ख़बरे टी वी – नालंदा जिले के मध्य विद्यालय अस्ता के प्रधानाध्यापक पर आखिर क्यों लग रहा शिक्षा समिति भंग कर मनमानी करने का बात… जानिए पूरी खबर
नालंदा जिले के मध्य विद्यालय अस्ता के प्रधानाध्यापक पर आखिर क्यों लग रहा शिक्षा समिति भंग कर मनमानी करने का बात…
ख़बरे टी वी – 9334598481 – ब्यूरो रिपोर्ट – विदित हो कि बिहार के शिक्षा मंत्री से प्रधान सचिव ने अपने पत्रांक में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को शक्त निर्देश दिया है कि प्रत्येक विद्यालय में शिक्षा समिति का गठन कर नियमित बैठक बुलाई जाय, ताकि विद्यालय के भवन से लेकर परिसर में साफ सफाई, सरकार की तरफ से दी जा रही बच्चों के लिए योजनाओं का लाभ बच्चों को मिले, साथ ही बच्चों के लिए जरूरी मूलभूत सुविधाएं से लेकर शिक्षा में गुणवत्ता बना रहे, मध्यान भोजन में बच्चों के लिए पौष्टिक आहार से संबंधित और भी कई मुद्दों पर विचार विमर्श हो एवं सर्वसम्मति से कार्य हो ,
परंतु इन सभी बातों से परे जिला के राजकीकृत मध्य विद्यालय अस्ता के प्रधानाध्यापक रंजीत कुमार की पदस्थापना इस विद्यालय में तीन वर्ष पूर्व हुई और पदस्थापना के तुरंत बाद ही उन्होंने एक साजिश के तहत शिक्षा समिति को भंग कर दिया तथा आज की तिथि तक शिक्षा समिति की एक भी बैठक नहीं हुई है ।
वही यहाँ के ग्रामीणों का आरोप है कि विद्यालय में शौचालय निर्माण की राशि का गवन एवं मध्यान भोजन में घोटाला से लेकर शैक्षणिक व्यवस्थाओं पर पर्दा डालने के उद्देश्य से समिति का गठन नहीं किया गया ।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जब से नये प्रधानाध्यापक की पदस्थापना इस विद्यालय विद्यालय में हुई है तब से अध्ययन – अध्यापन में घोर गिरावट देखी जा रही है , कई बच्चों के हाजिरी और गैर हाजिरी को लेकर भी इल्जाम लगा है वही बीच के वर्षों में करोना काल ( कोविड 19 ) को लेकर सरकार के दिए गए दिशा-निर्देश के वजह से शिक्षा में रुकावट आई, जिसे आज तक इस विद्यालय में शैक्षणिक पठन को नियमित रूप से करवा कर पूरा नहीं किया गया, विद्यालय परिसर के दीवाल गिरे रहने के बावजूद भी इसे स – समय नहीं बनाया गया और ना ही बहुमूल्य जल का बहाव जो टंकी से लेकर नल तक आए पाइपों से जलो का नियंतर बिखराव, विद्यालय परिसर से सटे गंदगी का अंबार, यह सब कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठाता है,
जो कि आप आसानी से जाकर देख सकते हैं या फिर चित्रों में प्रकाशित है,
शिक्षकों का असमय आना – जाना साथ ही विद्यालय परिसर में असमाजिक लोगो का निरंतर जमघट।
ग्रामीणों ने विद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार कूप्रबंधन एवं असमाजिक तत्वों के हलचल को लेकर नालंदा जिलाधिकारी सहित मुख्यमंत्री सचिवालय को सूचना दी है, परन्तु प्रधानाध्यापक श्री कुमार ने ग्रामीणों पर ही अनुसूचित जाति उत्पीड़न नियम के तहत मुकदमा करने की धमकी एवं पत्र जिला के विभिन्न पदाधिकारियों को देकर भयादोहन कर ग्रामीणों पर जांच बैठा दी, जब भी ग्रामीण किसी भी विषय पर इनसे प्रश्न पूछते हैं तो यह सीधे मुकदमे की बात करते हैं, और यही वजह है कि कई ग्रामीणों ने अपने नाम प्रकाशित करने से मना कर दिया,
कुछ ऐसी ही वजह से इस विद्यालय का शिक्षा स्तर से लेकर शैक्षणिक माहौल बद से बदतर होता जा रहा है। जिला प्रशासन को ऐसे विषय पर उच्च पदाधिकारियों के द्वारा जांच करवा कर उचित कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि अपने जिला का नाम जो कि सीधे मुख्यमंत्री से जुड़ा होता है, उसे धूमिल ना किया जाये। शिक्षा का अधिकार हर एक लोगों को है इसमें कहीं भी राजनीति करने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।
वही ऐसे प्रश्नों पर पत्रकारों के द्वारा किए गए सवालों पर उन्होंने हर बातों को झुठलाते हुए उन्होंने कहा कि हमारे तरफ से हमारे विद्यालय में सारे व्यवस्था सही से चल रहे हैं।