BR24D0022892 -REG. BY CENTRAL GOVT.

#bihar: साइटिका (Sciatica) एक सामान्य समस्या है, परन्तु यह जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है….जानिए

 

 

 

 

 

 

 

साइटिका (Sciatica) एक सामान्य समस्या है, परन्तु यह जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है….

 

 

 

 

 

 

ख़बरें टी वी : पिछले 15 वर्षो से ख़बर में सर्वश्रेष्ठ.. ख़बरें टी वी ” आप सब की आवाज ” …आप या आपके आसपास की खबरों के लिए हमारे इस नंबर पर खबर को व्हाट्सएप पर शेयर करें… ई. शिव कुमार, “ई. राज” -9334598481.

.. हमारी मुहिम .. नशा मुक्त हर घर .. बच्चे और नवयुवक ड्रग्स छोड़ें .. जीवन बचाएं, जीवन अनमोल है .. नशा करने वाले संगति से बचे ..

… हमारे प्लेटफार्म पर गूगल द्वारा प्रसारित विज्ञापन का हमारे चैनल के द्वारा कोई निजी परामर्श नहीं है, वह स्वतः प्रसारित होता है …

 

 

 

 

 

 

 

#ख़बरें टी वी: साइटिका (Sciatica) एक सामान्य समस्या है, जिसमें रीढ़ की हड्डी से निकलने वाली साइटिक नर्व में दबाव या जलन के कारण पीठ, नितंब और पैरों में तेज दर्द होता है। यह समस्या आमतौर पर 30 से 50 साल के लोगों में अधिक देखी जाती है, और यह जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। फिजियोथेरेपिस्ट साइटिका के इलाज के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करते हैं, जिनमें एक्सरसाइज, मैन्युअल थेरेपी और पोस्टुरल सुधार शामिल हैं।

साइटिका के कारण :-

साइटिका आमतौर पर तब होता है जब रीढ़ की हड्डी के बीच की डिस्क से बाहर निकलकर किसी नस पर दबाव बनता है। यह दबाव साइटिक नर्व (जो शरीर के निचले हिस्से तक जाती है) पर पड़ता है, जिससे दर्द और सूजन होती है। हर्नियेटेड डिस्क, स्पाइन स्टेनोसिस, या मांसपेशियों का तनाव साइटिका के सामान्य कारण हैं।

फिजियोथेरेपी का महत्व :-

फिजियोथेरेपी साइटिका के इलाज में अहम भूमिका निभाती है। एक फिजियोथेरेपिस्ट आपके दर्द और समस्याओं के आधार पर व्यक्तिगत उपचार योजना तैयार करते हैं। इसका उद्देश्य नर्व पर दबाव को कम करना, मांसपेशियों को मजबूत करना और शरीर की मुद्रा को सुधारना होता है।

फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा उपयोग किए जाने वाले उपचार :-

स्ट्रेचिंग और स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज :-
फिजियोथेरेपिस्ट रोगी को रीढ़ की हड्डी और निचले शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए एक्सरसाइज करते हैं। ये एक्सरसाइज दर्द को कम करती हैं और रीढ़ की हड्डी की लचीलेपन को सुधारती हैं।

मैन्युअल थेरेपी :-
इसमें फिजियोथेरेपिस्ट हाथों से मसाज या मैन्युअल दबाव डालकर मांसपेशियों की कंप्रेशन को दूर करते हैं। यह दर्द को कम करने और मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है।

हीट और कोल पैक :-
गर्म या ठंडे पैक का इस्तेमाल दर्द को कम करने के लिए किया जाता है। गर्मी रक्त संचार में सुधार करती है, जबकि ठंडक सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती है।

पोषण और जीवनशैली के सुझाव :-
फिजियोथेरेपिस्ट सही आहार, वजन नियंत्रित करने और उचित शारीरिक गतिविधियों की सलाह भी देते हैं ताकि साइटिका के दर्द को कम किया जा सके और भविष्य में यह समस्या न हो।

साइटिका से बचाव के तरीके :-

सही मुद्रा बनाए रखें।
वजन नियंत्रित रखें।
भारी चीजें उठाते समय शरीर की मुद्रा पर ध्यान दें।
नियमित व्यायाम करें, खासकर पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने वाले।

निष्कर्ष :-
साइटिका एक दर्दनाक स्थिति हो सकती है लेकिन सही उपचार और फिजियोथेरेपी के माध्यम से इसे कम किया जा सकता है। फिजियोथेरेपिस्ट के मार्गदर्शन में दी जाने वाली एक्सरसाइज, मैन्युअल थेरेपी और अन्य उपचार विधियों से साइटिका के दर्द में राहत मिल सकती है और मरीज की जीवनशैली में सुधार आ सकता है।

फिजियोथेरेपिस्टों का यह काम सिर्फ दर्द को कम करना नहीं है, बल्कि रोगी को स्वस्थ जीवन जीने के लिए आवश्यक शारीरिक गतिविधियों के बारे में भी मार्गदर्शन करना है।

Dr. Bhaskar Chand
Founder of Physio Art welfare Foundation, Jharkhand State
General Secretary, Slingshot Association of Jharkhand
Team Physiotherapist, Arm Wrestling Association of Jharkhand
Specialization in Orthopedics and Sports

Achievements:

Medical Ratna Award (by Arogyam Guru Hindi Magazine)

Indian Healthcare Award

Physio Achievement Award 2022