ख़बरे टीवी – नालंदा के सरदार पटेल मेमोरियल कॉलेज में भूगोल विभाग के तत्वाधान में कोविड-19 के प्रभाव से प्रवासी मजदूरों के आगमन एवं उनके रोजगार पर एक नेशनल वेबीनार का आयोजन किया
नालंदा के सरदार पटेल मेमोरियल कॉलेज में भूगोल विभाग के तत्वाधान में कोविड-19 के प्रभाव से प्रवासी मजदूरों के आगमन एवं उनके रोजगार पर एक नेशनल वेबीनार का आयोजन किया गया.
( ख़बरे टीवी – 9523505786 ) – वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का संक्रमण भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में तेजी से फैलता जा रहा है। सभी देश बेचैन और परेशान हो चुके हैं, सब देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से पिट चुकी है, अभी तक इस कोरोना वायरस का कोई सफल उपचार या कोई वैक्सीन की खोज भी नहीं हुई हैं| विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित दुनिया के सभी देश अपने अपने तरीके से इस बीमारी की वैक्सीन का खोज करने मे जुटे हुए हैं उसी संदर्भ में पूरी दुनिया में भी इसके बचाव, रोकथाम एवं प्रचार- प्रसार जोरों पर चल रहा है। सरकार, प्रशासन, विश्वविद्यालय, महाविद्यालय भी इसके लिए सेमिनार आयोजित कर रही है विशेषज्ञों की राय ली जा रही है। इसी क्रम में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना, की अंगीभूत इकाई “लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल” के नाम से अवस्थित महाविद्यालय “सरदार पटेल मेमोरियल कॉलेज, उदंतपुरी बिहार शरीफ, नालंदा” में भूगोल विभाग के तत्वाधान में कोविड-19 के प्रभाव से प्रवासी मजदूरों के आगमन एवं उनके रोजगार पर एक नेशनल वेबीनार का आयोजन किया गया।
इस बेवीनार के आयोजक विद्या यादव (भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष) ने बताया कि यह नेशनल वेबीनार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुआ इसमें करीब 100 शिक्षक, छात्र, शोधार्थी एवं शिक्षाविदो ने सीधे लाइव सेशन मे तथा लगभग 500 लोगो ने अप्रत्यक्ष रूप से कॉलेज के फेस्बूक पेज के माध्यम से भाग लिया| इसमें कार्यक्रम मे राज्य के अलावा पूरे भारत एवं विदेश के लोगों ने शिरकत किया। यह वेबीनार सभी लोगों के लिए था, भाग लेने वाले प्रतिभागियों के लिए एक लिंक दिया गया था, उस लिंक में अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, आदि भरना था। इसमें शामिल सभी प्रतिभागियों को ईमेल के द्वारा प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा जो भविष्य में उनके लिए उपयोगी सिद्ध होगा। इसमें वेबीनार के मुख्य में मुख्य वक्ता प्रोफेसर आर॰बी॰ भगत, विभागाध्यक्ष माइग्रेशन और शहरी शिक्षा, अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान, मुंबई के थे। ये कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानो जैसे यूनेस्को यूनिसेफ आदि संस्थानों में सलाहकार के पद को सुशोभित कर चुके हैं ये कई अति महत्वपूर्ण शोध पत्र/पत्रिका, किताबें एवं रिपोर्ट्स, को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित करवा चुके हैं।
सर्वप्रथम, वेबीनार की आयोजक विद्या यादव ने सभी का परिचय करवाया तत्पश्चात कॉलेज के प्राचार्य और इस सेमिनार के अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर प्रोफेसर उमेश कुमार ने आज के परिवेश में इस तरह के बेवीनार की आवश्यकता क्यों है इस पर इन्होंने विस्तार से चर्चा किए| उन्होने ने आयोजक भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष विद्या यादव एवं कोऑर्डिनेटर निधि सिन्हा की भी काफी प्रशंसा की कि उनके प्रयास से ही इस वेबीनार का सफल आयोजन हो सका है।
प्रोफेसर भगत ने अपने उद्बोधन कहां की 1990 के बाद बिहार से भारी मात्रा में पलायन हुआ है अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगो का कामगार के रूप मे इस के अलावा समान्य बर्ग के लोग के बच्चों का शिक्षा के उद्धेश से| लेकिन इस महामारी के दौर मे भारी मात्रा मे रिवर्स पलायन हुआ अबतक लगभग 20 लाख लोग वापस बिहार आ चुके हैं और आगे भी आने की संभावना है|
ये जो प्रवासी वापस आ रह है वो अपने साथ नई स्किल/तकनीक ले के आ रहे है अगर इनको सही तरीके से विभीन्न रोजगार मे नियौजित किया जा सके तो उन्हे दोबारा शहर/दूसरे राज्य जाना नही पड़ेगा और अगर जाना भी पड़ा तो यह लोगों की अपनी इच्छा होनी चाहिए ना की उनकी मजबूरी| हालकि इस संदर्भ मे विद्या यादव द्वारा किए गए एक अध्यन मे तथ्य सामने आया हैं की वापस लौटे लोगो मे सिर्फ 80% लोग वापस अपने कार्यस्थल जाना चाहते है| अतः ये वक्त राज्य के लिए भी निर्णायक है की वो इन दक्ष प्रवासीयो को अपने यहाँ काम मे नियोजित कर राज्य में उनको रोक कर के राज्य के विकास मे कितना फायदा ले सकते है |
अंत में धन्यवाद ज्ञापन बेवीनार के कोऑर्डिनेटर निधि सिन्हा कॉलेज के भूगोल विभाग के अध्यापिका ने दिया उन्होने प्रोफेसर भगत जी को कोटि कोटि धन्यवाद दिया अपना कीमती समय निकाल कर इस वेबीनार में शामिल होने के लिए| साथ ही साथ है कॉलेज के प्राचार्य डॉ उमेश प्रसाद जी, आयोजक सचिव विद्या यादव जी, कॉलेज के सभी शिक्षक गण एवं इस सेमिनार में शिरकत कर रहे एवं इस सेमिनार के सफलता के लिए सहयोग करने वाले सभी को कोटि कोटि धन्यवाद बोला। साथ ही बताया कि काफी लोग इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिरकत किए एवं फेसबुक व्हाट्सएप और यूट्यूब के माध्यम से 5000 से अधिक लोग इस सेमिनार को देख और सुन चुके हैं।