सरकार क्षेत्रीय प्रवंधकों एंव शाखा प्रवंधकों कि कालें कमाई से की गई सम्पत्ती की जांच सी.बी.आई. से कराऐं-एन.सी.पी………
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#ख़बरें टी वी: आज दिनांक–11/12/2024 दिन वुधवार को एन.सी.पी.के जिलाध्यक्ष राजकुमार पासवान के अध्यक्षता में सैकड़ों कार्यकर्ता के द्वारा बैंकों के क्षेत्रीय प्रबंधक एवं शाखा प्रबंधक की दोगली नीतियों के खिलाफ अर्थी जुलूस का कार्य सम्पन्न किया। सरकार से एन.सी.पी.के अध्यक्ष श्री पासवान ने यह मांग किया कि शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए सरकार द्वारा संचालित विभिन्न प्रकार की योजनाओं विशेषकर PMEGP/PMFME/MUDRA-योजना को नालंदा जिले के आग्रणी बैंक जिसमें भारतीय स्टेट बैंक/पंजाब नेशनल बैंक/यूनियन बैंक-/बैंक आफ वडौदा-एंव दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक एवं अन्य बैंकों के द्वारा कितने लाभार्थी को लाभ पहुंचाया गया है। आज भी बैंकों के मनमानीपूर्ण,तानाशाही एवं अफसरशाही रवैया के कारण बहुत सारे बेरोजगार युवक/युवतियां बेरोजगारी का दंश झेल रहे है। बैंक अधिकतर वैसे लोगों को ही ऋण मुहैया करता है जिसमें उसे मोटी रकम कमीशन के तौर पर मिलता है। इस कार्य में संलिप्त सभी प्रबंधकों की काले कमाई कि गाई अवैध रुप से संपति की जांच सि.वी.आइ.से कराई जाए तो पर्दाफाश हो,*
*प्रायः जरूरतमंद गरीब बेरोजगार युवक/युवतियां बैंकों का चक्कर लगाकर–लगाकर थक हारकर निराश हो जातें है। स्पष्ट रूप से यह पता लगाया जा सकता है कि जो दलालों के माध्यम से मोटी रकम कमीशन के तौर पर प्रबंधक को घुस देता है उसे ही ऋण मुहैया कराया जाता है। प्रबंधक अपने लक्ष्य की प्राप्ति की बात ऐसे लोगों को ऋण मुहैया कराकर ही दावा करता है।*
*अगर कुछ सामाजिक पार्टी के नेता इस संदर्भ में जानकारी लेने हेतु बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक से मिलने जाते है,तो उसे* *डांट–फटकारकर बैंकों से भगा दिया जाता है और बड़े ही रौब से कहता है कि जहां जाकर मेरी शिकायत करना है कर सकतें है। मेरा कोई बाल–बांका भी नहीं बिगाड़ सकता है। इस तरह का रवैया से यही लगता है कि बैंक का प्रबंधक बैंक को अपना निजी जागीर समझता है।भारत सरकार के वित्त मंत्री श्री सीतारमण एस.वी.आई .और पंजाव नेशनल बैंक,यूनियन बैंक,बैंक आफ बडौदा एंव ग्रामीण बैकों को पैकेज कमीशन पर सरकारी राशी मुहैया नहीं करें तो बैंको का नानी याद आ जाए-*
*ईसी कारण नियम–कायदे का कोई डर नहीं है।उसे जबकि बिहार सरकार मुख्यमंत्री हो या केंद्र सरकार के वित्त मंत्री या आर.बी.आई.के गवर्नर हमेशा बैंकों के रवैया के प्रति नाराजगी प्रकट कर चुकें है। परंतु कुछ शाखा प्रबंधक और क्षेत्रीय प्रबंधक इन लोगों के आदेशों का धत्ता बता रहे है। उसमें सबसे आगे-आग्रणी बैंक का दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक अमरनाथ चौधरी का है। और भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रवंधक-अजीत कुमार हैं।एंव-पंजाव नेशनल बैंक के क्षेत्रीय प्रवंधक पंकज कुमार झा,जिसको अपने ग्राहक से बात करने की तमीज तक नहीं है। यही अमरनाथ चौधरी और अजीत कुमार -अगर दलाल के माध्यम से मिलतें है तो बहुत ही मीठी–मीठी बात करते है। ऐसे लोग ही बिना* *दलाल के बैंक जरूरतमंद आम नागरिकों की बात सुनना भी पसंद नहीं करते हैं।*
*N.C.P. सरकार से यह मांग करती है कि वैसे बैंकों को चिह्नित कर सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित राशि को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाय तो उसे सरल और सुगम बनातें हुए एक वैकल्पिक व्यवस्था कायम की जाय क्योंकि आज भी बैंक अपनी उसी पुरानी साहूकारी व्यवस्था से संचालित कर रही है।*
*सरकार से -एन.सी.पी.यह भी मांग करती है कि अभी बैंकों द्वारा दिए गए बेरोजगारों की ऋण की सूची जारी करें ताकि यह पता चल सकें कि अभी तक कितने दलित, पिछड़े,अल्पसंखयक एवं गरीब परिवारों को उसका लाभ दिया गया है।*
*ईस अर्थी जुलूस में शामील एन.सी.पी.के नेतागण-रामदेव पासवान,मोहम्मद आजाद,आरती कुमारी,रहुल रंजन सिंह,अनुज कुमार,दिनेश कुमार,भोला पासवान,पप्पू पासवान,संतोष कुमार,वह्मदेव पासवान,छोटू पासवान,अजीत कुमार,नेहा कुमारी,जुली कुमारी,मौसम रानी,वालमिकी पासवान,ईत्यादी सैकडों लोग शामील थे।*