ख़बरे टीवी – फेसबुक पोस्ट ने बदल दी अनाथ की तकदीर, ठेले पर पकौड़े बेचने वाला 9 साल का सुनील अब जाने लगा स्कूल, परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया तो लाचारी में……
फेसबुक पोस्ट ने बदल दी अनाथ की तकदीर, ठेले पर पकौड़े बेचने वाला 9 साल का सुनील अब जाने लगा स्कूल
सुनील बताता है कि उसके पिता की अचानक हुई मौत ने सब कुछ बर्बाद कर दिया था. परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया तो लाचारी में मैंने पिता का कार्यभार संभाला और स्टेशन के सामने ठेला पर पकौड़ी बेचने लगा.
फेसबुक पोस्ट ने बदल दी अनाथ की तकदीर, ठेले पर पकौड़े बेचने वाला 9 साल का सुनील अब जाने लगा स्कूल
बगहा. कहते हैं कि मेहनत करने वालों का साथ ईश्वर भी देते हैंं. ठीक ऐसा ही हुआ अनाथ सुनील के साथ. दरअसल बीते 25 जनवरी को सुनील को लेकर किए गए फेसबुक पोस्ट (Facebook post) ने उसकी जिंदगी बदल दी है. कल तक पकौड़ी बेच रहे 9 साल का सुनील फिर से चौथी कक्षा में पढ़ाई करने लगा है.
दरअसल सुनील के पिता मुखिया राजन की 5 महीने पहले असामयिक मौत हो गई थी. वह परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य था और उनके कंधों पर 5 बच्चों ,पत्नी एवं उसके वृद्ध मां देखभाल की जिम्मेदारी थी. जाहिर है पिता के निधन के बाद परिवार चलाने की जिम्मेदारी 9 साल के सुनील पर आ गया.
सुनील बताता है कि उसके पिता की अचानक हुई मौत ने सब कुछ बर्बाद कर दिया था. परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया तो लाचारी में मैंने पिता का कार्यभार संभाला और स्टेशन के सामने ठेला पर पकौड़ी बेचने लगा.
स्टेशन पर ठेला लगाकर पकौड़ा बेचने वाले सुनील की मदद के लिए उठे कई हाथ.
इसी बीच किसी व्यक्ति ने फेसबुक पर 9 साल के बच्चे की पकौड़ी बेचने की तस्वीर साझा की. इसके बाद तो मदद के लिए अनगिनत हाथ बढ़ने लगे. किसी ने उसके शिक्षा की जिम्मेदारी संभाली तो किसी ने उसके परिवार के भरण-पोषण की.
किसी ने मार्मिक ढंग से इसे शेयर किया तो किसी ने इस परिवार के लिए और कुछ कर गुजरने की कसम भी खा ली. मदद का सिलसिला अब भी जारी है.
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सुनील के पिता ने भी अपने बेटे को पढ़ा-लिखा कर बड़ा आदमी बनाने का सपना देखा था, लेकिन नीयति को कुछ और मंजूर था. पर एक फेसबुक पोस्ट ने सुनील की तकदीर बदल दी वह पोस्ट एक गरीब परिवार के लिए वरदान बन गया है.
सोशल मीडिया से संबंधित तमाम नकारात्मक खबरों के बीच इसका सकारात्मक प्रयोग भी हो सकता है, बगहा के लोगों ने इसे साबित कर दिया है. जरूरत है सोशल मीडिया के नकारात्मक तथ्यों को नजर अंदाज कर ऐसे ही लाचार और बेबसों की आगे भी मदद की जाए|