#nawada : शहीद चंदन का पार्थिव शरीर घर नहीं पहुंचने से क्षेत्रवासियों में रोष,सड़क जाम… जानिए
शहीद चंदन का पार्थिव शरीर घर नहीं पहुंचने से क्षेत्रवासियों में रोष,सड़क जाम…
सेना के अधिकारी शहीद के परिजन को बुला रहे हैं सेना कैंप ऊधमपुर..
ख़बरें टी वी : 8334598481 : वारिसलीगंज (नवादा ) :- वारिसलीगंज प्रखण्ड के कुटरी पंचायत की नारोमुरार के गरीब किसान मोलेश्वर सिंह का द्वितीय सुपुत्र आर्मी जवान 24 वर्षीय चंदन कुमार गुरुवार की दोपहर बाद जम्मु के पूंछ सेक्टर में आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। घटना के तीन दिन बाद भी शहीद चंदन का पार्थिव शरीर गांव नहीं पहुंचा है। जिस कारण ग्रामवासी सह युवा मुखिया अभिनव आनंद ने कहा की किसी भी स्थिति में शहीद का पार्थिव शरीर सरकार गांव पहुंचाए।ग्रामीण प्रशासन और सरकार से गुहार लगा रहे हैं।
बता दें कि पूंछ सैक्टर में हुए आतंकी हमले में बाद भारत के पांच सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे। जिसकी जानकारी सेना के अधिकारियों द्वारा चंदन के बड़े भाई पीयूष कुमार को मोवाइल पर गुरुवार की रात 12:30 बजे पूंछ सेक्टर से दी गई।सुचना मिलते ही पर चंदन के माता पिता, भाई भाभी एवं छोटे भाई अभिनंदन अचानक दहाड़ मार कर रोने विलखने लगा। घटना के अगले दिन तक सेना के अधिकारियों को शहीद का पार्थिव शरीर को लेकर गांव आने का इन्तेजार कर रहे थे।लेकिन वीर का पार्थिव शरीर शनिवार को शाम तक नहीं पहुंचा और सेना के अधिकारी के द्वारा शहीद के बड़े भाई पीयूष को फोन कर पांच स्वजन को उधमपुर आने को कहा जा रहा है। विधायक अरूणा देवी व अन्य गांव वासियों को शहीद के भाई व परिजनों ने बताया कि सेना के अधिकारी चार-पांच बार फोन कर रहे हैं। फोन पर कहा जा रहा है कि पांच व्यक्ति सेना कैंप में पहुंचिए और अपने शव की शिनाख्त कीजिए। तब शव को विमान से गांव पहुंचाया जाएगा। लेकिन परिजन वहाँ जाने को तैयार नहीं है। परिजनों व ग्रामीणों को संभावना है कि वहां पहुंचने के बाद पार्थिव शरीर का अंत्येष्टि वही किया जा सकता है।
तीन दिनों से नारोमुरार गांव के किसी घर में नहीं जला है चूल्हा…
गुरुवार को पूंछ सेक्टर में घटित घटना के बाद से पूरे नारोमुरार गांव में शोक व्याप्त है। जिस कारण गांव के किसी भी घर में तीन दिनों से चूल्हा नहीं जल पा रहा है। लोग किसी प्रकार कुछ कुछ खाकर भूख मिटा रहे हैं। शनिवार को स्थानीय विधायक अरुणा देवी, अंचल अधिकारी प्रेम कुमार पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। जहां लोग सेना अधिकारियों शहीद के पार्थिव के शरीर को नहीं भेजने तथा परिजनों को बुलाए जाने की बात कही गई। जिस पर विधायक व अधिकारी द्वारा जिलाधिकारी व अन्य से बात की गई। बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ।
पत्नी, मां, पिता, भाई परिजनों का बस एक ही मांग है,चंदन के पार्थिव शरीर को घर लाए सरकार..
एकमात्र कमाऊ पुत्र के शहीद हो जाने से दहाड़ मार कर रो रही मां, पिता, भाई, भाभी व परिजनों का गांव पहुंच रहे लोगों से बस एक ही मांग किया जा रहा है। किसी प्रकार चंदन का पार्थिव शरीर गांव घर लाया जाए।वही गरीब पिता दोनों बेरोजगार पुत्रों को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे हैं। पत्नी शिल्पी कुमारी किसी से कुछ भी नहीं बोल रही है। घर पहुंचाने वालों से बस एक ही रट लगा रही है मेरे चन्दन को घर लौटा दो। पत्नी व अन्य परिजनों का तीन दिनों से रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है।
बिहार सरकार या भारत सरकार के तरफ से किसी प्रकार का बयान नहीं आने से आक्रोशित हैं लोग..
तीन दिनों बाद भी शहीद का पार्थिव शरीर गांव नहीं पहुंचने से आक्रोशित लोग भारतीय सेना के निर्णय से खासे नाराज है। वही बिहार और भारत सरकार पर आरोप लगाते हुए कह रहे हैं कि इतनी बड़ी घटना जिसकी जानकारी पुरे देशवासियों को है। लेकिन बिहार सरकार के मुखिया सहित किसी भी मंत्री का गांव पहुंचना तो दूर की बात किसी प्रकार का बयान तक नहीं आया है। वहीं भारत सरकार के द्वारा किसी प्रकार की लाभ की घोषणा नहीं किए जाने से परिजन व ग्रामीण नाराज हैं। शनिवार को स्थानीय थाना अध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा गांव पहुंचे तो ग्रामवासी ने गांव के मुहाने से ही वापस कर दिया।
लोगों के बीच शाहिद के शब नहीं आने से व्याप्त है रोष …
शनिवार को एनएच 31 पर धरना पर बैठे ग्रामीण व युवा पाकिस्तान हाय हाय, नीतीश सरकार निकम्मी है। नीतीश कुमार हाय हाय आदि नारा लगाते रहे। ग्रामीणों की एक ही मांग है कि पहले चंदन के पार्थिव शरीर को गांव लाओ, बाद में सरकारी सहायता, आश्रितों को मुआवजा देने की मांग करते रहे। मौके पर बीडीओ पंकज कुमार, सीओ प्रेम कुमार,पकरीबरामा एसडीपीओ महेश चौधरी समेत अन्य पदाधिकारी घटनास्थल पर जमे रहे।
रिपोर्ट : अभय कुमार रंजन