#nalanda : सवारी डिब्बा मरम्मत कारखाना हरनौत में पुरानी पेंशन के मांग को लेकर चौथे दिन भी धरना … जानिए
सवारी डिब्बा मरम्मत कारखाना हरनौत में पुरानी पेंशन के मांग को लेकर चौथे दिन भी धरना …
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आप का दिन मंगलमय हो….
ख़बरें टी वी : 9334598481 : सवारी डिब्बा मरम्मत कारखाना हरनौत में पुरानी पेंशन के मांग को लेकर ईसीआरकेयू के बैनर तले लगातार चौथे दिन धरना प्रदर्शन किया गया। चौथे दिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दिन में 9:00 बजे से 4:00 बजे तक यूनियन पदाधिकारियों ने प्रशासनिक भवन के सामने भूख हड़ताल किया। भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों के अलावे कारखाना में कार्यरत सैकड़ों कर्मचारियों ने भोजनावकाश के समय धरना स्थल पर आकर इनका समर्थन और हौसला अफजाई किया। धरना का अध्यक्षता ईसीआरकेयू के शाखा अध्यक्ष महेश महतो और शाखा सचिव पूर्णानंद मिश्रा के नेतृत्व में कोषाध्यक्ष मनोज मिश्र, कार्यकारी अध्यक्ष बच्चालाल प्रसाद, उपाध्यक्ष प्रमोद गौतम , सहायक सचिव विपिन कुमार, संगठन सचिव गिरीजा प्रसाद पुनम कुमारी, सीसीएम बासुकीनाथ उपाध्याय, डीटीजीएम मंजय कुमार शाखा पार्षद विनय कुमार, अखिलेश कुमार, मनोज कुमार, प्रभात कुमार, कृष्णा कुमार, उपेंद्र गुप्ता, बलराज कुमार अनुपमा कुमारी सहित दर्जनों कर्मचारी अपना छुट्टी लगाकर भूख हड़ताल पर बैठे। भूख हड़ताल पर बैठे प्रतिनिधियों ने ओपीएस पुनर्बहाली हेतु अपना आवाज बुलंद करते हुए जोशीले भाषण दिए और नारा लगाए। शाखा सचिव ने बताया कि ओपीएस की लड़ाई अब पुरे देश में जोर पकड़ रहा है। जेएफआरओपीएस का केंद्रीय नेतृत्व केंद्र सरकार के पहल पर नजर बनाए हुए हैं। यदि केंद्र सरकार ने जल्द ही इस पर सकारात्मक पहल नहीं किया तो पुरे देश में सभी विभाग एक साथ ठप्प पड़ जाएंगे जिसकी जिम्मेदारी एकमात्र केंद्र सरकार की होगी । कर्मचारी इतने पर ही नहीं रुकेंगे ओपीएस नहीं देने का खामियाजा उसे लोकसभा चुनाव तथा अन्य राज्यों के चुनाव में भी भुगतना पड़ सकता है। यह दोहरी नीति अब नहीं चलने वाली है कि संसद और विधायक जितने बार चुने जाते हैं उतने बार के अलग-अलग पेंशन प्राप्त करें और जो कर्मचारी अपना पूरा जवानी सरकारी सेवा में गुजार दे, उसे बुढ़ापा में एनपीएस के नाम पर शेयर बाजार के अनिश्चितताओं के हवाले कर दिया जाए । यदि एनपीएस इतना ही अच्छा है तो नेता लोग अपना लें। हम उसी पुराने पेंशन योजना से संतुष्ट हैं। श्री मिश्र ने केंद्र सरकार से मांग किया की मोदी जी सभी पुराने कानून बदल रहे हैं। धारा 370 को बदल दिया, राम मंदिर के लंबित मामले को खत्म करने में उनका अहम योगदान रहा, कई शहरों के नाम बदल गए, कई कानून बदल गए तो फिर यह एनपीएस आखिर क्यों नहीं बदला जा सकता है? इसे भी बदल दें। यदि पुरानी पेंशन नाम देने में सरकार को कोई आपत्ती हो तो वह इसे नरेंद्र मोदी पेंशन योजना के नाम से भी लागू कर दें। परंतु उसमें अंतिम वेतन का 50% पेंशन , डीआर भुगतान और वेतन आयोग के पुनरीक्षण के साथ लागू कर दें। हमें वह भी स्वीकार है। हमें नाम में कोई मतलब नहीं है । शाम को 4:00 बजे कारखाना के उप मुख्य यांत्रिक इंजीनियर श्री अनिल कुमार सिंह धरना स्थल पर आकर सभी प्रतिनिधियों को जूस पिलाकर भूख हड़ताल समाप्त कराया। इसके बाद ईसीआरकेयू का एक प्रतिनिधिमंडल अध्यक्ष रेलवे बोर्ड को संबोधित एक ज्ञापन मुख्य कारखाना प्रबंधक को सौंपा जिसमें तुरंत ओपीएस बहाल करने का मांग किया गया है।