October 19, 2024

ख़बरें टी वी : नालंदा व जांबी विश्वविद्यालय (इंडोनेशिया) के बीच आसियान-इंडिया नेटवर्क ऑफ यूनिवर्सिटी कंसोर्टियम के तहत शैक्षणिक…. जानिए पूरी ख़बर

 

 

नालंदा व जांबी विश्वविद्यालय (इंडोनेशिया) के बीच आसियान-इंडिया नेटवर्क ऑफ यूनिवर्सिटी कंसोर्टियम के तहत शैक्षणिक और अनुसंधान हेतु समझौता-ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर…

 

 

 

 

 

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ख़बरें टी वी : 9334598481: ब्यूरो रिपोर्ट : नालंदा व जांबी विश्वविद्यालय (इंडोनेशिया) के बीच आसियान-इंडिया नेटवर्क ऑफ यूनिवर्सिटी कंसोर्टियम के तहत समझौता-ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। दोनों विश्वविद्यालय अकादमिक आदान-प्रदान, अनुसंधान कार्यक्रमों और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में संयुक्त रूप से संलग्न होने पर सहमत हुए। जांबी विश्वविद्यालय के डिप्टी रेक्टर डॉ. इर. तेजा कस्वरी के नेतृत्व में इंडोनेशिया से आए प्रतिनिधिमंडल में अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रमुख डॉ श्री वाचयूनी के साथ अनुसंधान और सामुदायिक सेवा संस्थान के प्रमुख डॉ अडे ओक्टाविया और अन्य प्रतिष्ठित विद्वान सम्मिलित रहे।

इस अवसर पर नालंदा विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति प्रो. अभय कुमार सिंह ने कहा कि इस पहल से भारत और इंडोनेशिया के बीच प्राचीन संबंध और भी सुदृढ़ होंगे। उन्होंने दोनों देशों के बीच प्राचीन सभ्यतागत मूल्यों को पुनर्जीवित करने की प्रतिबद्धता पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा, “आसियान-भारत नेटवर्क में शामिल होकर जंबी विश्वविद्यालय ने इन दोनों देशों के बीच प्राचीन अंतर्संबंधों के पुनर्विकास की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह एमओयू भविष्य में एआईएनयू संघ के सदस्य विश्वविद्यालयों के शिक्षाविदों के बीच एक उद्देश्यपूर्ण संवाद स्थापित करेने में सहयोगी होगा।”

जांबी विश्वविद्यालय के डिप्टी रेक्टर डॉ. इर. तेजा कस्वरी ने पुराने सभ्यतागत मूल्यों को याद करते हुए कहा की नालंदा के इस नए अवतार में ज्ञान-परंपरराओं का एक बार फिर विकास किया जा रहा है। उन्होंने टिप्पणी की कि नालंदा और जंबी विश्वविद्यालय सुदृढ़ पारस्परिक सहयोग की भावना से एक साथ आ रहे हैं। इंडोनेशिया नालंदा विश्वविद्यालय के सदस्य देशों में से एक रहा है

प्रतिनिधिमंडल के लिए एक कैंपस टूर की भी व्यवस्था की गई थी, जिसमें उन्हें नेट-जीरो स्टेनेबल कैंपस बनाने के प्रयास के बारे में बताया गया था। उन्होंने नालंदा के पर्यावरण देखभाल और सौंदर्य निर्माण की सराहना की।
नालंदा विश्वविद्यालय एआईएनयू आसियान-भारत नेटवर्क के लिए नोडल संस्थान के रूप में कार्यरत है। इस एमओयू पर हस्ताक्षर के कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की निवर्तमान कुलपति प्रोफेसर सुनैना सिंह भी उपस्थित रहीं जिनके नेतृत्व में आसियान-इंडिया नेटवर्क सहित अनेक शैक्षणिक उपक्रमों की शुरुआत नालंदा में हुई है।

सदियों से नालंदा एशियाई ज्ञान का प्रतीक था। विश्वविद्यालय अपने नए अवतार में एक बार फिर इसी तरह की यात्रा शुरू करने के लिए तैयार हो रहा है। वर्तमान में एनयू में लगभग 38 राष्ट्रीयताओं के छात्र हैं जो यहाँ के जीवंत हरित परिसर के 455 एकड़ में अध्ययनरत हैं। प्राचीन नालंदा की स्मृति को पुनर्जीवित करने के प्रयास में लगा यह विश्वविद्यालय 21वीं सदी के संदर्भ में वैश्विक ज्ञान केंद्र के रूप में उभर रहा है।

 

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