खबरें टी वी : नालंदा की धरती को धर्म के ज्ञान के साथ शैक्षणिक ज्ञान भी दिए पञ्चालिकारा ( बाबा ) आज बौद्ध धर्म के धर्मालंबी पर शोकाकुल विश्व…… जानिए पूरी ख़बर
नालंदा की धरती को धर्म के ज्ञान के साथ शैक्षणिक ज्ञान भी दिए पञ्चालिकारा ( बाबा ) आज बौद्ध धर्म के धर्मालंबी पर शोकाकुल विश्व……
खबरें टी वी : 9334598481 : ब्यूरो टीम के साथ प्रेम सिंघानिया की एक खास रिपोर्ट : बंगलादेश से पञ्चालिकारा ( बाबा ) 1981 में अध्ययन हेतू नालन्दा आये और 1983 में नव नालन्दा महाविहार से पालि भाषा में अध्ययन कर डॉ ० की उपाधि लिये सन 2002 में भारत सरकार के द्वारा वैविक तरीके से रिकता प्राप्त करनोपरात पुनः वे बंगलादेश नहीं गये । इसी क्रम में नव नालन्दा महाविहार के विद्वान प्रोफेसर डॉ ० उजागरा विभाशा से भेंट हुई…….
और उन्होंने इन्हें चाईनीज बौद्धईस्ट नालन्दा का विकास हेतु चाभी सौंप कर बौद्ध क्षेत्र में कार्य करने की बहुत बड़ी जिम्मेवारी सौप दिये। जिसे ये हृदय से स्वीकार किये और ज्ञान की धरती नालन्दा को कर्मभूमि मानकर इन्होंने प्राचीन इतिहास में डॉ ० की उपाधि के उपरांत नालन्दा की विकास में अपना जीवन समर्पित करते हुए जनहित के अनेको कार्य हेतू ये भारत सरकार और बिहार सरकार को हस्तलिखित आवेदन देकर स्वयं मिलकर नालन्दा के विकास हेतू सदैव ध्यान आकृष्ट कराते रहे।
जिसका परिणाम हम सभी देख रहे है । जैसे- नालन्दा का शहरीकरण , बौद्ध क्षेत्र में रुकमिणी स्थान की खुदाई ब्लेक बुद्धा ( तेलिया बाबा ) पहुँच पथ का निर्माण , चण्डी मी में खुदाई , तिवरी पार्वती पहाड ( नवादा ) , कौआडोल बराबर पहाड़ी ( जहानाबाद ) के प्राचीन गुफाओं का मुख्य द्वार पर वार्षिक महोत्सव कर क्षेत्र के विकास हेतु फरवरी माह में कार्यक्रम किया करते थे । राजगीर के भगवान बुद्ध के पवित्र स्थल वेणुवन में कई बार वर्षावास किये , तेल्हाडा के प्राचीन टिला की खुदाई हेतु उत्खनन विभाग को हस्तलिखित आवेदन देकर कार्य करवाये।
वर्तमान में वे निम्न संस्थाओं के अध्यक्ष रहे जैस नालन्दा के महाबोधि महाविद्यालय , बी ० एड महाविद्यालय , नालन्दा , ग्रेट हॉलिलैंड फाउन्डेशन कमिटि बोधगया , यंग बुद्धिष्ट एशोशियेशन रूसु रोड कोलकता , रसव्या भूमि फाउन्डेशन कमिटि बोधगया , चन्द्रमणी स्टुडेटस फेलवेयर कमिटि इंडिया इन्हीं सब कार्या को लेकर वे गरीबों के दिलों से जुड़े रहे । इनसे जो भी व्यक्ति मिले इनके समस्या का निदान करते रहे । जिसको लेकर कुछ राजनेता और सामाजिककर्ता डॉ ० यू पञ्ञालिकारा से खुश रहा करते थे ।
कई बौद्ध देशों से बौद्ध धर्मावलम्बी इनके सौजन्य से विदेशी पर्यटक के रूप में भारत के बिहार में आते रहे । इनके समाज सेवा समर्पण को देखते हुए म्यांमार सरकार द्वारा उनको अंगमहा था जैतिक ( धर्म में सर्वोच्च उपाधि ) 2009 में सम्मानित किये गये । आज इनके अचानक निधन से नालन्दा ही नहीं सभी बौद्ध देशों जैसे वर्मा , थाईलैंड , जापान , चीन , कम्बोडिया , इन्डोनेशिया , अमेरिका , श्रीलंका , सिंगापुर , मलेशिया , महाराष्ट्रा , आदि देशों में आज शोकाकुल है ।
नालंदा विधानसभा के विधायक सह बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री, श्रवण कुमार का लगाव इनसे काफी दिनों से रहा और वह हमेशा इनसे मिलते जुलते रहते थे। अगर सही कहा जाए तो उनकी मौत पर मंत्री श्रवण कुमार काफी मर्मआहत है। उन्होंने बाबा के बारे में काफी प्रशंसनीय कार्यों का उल्लेख किया।