदार और परस्पर प्यार के पैरोकार थे, इसलिए आपने मोहब्बत का पैगाम दिया तथा बुग्ज (कपट) और गीबत (चुगली) से सख्त परहेज किया।हजरत मो0 मौलाना तौकिर रजा इलाहाबादी ने कहा कि मानवता की मिसाल और मोहब्बत की महक का नाम है मोहम्मद (सल्लाल्लाहु अलैहि वसल्लम)। वहीं उन्होंने कहा कि इस्लाम धर्म के आखिरी पैगम्बर हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम है, जो पीर के दिन, सुबह सादिक के वक्त (12) बारह रबीउल अव्वल, बमुताबिक बीस (20) अप्रैल 571 ईसवी, मुल्क अरब के शहर मक्का शरीफ में पैदा हुए।इनके वालिद का नाम हजरत अब्दुल्लाह और वालिदा का नाम हजरत आमेना है और दादा का नाम अब्दुल मुत्तलिब है और नाना का नाम वहब है। आपकी जाहिरी जिंदगी (63) तिरसठ बरस की हुई।साथ ही उनके जिवनी पर प्रकाश डाला।

आज हजरत मोहम्मद [सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम] के जन्मदिन के मुबारक मौके पर बिहार शरीफ के पक्की तालाब की शाही मस्जिद में सुबह बाद नमाज फज मिलाद वह दुरूद खानी का एहतराम किया गया और भलाई एवं अमन व शांति की दुआ पर इस कार्यक्रम का समापन हुआ, वही रात को मदरसा असद किया के सदर दरवाजे पर जश्ने मिलादुन्नबी के प्रोग्राम का आयोजन किया गया|
इसके बाद मौलाना सैयद नूरुद्दीन असदक मिसवाही ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि पैगंबर ए आजम हजरत मोहम्मद साहब उर्फ सल्लल्लाहो अलैही वसल्लम की पाक जिंदगी इंसानियत के लिए एक बेहतरीन मिसाल है, जिसमें पूरी दुनिया अच्छी और एक मिशाली जिंदगी गुजारने का सबक हासिल करती रहती है, मोहम्मद साहब ने इंसानियत को सच्चे रास्ते पर चलने की तालीम दी अल्लाह के महबूब पैगंबर ने दुनिया को अमन और शांति का रास्ता दिया है, दुनिया मे जो बेअमनी है, वह सिर्फ इस बुनियाद पर है, कि हमने उनका रास्ता छोड़ दिया जरूरत है, इस बात की है कि हम दुनिया में अमन चाहते हैं, तो मोहम्मद साहब के रास्ते को अपनाना होगा, अमन व भाईचारा के लिए एक दूसरों के हक को पहचानना होगा, दुनिया भर में मचा खून- खराबा को सिर्फ मोहब्बत से रोका जा सकता है और इसका रास्ता मोहम्मद साहब की सुन्नतों पर अमल करने में है, उन्होंने कहा कि दुनिया जी लगाने की नहीं इबरत की जगह है।


उन्होंने कहा कि हजरत मोहम्मद साहब की राह पर चलकर ही जिंदगी व आखरी तक कायम बनाया जा सकता है, दीन ए इस्लाम इंसान के लिए नेमत है, दीन ए इस्लाम के रास्ते पर चलने वाला इंसान किसी का हक नहीं मारता है, इल्म के बिना किसी मसले की गहराई और उसका हल नहीं तलाशा जा सकता गरीबी इंसान की सबसे बड़ी दुश्मन है, लेकिन पढ़ा लिखा इंसान कभी गरीब नहीं होता दीन ए इस्लाम मैं दोनों तालीम बेहद जरूरी है, वही दुनिया में तालीम, वक्त व रोजगार की जरूरत है|
पैगंबर मोहम्मद साहब का संदेश विश्व बंधुत्व, दया , सहनशीलता और मानवता की भलाई की दिशा में काम करने के लिए हमें प्रेरित करता है, इस पवित्र दिन हम हजरत मोहम्मद साहब के जीवन और आदर्शों को याद करें और स्वयं को मानवता की सेवा में समर्पित करें उन्होंने कहा कि हमारे पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने कभी भी नफरत का जवाब नफरत से नहीं दिया था |अपने दुश्मनों से भी मोहब्बत किया उनका पूरा जीवन मोहब्बत भाईचारा, प्रेम और सौहार्द की मिसाल है ,समाज में मोहब्बत फैलाना चाहते हैं तो अपने पड़ोसियों पर ध्यान दें ऐसा करने से कामयाब हो गए तो हमारा समाज भी बेहतर होगा और हमारा देश भी अल्लाह तआला ने मोहब्बत साहब को पूरी दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजा उनके द्वारा किए गए सभी कामों में मोहब्बत हमदर्दी और प्यार की झलक दिखाई देती है, इस्लाम मोहब्बत से फैला है आप लोग भी अपने जीवन में पैगंबर साहब की बातों को आत्मसात करें उन्होंने कहा कि जो लोग इस्लाम के नाम पर हिंसा करते हैं या समाज में नफरत फैलाने का काम करते हैं, यकीन मानिए उनका इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है ऐसे लोगों का प्रतिकार करें।