October 19, 2024

खबरें टी वी : जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि हाल ही के हिंडनवर्ग के रिपोर्ट ने…. जानिए पूरी ख़बर

 

 

 

ख़बरें टी वी: 9334598481 : ब्यूरो रिपोर्ट:  अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य सह जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि हाल ही के हिंडनवर्ग के रिपोर्ट ने प्रधानमंत्री मोदी जी और भाजपा सरकार की अडानी के पक्ष में क्रोनी कैप्टलिज्म की नीति की पोल खोल दी है गहरे आर्थिक संकट के समय में जिस तरह से पीएम मोदी और भाजपा की सरकार ने देश के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को अडानी के हाथों बेचने का काम कर रहे है देश की विदेश नीति को झुका रहे है और एसबीआई एवं एलआईसी जैसे सार्वजनिक संस्थानों को निवेश करने के लिए मजबूर कर रही है हाल ही के खुलासे ने गरीब और मध्यम वर्ग के भारतीयों की करोड़ों की बचत को खतरे में डाल दिया है देश में बढ़ती महंगाई उच्चतम बेरोजगारी और कुशासन की विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए सरकार द्वारा प्रायोजित विभाजनकारी एजेंडे का दंश झेल रहे देशवासियों के साथ कांग्रेस पार्टी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है एक जिम्मेदार विपक्षी दल होने के नाते हम भाजपा की सत्ता के मित्र पूंजी पतियों को सरकारी खजाने की लूट की खुली छूट और प्रधानमंत्री से संबंधित इस पूरे अदानी महा घोटाले में हो रहे घोटाले को उजागर करना हमारा कर्तव्य है आज इस घोटाले से सिर्फ विपक्षी पार्टियां ही नहीं बल्कि सारे देश के बुद्धिजीवी चिंतित हैं वर्तमान की मोदी सरकार ने जिस तरह से राहुल गांधी जी के सवालों और कांग्रेस अध्यक्ष श्री मलिकार्जुन खरगे जी के भाषण के अंशों को संसदीय कार्यवाही से हटाने का काम किया है इस कुकृत्य को भारत की जनता देख रही है संसद में क्या हो रहा है यह लोग जानना चाहते हैं संसदीय भाषणों का स्तर गिराने की कोशिश क्यों की जा रही है और प्रधानमंत्री संसद में प्रासंगिक सवालों के जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं देशवासी जानना चाहते हैं कि कैसे एक संदिग्ध साख वाला समूह जिस पर टैक्स हेवन देशों से संचालित विदेशी सेल कंपनियों से संबंधों का आरोप है भारत की संपत्तियों पर एकाधिपत्य स्थापित कैसे करवाया जा रहा है और इस सब पर सरकारी एजेंसियां या तो कोई कार्रवाई नहीं कर रही है या इन सब संदिग्ध गतिविधियों को ही सुगम बनाने में जुटी है भारत के लोग कम बुद्धिमान नहीं है और वह मोदी जी और उनके मित्र पूंजीपतियों के बीच संपूर्ण पारस्परिक तालमेल को समझ रहे हैं वह जानना चाहती हैं कि प्रधानमंत्री ने एक मित्र पूंजीपति को विश्व के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बनाने में मदद क्यों की और वह इस गंभीर अंतरराष्ट्रीय खुलासे पर चुप क्यों हैं हम किसी व्यक्ति के दुनिया की अमीरों की सूची में 609 में से दूसरे स्थान पर पहुंचने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन हम निसंदेह सरकार द्वारा प्रायोजित निजी एकाधिकारों के खिलाफ है क्योंकि वह जनता के हितों के विरुद्ध होते हैं विशेष तौर पर हम टैक्स हैवन देशों से आपत्तिजनक संबंधों धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे एक खास व्यक्ति द्वारा हमारी अंतरराष्ट्रीय सद्भावना और राष्ट्रीय संसाधनों का लाभ उठाते हुए एकाधिपत्य स्थापित करने के हम खिलाफ हैं कांग्रेस पार्टी और देश की जनता यह जानना चाहती है कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति बनाने से क्यों डर रही है जबकि संसद के दोनों सदनों में उनका अच्छा बहुमत है मोदी जी का प्रधानमंत्री बनने से पहले किया गया वह वादा जिसमें उन्होंने कहा था कि काला धन भारत वापस लाने और हर नागरिक के बैंक खाते में 15 से 20 लाख रुपए डालने के वादा किए थे लेकिन आज कड़वी सच्चाई इसके विपरीत है स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक के पिछले वार्षिक डेटा के मुताबिक 2021 में स्विस बैंकों में जमा भारतीय व्यक्तियों और कंपनियों का पैसा 14 वर्षों के उच्चतम स्तर यानी 3.83बिलियन स्विस फ्रैंक यानी 30हजार500 करोड़ रुपए से अधिक पर पहुंच गया है इन सब चीजों पर जनता जानना चाहती है कांग्रेस पार्टी जानना चाहती है कि टैक्स हैवन देशों से संचालित होने वाली विदेशी तेल कंपनियों से भारत आने वाले काले धन का