October 19, 2024

ख़बरें टी वी : नालंदा विश्वविद्यालय में G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट: एंगेजिंग यंग माइंड्स के तहत कार्यक्रम आयोजित…. जानिए पूरी ख़बर

नालंदा विश्वविद्यालय में G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट: एंगेजिंग यंग माइंड्स के तहत कार्यक्रम आयोजित

वसुधैव कुटुंबकम के विचार का प्रतिनिधितत्व करता है नालंदा – प्रो. सुनैना सिंह

 

 

 

 

 

ख़बरें टी वी : 9334598481 : ब्यूरो रिपोर्ट: नालंदा विश्वविद्यालय के सुषमा स्वराज ऑडिटोरियम में आज G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट: एंगेजिंग यंग माइंड्स’ श्रृंखला के तहत व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह कार्यक्रम आर.आई.एस (रिसर्च एण्ड इनफॉर्मेशन सिस्टम फॉर डवलपिंग कनट्रिज) के सहयोग से आयोजित किया गया था। इसमें भारत और विदेशों के प्रतिष्ठित विद्वानों और राजनयिकों की सक्रिय प्रतिभागिता रही।

 

 

कार्यक्रम का आरंभ नालंदा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुनैना सिंह के संबोधन से हुआ। अपने भाषण में उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वर्तमान समय के परिवर्तनशील विश्व में वसुधैव कुटुम्बकम के प्राचीन भारतीय आदर्श को साकार करना तथा वैश्विक एकता कायम रखना भारत की प्राथमिकता है जो भारत की अध्यक्षता में G20 के ‘एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य’ के आदर्श-वाक्य में सन्निहित है। । उन्होंने कहा कि जब दुनिया के कई देशों में आर्थिक विकास दर में गिरावट दिख रही है, भारत अपने साक्षरता और सकल घरेलू उत्पाद के विकास दर में प्रगति कर रहा है। सौ से अधिक यूनिकॉर्न बनाने वाले युवा उद्यमियों के साथ भारत सॉफ्टवेयर पावर के रूप में भी उभरा है। उन्होंने बताया कि माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के पांच-सूत्री सिद्धांत जिन्हे ‘पंचामृत’ कहा जाता है, आज के समय में प्रासंगिक हैं।

 

 

कुलपति के संबोधन के बाद राजदूत जे.एस. मुकुल, जो सुषमा स्वराज विदेश सेवा संस्थान, नई दिल्ली के पूर्व डीन भी हैं, ने G20 में भारत की अध्यक्षता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने जी20 फोरम में भारत के प्रभुत्व और वर्तमान अध्यक्षता के महत्त्व को रेखांकित किया। राजदूत जे.एस. मुकुल ने दक्षिण-देशों के वैश्विक स्तर पर प्रतिनिधि के रूप में भारत की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। इस संदर्भ में उन्होंने यह भी कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय के ज्ञान-सर्जन के परंपरा को विकसित करने का बड़ा महत्व है।

 

 

*”मानवता, प्रगति और सुरक्षित विश्व के प्रकाश स्तंभ के रूप में रही है नालंदा विश्वविद्यालय की भूमिका”: श्री शौर्य डोभाल*
युवा अर्थशास्त्री, उद्योग-रत्न पुरस्कार विजेता, और इंडिया फाउंडेशन के निदेशक श्री शौर्य डोभाल ने कहा कि भारत भविष्य में वैश्विक परिप्रेक्ष्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है जहां भारत को फिर से विश्व-गुरु के रूप में पुनर्स्थापित करने में नालंदा विश्वविद्यालय की प्रमुख भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य अगले 25 वर्षों तक 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करना है और पिछले 10 वर्षों में हमारी प्रगति हमें इस उच्च स्थिति के लिए आश्वस्त करती है। भारत की संपन्नता से कई देशों को लाभ होगा, विश्व की करीब 40% आबादी और युवा इसके प्रत्यक्ष लाभार्थी होंगे। उन्होंने यह भी कहा की हमें औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर होकर आत्मविश्वास के साथ उभरना है। यह आशा व्यक्त करते हुए कि नालंदा की परंपरा दुनिया को स्वदेशी विचारों के साथ एक वैकल्पिक सामाजिक-आर्थिक मॉडल प्रदान कर सकता है, उन्होंने आधुनिक “नालंदा विश्वविद्यालय को मानवता, प्रगति और सुरक्षित दुनिया के प्रकाश स्तंभ” के रूप में चिह्नित किया।

 

 

व्याख्यान सत्र के बाद एक परिचर्चा का आयोजन हुआ जिसमें भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान आई.बी.एस.ए सहयोग को मजबूत करने के विषय पर विचार हुआ। मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व राजदूत वीरेंद्र गुप्ता ने भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के पारस्परिक संबंध को निकट लाने में आई.बी.एस.ए की अहम भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और भारत के अन्य विशेषज्ञों ने इस संबंध में अपने शोधपूर्ण पक्ष रखे।

आज के इस कार्यक्रम में आमंत्रित वक्ताओं और एनयू छात्रों के बीच प्रश्नोत्तर सहित अन्य महत्त्वपूर्ण बिदुओं पर परिचर्चा भी हुई। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, छात्र व प्रशासनिक कर्मचारी भी उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों और विद्वानों ने नालंदा के समग्र विकास के लिए वाइस चांसलर के सफल प्रयासों और ज्ञान की इस प्राचीन भूमि के मूर्त और अमूर्त पहलुओं को पुनर्जीवित करने हेतु किए गए उनके प्रयोगों की सराहना की।

 

 

सदियों से नालंदा एशियाई ज्ञान का प्रतीक रहा है। विश्वविद्यालय अपने नए अवतार में एक बार फिर इसी तरह की यात्रा शुरू करने के लिए तैयार हो रहा है। वर्तमान कुलपति के नेतृत्व में पिछले कुछ वर्षों में कई नए पहल की गए हैं जो नालंदा की नींव को सुदृढ़ कर रहे हैं। G20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम की पहल से नालंदा के छात्रों को वैश्विक नीतियों समझ को विकसित करने और वर्तमान संदर्भ में उभरती चुनौतियों का अध्ययन करने में मदद मिलेगी।

 

 

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