October 19, 2024

खबरें टी वी : बिहार शरीफ के जीवन ज्योति सुपर स्पेस्लिटरी हॉस्पीटल में (सी.सी.यू.) का उद्‌घाटन, हृदय संबंधित रोगियों के लिए बना जीवन रक्षक सेंटर.. जानिए पूरी ख़बर

 

जीवन ज्योति सुपर स्पेस्लिटरी हॉस्पीटल में कैथ लैब एंड कोरोनरी केयर युनिसे (सी.सी.यू.) का उद्‌घाटन, हृदय संबंधित रोगियों के लिए बना जीवन रक्षक सेंटर..

 

 

 

 

ख़बरें टी वी : 9334598481 : ब्यूरो टीम के साथ रूपेश कुमार गोल्डन की खास रिपोर्ट :  बिहारशरीफ के पटेल नगर – नाला रोड स्थित जीवन ज्योति सुपर स्पेस्लिटरी हॉस्पीटल में रविवार को कैथ लैब एंड कोरोनरी कैयर युनिसे (सी.सी.यू.) का उद्‌घाटन , सर गंगा राम अस्पताल नई दिल्ली के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ० (प्रो०) आर. आर. मैत्री ने किया।

 

 

मौके पर मैत्री कहा कि इस तरह की सुविधा बिहारशरीफ में शुरू होने से नासन्दा सहित आस पास के जिलों के हृदय रोग से ग्रसित मरीजों को ईलाज में सुविधा होगा। अगर किसी को सीने में दर्द हो रहा है, पसीना चल रहा है। बेचैनी हो रही हो तो इसका हल तत्काल अस्पताल पहुंचाना चाहिए। (चिकित्सकीय भाषा में इसे गोल्डन आवर कहा जाता है) थानि परेशानी के एक से डेढ़ घंटे के अंदर मरीज अस्पताल पहुँच जाता है और इलाज मिलना शुरू हो जाता है तो उसे कुछ नहीं हो सकता है। समय पर इलाज मिलने से हार्ट अटैक से होने वाले मौतों को रोका जा सकता है।

 

 

गोल्ड मेडलिस्ट चिकित्सक डॉ. सुजीत कुमार ने कहा कि पहले जो हार्ट की बीमारी 60 की उम्र के बाद होती थी मगर वह अब 20 और 30 की उम्र में ही रही है। युवाओं में हार्ट अटैक का होना वास्तव में एक बड़ी समस्था हैं। इनके कई कारण है। बड़ी संख्या में डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीज बढ़े हैं, युवा वर्ग भागदौड़ और व्यस्तता भरी लाइफस्टाइल में जी रहे हैं, उसमें वे व्यायाम भी नहीं कर पाते हैं। युवाओं से धूम्रपान, एल्कोहॉल से बचने की जरूरत है।

 

 

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ० शशि रंजन ने बताया कि इस अस्पताल में कैथ लैब होने से हार्ट के मरीजों को एंजीयोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, स्टेंट लगाने परमानेंट पेसमेकर का आरोपण का कार्य भी किया जायेगा।

 

 

डॉ० प्रीती रंजना ने कहा कि हार्ट अटैक अचानक जरूर होता है लेकिन बिना संकेत दिए यह भी नहीं आता। बस जरूरी यह है कि हम अपने शरीर के ईशारों को समझें। जरा सी चूक भी भारी पड़ सकती है। चलने पर, काम करते समय छाती में भारीपन होना, काम बंद करने के बाद ठीक हो जाता है। यह दिल की बीमारी का एक सामान्य लक्षण होता है। ऐसे में नजर अंदाज नहीं करना चाहिए बल्कि तुरन्त चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

 

 

मौके पर डॉ. श्यामनारायण प्रसाद, डॉ. अरविन्द कुमार, डॉ. सुनिति सिन्हा, डॉ. श्याम बिहारी, डॉ. ममता कौशम्बी, डॉ. अरुण कुमार, डॉ. अखिनी कुमार वर्मा, डॉ. ज्ञान प्रकाश, डॉ. अवधेश प्रसाद, डॉ. धनंजय कुमार, डॉ. जितेंद्र कुमार, डॉ. अजय कुमार, डॉ. हिमांशु शेखर,

 

 

डॉ. सतीश चन्द्र सिन्हा, डॉ. एम० के. सिन्हा, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. चन्देश्वर प्रसाद, डॉ. दीनानाथ वर्मा, डॉ. अभिषेक कुमार, विभूति नाथ, अमित कुमार, अनुज कुमार, मुकेश कुमार, प्रयास भदानी, दिनेश कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।

 

 

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