असली मालिक कौन है मोदी जी क्या हुआ आप का वादा कहां गए वह कसमें काले धन पर प्रधानमंत्री के वादे का क्या हुआ यह जनता और कांग्रेस के साथ विपक्ष के नेता जानना चाहते हैं सन 1992 में हर्षद मेहता मामले की जांच के लिए एक जेपीसी का गठन हुआ था जबकि 2001 में केतन पारीक मामले की जांच के लिए भी जेपीसी का गठन हुआ था उस वक्त के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरसिम्हा राव जी और श्री अटल बिहारी बाजपेई जी दोनों को करोड़ों भारतीय निवेशकों को प्रभावित करने वाले घोटाले की जांच के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों पर विश्वास और भरोसा था प्रधानमंत्री जी मोदी जी को किस बात का डर है क्या उनके अधीन एक न्यायपूर्ण और निष्पक्ष जांच की कोई उम्मीद नहीं है इन सब बातों से देश की सबसे बड़ी संस्था सेबी (SEBI)क्या कर रही थी उस पर भी प्रश्न उठता है अदानी समूह के खिलाफ स्टॉक हेराफेरी के आरोपों के सार्वजनिक होने के बाद शेयरों की कीमतों में गिरावट से उन लाखों निवेशकों को नुकसान पहुंचा जिन्होंने कृत्रिम रूप से बढ़ी हुई कीमतों पर अडानी के समूह में निवेश किया था 24 जनवरी और 15 फरवरी 2023 के बीच अदानी समूह के शेरों के मूल्य में 10 लाख 50हजार करोड़ रुपए की गिरावट आई 19 जुलाई 2021 को वित्त मंत्रालय ने संसद में स्वीकार किया था कि अडानी समूह सेबी के नियमों का उल्लंघन करने के लिए जांच के दायरे में हैं फिर भी अदन समूह के शेयरों की कीमतों में उछाल आने दिया गया एलआईसी द्वारा खरीदे गए अडानी समूह को शेयरों का मूल्य 30 दिसंबर 2022 को ₹83हजार करोड़ था जो 15 फरवरी 2023 को घटकर ₹39 हजार करोड़ रह गया यानी 30 करोड़ एलआईसी पॉलिसी धारकों की बचत के मूल्य में 44 हजार करोड़ रुपए की कमी आई शेयरों के मूल्यों में कमी और समूह द्वारा धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों के बाद में मोदी सरकार ने एलआईसी के अडानी इंटरप्राइजेज के फॉलोऑन पब्लिक ऑफर में अतिरिक्त ₹300 करोड़ निवेश करने के लिए मजबूर किया ऐसे बहुत सारे मुद्दे हैं जो जनता के सामने नहीं आ पाते हैं हमारी पार्टी विपक्ष की भूमिका में रहकर इन बातों को उजागर करने का काम कर रही है भले ही मोदी सरकार ने पिछले 9 सालों में सीएजी सीबीआई ईडी जैसे सभी सरकारी एजेंसियों और संस्थाओं पर नियंत्रण कर लिया हो लेकिन सच्चाई हमेशा सामने आ ही जाता है उसे ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर दबाया नहीं जा सकता है समय बड़ा बलवान होता है समय का इंतजार जनता कर रही है देखिए यह सिर्फ शुरुआत है बीजेपी के कई और गुप्त भेद आने वाले समय में उजागर होंगे जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने भारत सरकार से मांग की कि इतने कम समय में अडानी समूह भारत के हवाई अड्डे का सबसे बड़ा संचालक कैसे बन गया आज अडानी समूह 13 बंदरगाहों और टर्मिनल्स को नियंत्रित करता है जो भारत के बंदरगाह क्षमता का 30% और कुल कंटेनर आवाजाही का 40% है क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से विवेकपूर्ण है कि धन शोधन और विदेश की शेल कंपनियों से लेनदेन के गंभीर आरोपों का सामना करने वाली एक कंपनी को एक सामरिक क्षेत्र में प्रयुक्त रखने की अनुमति दी जाए साथ ही जिला अध्यक्ष ने सरकार से रक्षा क्षेत्र में भी यह जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की कि गौतम अडानी प्रधानमंत्री की अनेक विदेश यात्राओं में उनके साथ गए 4 से 6 जुलाई 2017 को इजरायल यात्रा के बाद उन्हें भारत इजराइल रक्षा संबंधों के संदर्भ में एक लाभ दिलाने वाली भूमिका सौंप दी गई जिस कंपनी का पूर्व में कोई अनुभव नहीं था उसे ड्रोन इलेक्ट्रॉनिक छोटे हथियार और विमान रखरखाव जैसे क्षेत्रों में संयुक्त उपक्रम कैसे स्थापित किए गए जबकि कई स्थापित कंपनियां और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां इन क्षेत्रों में कई वर्षों से कार्यरत थी अंत में जिला अध्यक्ष ने जनता से भी सोशल मीडिया प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से जुड़कर सरकार से इन सब प्रश्न की जानकारी मांगने का आग्रह करते हुए कहा कि अब वह समय आ गया है जब जनता को सड़क पर निकलना होगा नहीं तो जनता अगर इसी तरह हाथ पर हाथ धरे बैठी रही तो वह दिन दूर नहीं जब फिर से हमारा देश कॉर्पोरेट गुलामी के चंगुल में चला जाएगा।

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