October 19, 2024

#nalanda: बच्चो को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएँ और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाएँ नालसा योजना 2015 विषय पर जागरुकता शिविर … जानिए

 

 

 

 

 

 

बच्चो को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएँ और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाएँ नालसा योजना 2015 विषय पर जागरुकता शिविर …

 

 

 

 

 

 

 

ख़बरें टी वी : पिछले 14 वर्षो से ख़बर में सर्वश्रेष्ठ..ख़बरें टी वी ” आप सब की आवाज ” …
आप या आपके आसपास की खबरों के लिए हमारे इस नंबर पर खबर को व्हाट्सएप पर शेयर करें…ई. शिव कुमार, “ई. राज” —9334598481.. हमारी मुहिम… नशा मुक्त हर घर …

… बच्चे और नवयुवक ड्रग्स छोड़ें .. जीवन बचाएं, जीवन अनमोल है .. नशा करने वाले संगति से बचे …

 

 

 

 

 

 

खबरें टी वी: नालन्दा इसलामपुर प्रखंड के कोचरा कुशवाहा भवन में बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार व नालन्दा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में जिला प्राधिकार अध्यक्ष सह जिला जज मो० हसमुद्दीन अन्सारी व अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव संजीव कुमार पाण्डेय तथा हिलसा अनुमंडलीय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष सह एडीजे अजीत कुमार सिंह के संयुक्त निर्देशन में पैनल अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह एवं आलोक कुमार पीएलवी की अध्यक्षता में बच्चो को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएँ और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाएँ नालसा योजना 2015 विषय पर जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया ।

 

 

जिसमें पीएलवी आलोक कुमार ने इस योजना के मुख्य उद्देश्यों की जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों तक पहुँचने के लिए मूल अधिकारों एवं लाभो की रूपरेखा बनाना / बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण और सभी स्तरों पर बच्चों को कानूनी झगड़ों के निदान के लिए विधिक प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करना है/
संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने बालकों के अधिकारों जाति , रंग , लिंग, भाषा , धर्म अथवा वंश का भेद भाव किये बिना बच्चों को स्वस्थ एवं सामान्य ढंग से तथा स्वतंत्र व गौरवपूर्ण परिस्थिति में उनका शारीरिक , मानसिक, नैतिक, अध्यात्मिक , राजनीतिक , आर्थिक , सांस्कृतिक तथा सामाजिक विकास करने के योग्य बनाना /
उन्होंने शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के अनुच्छेद 21( ए) के तहत छः वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले सभी बालको के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है /
पैनल अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि भारतीय दण्ड संहिता 1860 एवं बाल किशोर श्रम प्रतिषेध अधिनियम 1986 व अनुच्छेद 24 के अनुसार चौदह वर्ष से कम आयु के किसी बालक को किसी कारखानें या खान में काम करने के लिए नियोजित नहीं किया जायगा या किसी अन्य खतरनाक कार्य में नहीं लगाया जायेगा / यदि पाया गया तो जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान किया गया है /
इसी तरह किशोर न्याय अधिनियम 2000 , शिशु संरक्षण अधिकार अधिनियम 2005,
बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, बाल कानून अधिनयम 1986 , इत्यादि /

Other Important News