#nalanda : चाईल्ड लाईन के प्रतिनिधियों एवं नेहरु युवा केन्द्र के स्वयंसेवकों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला….जानिए
चाईल्ड लाईन के प्रतिनिधियों एवं नेहरु युवा केन्द्र के स्वयंसेवकों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला….
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ख़बरें टी वी : 9334598481 : महिला एवं बाल विकास निगम, बिहार सरकार एवं यूनिसेफ के सहयोग से बाल रक्षा भारत (सेव द चिल्ड्रन) द्वारा संचालित ‘‘उड़ान 2.0’’ परियोजना के तहत चाइल्ड लाईन के प्रतिनिधियों एवं नेहरु युवा केन्द्र के स्वयंसेवकों का बुधवार को एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यषाला का आयोजन किया गया। इस दौरान बाल रक्षा भारत के सहायक प्रबंधक पीयूष कुमार ने प्रतिभागियों को बाल संरक्षण से संबंधित कानूनी प्रावधानों एवं प्रक्रियाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास निगम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रेम प्रकाष, जिला समन्वयक राजीव कुमार, जिला वन स्टॉप सेंटर के परामर्षी संजय कुमार, जिला परियोजना समन्वयक रंजन कुमार पाठक, वरीय पत्रकार एवं समाजिक कार्यकर्ता दीपक कुमार ने प्रतिभागियों को बाल अधिकार के विभिन्न पहलूओं से अवगत कराया।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए बाल रक्षा भारत की प्रखण्ड समन्वयक सुधा कुमारी ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। जिला समन्यक प्रभाकर कुमार ने कार्यक्रम का परिचय कराते हुए कहा कि वर्ष 1989 में बच्चों के अधिकारों पर सार्वभौम घोषणापत्र (UNCRC-1989) जारी किया गया। हमारे देष में बच्चों के अधिकारों को सुनिष्चित करने के लिए कई कानून बनाए गए है। आज का कार्यषाला जे.जे.एक्ट, पॉक्सो, बाल श्रम, बाल विवाह आदि के प्रावधानों और प्रक्रियाओं पर चर्चा किया जाएगा। साथ-ही-साथ जिला स्तर पर बच्चों के अधिकारों को सुनिष्चित करने के लिए स्थापित विभिन्न सांस्थानिक व्यवस्थाओं जैसे- DCPU, CWC, SJPU, Child Line, JJB आदि के कार्यों के बारे में भी चर्चा किया जाएगा।
बाल रक्षा भारत के सहायक प्रबंधक पीयूष कुमार ने प्रतिभागियों को सर्वप्रथम विभिन्न कानूनों के तहत बच्चे की परिभाषा से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि यू.एन.सी.आर.सी. के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु के सभी व्यक्ति को बच्चा कहा जाता है। हमारे देष में जे.जे. एक्ट में भी इसी परिभाषा को स्वीकार किया गया है। जबकि बाल श्रम कानून में 6 से 14 वर्ष के व्यक्ति को बच्चा जबकि 15 से 18 वर्ष के व्यक्ति को किशोर/किशोरियों के रुप में परिभाषित किया गया है। उसी प्रकार बाल विवाह से संबंधित कानून में बच्चे की परिभाषा लड़के के लिए 21 वर्ष से कम तथा लड़की के लिए 18 वर्ष से कम निर्धारित किया गया है। उन्होंने बाल श्रम, बाल विवाह, यौन शोषण, बंधुआ मजदूरी आदि से संबंधित कानून के प्रावधानों, प्रक्रियाओं, कानून लागू करने वाले सरकारी संस्थानों एवं सेवा प्रदाताओं की भूमिका के बारे में विस्तार से चर्चा किया। उन्होंने चाईल्ड लाईन के कार्यों, अधिकारों एवं जवाबदेही के बारे में भी प्रतिभागियों को बताया गया। उन्होंने कहा कि बाल सुरक्षा पर काम करने के दो महत्पपूर्ण पहलू हैं- पहला, रिर्पोटिंग तथा दूसरा, रिस्पॉन्स। हम कहीं भी किसी बच्चे को मुसीबत में देखते हैं जैसे- किसी दूकान में काम करते हुए, बाल विवाह होते हुए, अनाथ बच्चे, हिंसा अथवा शोषण के षिकार बच्चे तो एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हम फौरन उसकी रिपोर्टिंग करें। उसी तरह इस प्रकार के सभी मामलों में सबंधित सेवा प्रदाताओं को तत्काल कार्यवाई करना चाहिए।
कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को चाईल्ड हेल्प लाईन नंबर 1098 तथा महिला हेल्प लाईन नंबर 181 के बारे में भी जानकारी दी गई।
इस अवसर पर चाइल्ड लाईन के 8 प्रतिनिधि तथा नेहरु युवा केन्द्र के 18 युवा स्वयंसेवीयों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में मिडिया के साथियों का भी आवश्यक सहायोग मिला।