November 22, 2024

#bihar nalanda : ऐतिहासिक महत्त्व का निर्णय है नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार – डॉ. काओ किम होर्न….जानिए

नालन्दा विश्वविद्यालय में आसियान के महासचिव का सम्बोधन…

ऐतिहासिक महत्त्व का निर्णय है नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार – डॉ. काओ किम होर्न….

 

 

ख़बरें टी वी : पिछले 14 वर्षो से ख़बर में सर्वश्रेष्ठ..ख़बरें टी वी ” आप सब की आवाज ” …
आप या आपके आसपास की खबरों के लिए हमारे इस नंबर पर खबर को व्हाट्सएप पर शेयर करें…ई. शिव कुमार, “ई. राज” —9334598481..
आप का दिन मंगलमय हो….

 

 

 

ख़बरें टी वी : 9334598481 : भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी की 10वें वर्ष मे प्रवेश के अवसर पर आसियान के महासचिव डॉ. काओ किम होर्न ने आज विश्वविद्यालय के सुषमा स्वराज सभागार में “आसियान का भविष्य” विषय पर नालंदा समुदाय को संबोधित किया। डॉ. होर्न विश्वविद्यालय के दो दिवसीय दौरे पर थे। उन्होंने आसियान सदस्य देशों के छात्रों के साथ भी बातचीत की जो आसियान-भारत सहयोग परियोजनाओं के तहत इस विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इस यात्रा में आसियान में भारत के राजदूत श्री जयंत एन खोबरागड़े भी उनके साथ रहे।

ऐतिहासिक महत्त्व की संस्था के रूप में नालंदा के पुनर्निर्माण पर विचार करते हुए, डॉ. होर्न ने कहा, ” मुझे लगता है कि नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन के नेताओं द्वारा किए गए ऐतिहासिक निर्णयों में से एक है।” आसियान और भारतीय संबंधों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, “मैंने नालंदा के खंडहरों का भ्रमण किया और भगवान बुद्ध से भारत और आसियान के बीच संबंधों, को मजबूत करने के हमारे प्रयासों के सफलता की प्रार्थना की।”

अपने संबोधन में डॉ. होर्न ने नालंदा विश्वविद्यालय के पुनरुद्धार की दिशा में भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय, जो आसियान-भारत नेटवर्क ऑफ यूनिवर्सिटीज (एआईएनयू) का नेतृत्व कर रहा है, की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकास डाला। उन्होंने विश्वविद्यालय की पर्यावरण संबंधित प्रतिबद्धता और यहाँ के सुविधाओं को उत्कृष्ट बताया। एनयू के छात्रों से उन्होंने कहा कि आप सभी भाग्यशाली हैं कि आप नालंदा की गौरवशाली परंपरा से जुड़े हैं।

 

 

 

विश्वविद्यालय के कुलपति (अंतरिम) प्रो. अभय कुमार सिंह ने अपने स्वागत भाषण में, नालंदा विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा की इस संस्थान का एशियाई देशों के बीच संबंधों को सुदृढ़ करने मे अभूतपूर्व योगदान रहा है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि नालंदा अपने ने अवतार में सभ्यतागत मूल्यों पर आधारित एशियाई देशों को जोड़ने में एक सेतु की भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

अपनी यात्रा के हिस्से के रूप में, डॉ. काओ किम होर्न ने कल (14 फरवरी) को सेंट्रल डाइनिंग हॉल में आयोजित एक छात्र-संवाद कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें उनकी छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ बातचीत हुई। उन्होंने परिसर का भी दौरा किया, जहां उन्हें नालंदा के नेट-जीरो परिसर बनाने के प्रयासों के बारे में बताया गया।

नालंदा विश्वविद्यालय: 2010 में पुनर्जीवित इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य अकादमिक उत्कृष्टता और उच्च शिक्षा में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। लगभग एक सहस्राब्दी के बाद नालंदा के विशाल परिसर में तीस से अधिक देशों के छात्रों अध्ययनरत हैं। सदियों से नालंदा एशियाई ज्ञान का प्रतीक रहा है। यह विश्वविद्यालय अपने नए अवतार में एक बार फिर इसी तरह की यात्रा पर निकलने के लिए तैयार है।

आसियान: दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन (आसियान) एक क्षेत्रीय अंतरसरकारी संगठन है जिसमें दस दक्षिण पूर्व एशियाई देश शामिल हैं। आसियान का लक्ष्य अपने सदस्य देशों के बीच सहयोग और संवाद के माध्यम से क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देना है।