October 19, 2024

#nalanda: कृषक उत्पादक संगठनों की कार्यशाला का आयोजन, कृषि को उद्यम के रूप में विकसित करने पर बल…. जानिए

 

 

 

 

 

 

कृषक उत्पादक संगठनों की कार्यशाला का आयोजन, कृषि को उद्यम के रूप में विकसित करने पर बल….

संगठन के क्रियाकलाप की समीक्षा की गई….

 

 

 

 

 

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खबरें टी वी: हरनौत(नालंदा) स्थानीय केवीके में जिले के 25 किसान उत्पादक संगठनों(एफपीओ) की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के साथ कुल 45 सदस्य उपस्थित हुए। इसका नेतृत्व प्रभारी सह पशु चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ विद्याशंकर सिन्हा ने किया।
नाबार्ड के डीडीएम अमृत वर्णवाल ने कहा कि पारंपरिक व मौसम आधारित खेती अब लाभदायक नहीं है। उससे बस लाइफ को रूटीन के हिसाब से चलाया जा सकता है। ऐसे में किसान परिवार एक लिमिट से आगे की नहीं सोच सकते हैं।
केंद्र सरकार की कृषि को उद्यमिता के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से किसान उत्पादक संगठन का प्रारूप तैयार किया गया। पर इसे यानि एफपीओ को सिर्फ खाद और बीज के लाइसेंस भर सीमित नहीं कर सकते हैं। इसे किसानों की आय बढ़ाने की हर तकनीक से जोड़ने की जरूरत है। खेती, उद्यानिकी की बेहतरी, फूड प्रोसेसिंग इसके उपाय हो सकते हैं। इसे ही उद्योग के रूप में विकसित किया जा सकता है। पर यह एक अकेले से नहीं होगा। बल्कि समूह में काम करने की जरूरत है।
लीड बैंक मैनेजर श्रीकांत सिंह ने बताया कि कृषि संबंधी कार्यों के लिए बैंक सहयोग को हमेशा तत्पर रहा है। बैंक से समूह में कृषि या संबंधित कार्यों को बढ़ावा मिलता है। इससे नुकसान की आशंका कम होती है। फायदा होने पर सभी को कुछ न कुछ लाभ होता है। नये तरीके ईजाद होते हैं। ऐसे में एफपीओ की भूमिका बढ़ जाती है।
जिला कृषि पदाधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि विगत वर्षों से जलवायु अनुकूल व राष्ट्रीय नवाचार जैसे कार्यक्रमों के आने के बाद किसान खेती और पशुपालन के नये तरीकों को अपना रहे हैं। वे उससे लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं। एफपीओ उन्हें संगठित करें। ताकि कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाया जा सके। कृषि में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाने को सरकारी स्तर कृषि यंत्र व उपकरणों पर सब्सिडी के रूप में बड़ी राहत दी जा रही है। एफपीओ उन्हें इसकी खरीद और इस्तेमाल में सहयोग कर सकते हैं।
जिला मत्स्य पदाधिकारी शंभु कुमार ने बताया कृषि, पशुपालन व मछली पालन कहीं न कहीं, किसी न किसी तरीके से जुड़े हैं। कहा जा सकता है कि वे एक दूसरे के पूरक हैं। ऐसे में खेती व पशुपालन के साथ मछली पालन का अच्छा समन्वय हो सकता है। इससे किसानों की आमदनी को बेहतर किया जा सकता है।
मगध एफपीओ के चेयरमैन चंद्र उदय कुमार ने बताया कि एफपीओ के सहयोग से चंडी के मोकिमपुर में बायोगैस प्लांट की स्थापना की गई है। इस बार दलहन का बीज बाजार में 80 रुपये प्रति किग्रा था। एफपीओ के माध्यम से 60 रुपये के हिसाब से मिला। हालांकि खाद, बीज आदि के लाइसेंस में कुछ शर्तें एफपीओ की राह में अवरोध बनी हैं। इसमें सुधार की जरूरत है।
प्रभारी प्रधान वैज्ञानिक डाॅ विद्याशंकर सिन्हा ने कार्यशाला में धन्यवाद ज्ञापन किया। जबकि मंच संचालन वरीय वैज्ञानिक डाॅ उमेश नारायण उमेश ने किया। इसमें जिला उद्यान केंद्र के महाप्रबंधक, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण संतोष कुमार, उद्यान राकेश कुमार, कृषि अभियंत्रण अभिमन्यु कुमार, पौधा संरक्षण विशेषज्ञ डाॅ आरती कुमारी, बागवानी विशेषज्ञ डाॅ विभा रानी, मुकेश कुमार, अर्पणा, पुनम पल्लवी, विक्की व अन्य मौजूद थे।

 

 

रिपोर्ट हरिओम कुमार

 

 

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