डॉ.एस.एन. सुब्बा राव भाईजी की चौथी पुण्यतिथि का पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन….

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@ख़बरें Tv: आज 27 अक्टूबर को हम सभी के प्रातः स्मरणीय विश्वविख्यात चम्बल के गाँधी, शान्ति दूत, युवाओं के प्रेणना स्त्रोत डॉ.एस.एन. सुब्बा राव भाईजी की चौथी पुण्यतिथि का पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन जी. बी. एम. अकादमी, सुल्तानगंज, पटना में किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित चार छोटे बच्चें नमन काँस्यकार, गणेश, कार्तिक और युग ने मुख्य अतिथी स्वरूप दिप प्रवजलित कर किया। जी. बी. एम की प्रधनाध्यापिका शुबी चंद और लिटिल किंगडम की शिक्षिका नूरी प्रवीण ने माल्यार्पण और पुष्पांजलि कर भाईजी को श्रद्धांजलि अर्पित किए। फिर उपस्थित सभी सदस्यों ने भाईजी को पुष्पांजलि कर श्रद्धा सुमन अर्पित कर भाईजी का आशीर्वाद प्राप्त किए।श्रद्धांजलि के बाद राष्ट्रीय युवा योजना, बिहार के सचिव नीरज काँस्यकार ने भाईजी के जीवन पर लोगो को सम्बोधित करते हुआ कहा की जिस तरह माता पिताजी ने हम सभी को हर सम्भव हर कार्य करने के लायक बनाया उसी तरह भाईजी ने रचनात्मक ज्ञान भर एक आदर्श युवा बनाने में अपना जीवन समाप्त किए।हम सभी भाईजी के ऋण से जीवन भर मुक्त नहीं हो सकते। भाईजी ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिए तब से जीवन के अंत समय तक भारत माँ की सेवा का नेतृत्व अपने कंधे पर निस्वार्थ भाव से उठाते रहें। समय पालन, सकरात्मक सोच, स्वः अनुशासन का बीज सभी युवाओं के मन में अंकुरित कर 1970 के दशक में चम्बल के 654 डाकूओ को आत्म समर्पण करा कर विश्व को पुनः गाँधी जी के बाद अहिंसा एक महत्वपूर्ण हथियार हैं। इस हथियार से किसी भी नकारात्मक शक्ति को समाप्त करने का अलख जगाते हुए जौरा में राष्ट्रीय युवा योजना का निर्माण कर हजारों युवा शिविर और बाल महोत्सव द्वारा युवाओं का शान्ति फ़ौज तैयार किए हैं जो विश्व में शान्ति का पाठ फैलाते रहेंगे । साथ ही भारत में ज़ब ज़ब अशांति फैला तब तब भाईजी युवाओं को लेकर शान्ति कायम किए। आजादी के बाद ज़ब ज़ब भारत टूटने के कगार पर आया तब तब भाईजी शान्ति हेतु 1970 गाँधी दर्शन रेल यात्रा और 1993 में सदभावना रेल यात्रा के माध्यम से अखंड भारत बनाने का कार्य भाईजी के नेतृत्व में किया गया। साथ ही भाईजी ने 1993 में विश्व धर्म सम्मेलन, शिकागो में भारत का अद्भुत परिचय देकर भारत के मान सम्मान को बढ़ाये। राष्ट्रीय सेवा योजना, नेहरू युवा केंद्र आदि अनेक संस्थान के निर्माण कार्य को सफल रूप देने में भागीदारी निभाने वाले भाईजी ने हम सभी को एक अहिंसा का हथियार देकर गए जिसे हम सभी इस्तमाल कर भारत को अखंड बनाए रखेंगे। फिर सभी ने मौन संगीत का आनंद लेकर सर्व धर्म प्रार्थना कर किए।सर्व धर्म प्रार्थना के बाद सभी ने एक दिया हाथ में ले भाईजी के मार्ग पर चलने का संकल्प लेकर दिया भाईजी को समर्पित किए। अंत में सभी बच्चों को कॉपी, पेन्सिल, रबर, पेन आदि का वितरण कर कार्यक्रम को समाप्त किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में रीना देवी, शुबी चंद, नूरी प्रवीण, आफरीन खातून, युवान, संतोष, सानू कुमार का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
