October 19, 2024

ख़बरें टी वी : नालंदा विश्वविद्यालय के सुषमा स्वराज सभागार में संगीतज्ञ पं. रितेश एवं पं. रजनीश मिश्रा के भावपूर्ण गायन से छात्र हुए मंत्रमुग्ध….. शेयर करें खबरों को

नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम: बनारस घराना के….


नालंदा विश्वविद्यालय के सुषमा स्वराज सभागार में संगीतज्ञ पं. रितेश एवं पं. रजनीश मिश्रा के भावपूर्ण गायन से छात्र हुए मंत्रमुग्ध…..

 

 

 

ख़बरें टी वी : 9334598481 : ई. शिव कुमार की रिपोर्ट : माननीय कुलपति के आमंत्रण पर आए बनारस घराने के प्रसिद्ध गायक पंडित रितेश मिश्र एवं पंडित रजनीश मिश्र का आयोजन आज शाम नालंदा विश्वविद्यालय के सुषमा स्वराज सभागार में सम्पन्न हुआ। आज़ादी का अमृत महोत्सव समारोह के तहत आयोजित हुए इस भाव विभोर कर देने वाले सांगीतिक कार्यक्रम का आरंभ राग मुल्तानी की बंदिश ‘बगिया में दमके॥ ॥ से हुआ।

 

 

यह रचना मध्य ताल फिर द्रुत लय तीन ताल में निबंध थी। तबले पर कौशिक कंवर की लायकारी तथा हारमोनियम पर जाकिर धौलपुरी की सुमधुर सरगम की संगत से श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। उन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरुआत आलापचारी के साथ की और उसके बाद बनारस घराने की गायकी का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का समापन उन्होंने भजन से किया।

 

 

विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले करीब 32 देशों के छात्रों इस कार्यक्रम के सहभागी हुए ।
इस कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए, माननीय कुलपति प्रो सुनैना सिंह ने कहा, “नालंदा विश्वविद्यालय अपने छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है जिसमें सांस्कृतिक और कलात्मक रचनात्मकता भी शामिल है।

 

 

ऐसे कार्यक्रम छात्रों के बीच कलात्मक क्षमता को विकसित करने और उन्हे परिष्कृत करने के लिए एक अवसर प्रदान करते हैं। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को भारतीय संस्कृति और विरासत से जुडने में भी सहायक होगा।“
यह कार्यक्रम नालंदा विश्वविद्यालय के स्पिक मैके चैप्टर द्वारा आयोजित किया गया था।

 

 

स्पिक मेके (सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमंग यूथ) की स्थापना 1977 में आईआईटी दिल्ली के पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर किरण सेठ के द्वारा भारतीय विरासत के विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और युवाओं को प्रेरणा देकर शैक्षिक गुणवत्ता को समृद्ध करने के उद्देश्य से की गई थी।
कार्यक्रम के अंत में भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होने का अवसर प्रदान करने के लिए छात्रों ने कुलपति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।

 

 

नालंदा विश्वविद्यालय का एक दायित्व युवा पीढ़ी को समेकित दिशा देना और उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता की ओर प्रेरित करना है। शास्त्रीय संगीत का यह कार्यक्रम छात्रों को भारत के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में सन्निहित अमूर्त, सूक्ष्म और प्रेरणास्पद पहलुओं का अनुभव करने के लिए प्रेरित करेगा।

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