#nalanda: हिलसा विधिक सेवा क्लिनिक में विधिक सेवा दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम…. जानिए
हिलसा विधिक सेवा क्लिनिक में विधिक सेवा दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम….
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#ख़बरें टी वी: नालन्दा हिल्सा सिविल कोर्ट परिसर में बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार नालन्दा के अध्यक्ष सह जिला जज मो० हसमुद्दीन अन्सारी व अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव अमित गौरव तथा हिलसा तालुका विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष सह एडीजे अजीत कुमार सिह व एसडीजेएम सह सचिव शोभना स्वेतांकी के संयुक्त निर्देशन में पैनल अधिवक्ता सुरेन्द्रसिंह एवं हिलसा विधिक सेवा क्लिनिक में डीपुट पीएलवी आलोक कुमार की अध्यक्षता में विधिक सेवा दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया / जिसमें पैनल अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि हर साल विधिक सेवा दिवस 9 नवम्बर को मनाया जाता है / यह दिन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की शुरू आत को दर्शाता है / इस अधिनियम को 9 नवम्बर 1995 को अधिकारिक तौर पर लागू किया गया था /
सभी नागरिकों के लिए उचित निष्पक्ष और न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करने हेतू जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 9 नवम्बर को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस मनाया जाता है /
राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस की शुरुआत पहली बार 1995 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समाज के गरीब और कमजोर वर्गो को सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए की गई थी /
भारत का मुख्य न्यायाधीश इसका मुख्य संरक्षक होता है और भारत के सर्वोच्च न्यायालय का द्वितीय वरिष्ठ न्यायाधीश प्राधिकरण का कार्य कारी अध्यक्ष होते हैं/
विधिक सेवा दिवस मनाने का मकसद ये है , कि सभी नागरिको को उचित और निष्पक्ष न्याय प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता फैलना /
सभी नागरिको को मुफ्त कानूनी सहायता की उपलब्धता के बारे में जागरूक करना /
उन लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करना जो वकील रखने में जोखिम नहीं उठा सकते /
इस दिन देश की राजधानी में कई तरह के कानूनी साक्षरता शिविर और कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं/ इस कार्यक्रमों में सरकारी और गैर सरकारी दोनों तरह के संगठनो के लोग हिस्सा लेते है/
पीएलवी आलोक कुमार द्वारा विधिक सेवा दिवस मनाने के उद्देश्यों के बारे में कहा कि कानूनी मामलों के बारे में आम जनता को जागरूक करना / समाज के कमजोर वर्गो को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करना / सुलह मध्यस्थता और न्यायिक निपटारा जैसे वैकल्पिक विवाद समाधान (एडीआर ) की पेशकश / लोक अदालतो का आयोजन कराना /
इनको मिला है मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार 1994 के संशोधन अधिनियम के बाद 9 नवम्बर 1995 में लागू किया गया /
इसके बाद से मुख्य अधिनियम के लिए कई संशोधन पेश किये गए / आपको बता दें कि इस अधिनियम के माध्यम से पिछड़े हुए , आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, विकलाग व्यक्तियो को मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है / न्याय प्राप्त करने का जितना अधिकार एक अमीर व्यक्ति या किसी सामान्य वर्ग के व्यक्ति को है उतना ही अधिकार एक आम व्यक्ति को है / इस दिवस पर उपस्थित पैनल अधिवक्ताओं ने भी अपने अपने विचार प्रस्तुत किये /
इस मौके पर निम्न पैनल अधिवक्ता लोग उपस्थित थे
स्वामी सहजानन्द, सुषमा कुमारी , सुमन शर्मा , संजय कुमार सिंह , जयशंकर पासवान,
प्रमोद कुमार सिंह, राम उदेश प्रसाद , विवेकानन्द सिंह , जय प्रकाश नारायण सिंह , सुनिल कुमार देव , सन्दीप कुमार , अनिल कुमार , सीमा कुमारी , विभा कुमारी , दिनेश कुमार /
पीएलवी में सजीव कुमार , श्रवण रविदास , हरिओम प्रकाश चौहान, शोभा कुमारी , संजय कुमार इत्यादि /