October 19, 2024

ख़बरे टी वी – अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के विशिष्ट अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने उन्हे दो वैश्विक पुरस्कारों से सम्मानित किया…… जानिए पूरी खबर

नालंदा विश्वविद्यालय के नेतृत्व को अंतर्राष्ट्रीय सम्मान…

ख़बरे टी वी – 9334598481 – आदित्य की रिपोर्ट – प्राचीन भारत के गौरवशाली संस्था के नए अवतार के रूप में राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय पिछले कुछ वर्षों में अपनी नई उपलब्धियों और विश्व स्तर पर पहचान बनाने के साथ अग्रसर हो रहा है। इसी पृष्ठभूमि में एक ‘संस्थान निर्माता’ के रूप में कुलपति प्रो सुनैना सिंह का कुशल नेतृत्व व उनकी रचनात्मक प्रतिभा को सम्मानित करते हुए हाल ही में अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के विशिष्ट अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने उन्हे दो वैश्विक पुरस्कारों से सम्मानित किया है।
अप्रैल 2022 में लंदन में आयोजित एशिया-यूरोप बिजनेस एंड सोशल फोरम समिट के 17वें सम्मेलन में कुलपति प्रो सुनैना सिंह को अकादमिक क्षेत्र में उनके योगदान और सेवा के लिए प्रतिष्ठित “ग्लोबल लीडर ऑफ द ईयर, 2021-22” पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कुलपति प्रो. सिंह इस वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में यह सम्मान पाने वाली भारत की एकमात्र महिला शिक्षाविद हैं।
नालंदा विश्वविद्यालय में 2017 के बाद कुलपति प्रो सिंह के नेतृत्व में वैश्विक मानकों के समकक्ष कई शैक्षणिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत की गई और नए सुविधाओं के साथ परिसर अपने अस्तित्व में आया। अध्ययन के 6 स्कूल और विशेष अनुसंधान हेतु 3 केंद्र स्थापित किए गए, जहां से पूर्णकालिक मास्टर्स डिग्री, ग्लोबल पीएचडी और शॉर्ट-टर्म प्रोग्राम संचालित हो रहे हैं। कुलपति के मार्गदर्शन में कैफेटेरिया मॉडल और अंतर्विषयक पाठ्यक्रमों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय छात्र-समुदाय के अनुकूल होने के साथ उनकी विशिष्ट विशेषज्ञता को तराशने व अंतर-अनुशासनात्मक शिक्षा के आयामों का विस्तार करने के लिए उपयोगी है। पाठ्यक्रम में नालंदा के प्राचीन भारतीय ज्ञान-परंपराओं और मूल्यों का समन्वय किया गया है। प्रोफेसर सिंह के अनुसार, “वर्तमान समय में नालंदा विश्व के विभिन्न देशों को ज्ञान-मार्ग से जोड़ने में एक ‘सेतु’ का कार्य करेगा।”
कोविड महामारी के संकट के दौरान भी नालंदा विश्वविद्यालय निर्बाध गति से कार्यरत रहा और शैक्षणिक सत्र अनलाइन माध्यम से सफलता पूर्वक संचालित हुए।

अब पुनः नियमित रूप से विशिष्ट व्याख्यान माला, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और कार्यशाला जैसी गतिविधियां शुरू हो गई हैं। नवंबर 2021 में आयोजित “धर्म-धम्म सम्मेलन-2021” नालंदा विश्वविद्यालय द्वारा सफलता पूर्वक संचालित एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम था जिसमें उपराष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडू, केन्द्रीय राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी, राज्यपाल श्री फागु चौहान, मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जैसे उच्च गणमान्य व्यक्तियों की भागीदारी हुई। अन्य कार्यक्रमों के दौरान केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. राजीव रंजन सिंह व विभिन्न देश के राजदूतों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने विश्वविद्यालय परिसर का दौरा किया।
विगत माह इंडो अमेरिकन ग्रीन यूनिवर्सिटी नेटवर्क ने न्यूयॉर्क में आयोजित एक समारोह में कुलपति प्रो. सुनैना सिंह को नेट ज़ीरो और कार्बन-फुटप्रिंट-मुक्त हरित परिसर के निर्माण के लिए “लीडरशिप फॉर नेट जीरो एंडेवर अवार्ड-2022” से सम्मानित किया। उन्हे GHRIHA परिषद द्वारा भी सम्मानित किया गया है।

नालंदा विश्वविद्यालय का परिसर लगभग पिछले 4 वर्षों में निर्मित हुआ है – 0.2% से 90% तक का निर्माण कार्य, जो लगभग 455 एकड़ भूमि में विस्तृत है, विश्व के सबसे बड़े हरित परिसरों में से एक है जिसमें 200 वास्तु संरचनाएं एवं 40 जल श्रोत शामिल हैं। निर्माण संरचनाओं में अत्याधुनिक DEVAP एयर कंडीशनिंग का प्रयोग किया गया है। सौंदर्य की दृष्टि से आकर्षक भवन वास्तुकला जो कंप्रेस्ड ईंट से निर्मित हैं। साथ ही, सर्वोत्तम इलेक्ट्रॉनिक सुविधाओं और अकादमिक ब्लॉक वाले विश्व स्तरीय क्लासरूम परिसर का गौरव हैं।
अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए उपलब्ध छात्रवृत्ति के कारण यहाँ आज 32 से अधिक देशों के छात्र अध्ययन रत हैं। कुलपतिप्रोफेसर सिंह के अनुसार, “नालंदा विश्वविद्यालय में सफलता पूर्वक प्रभावी कार्बन-न्यूट्रल कैंपस की परिकल्पना साकार हो रही है.. ये पुरस्कार नालंदा को हरित परिसर के रूप में विकसित करने की हमारी प्रतिबद्धता का सम्मान है.. ऐसे सम्मानों द्वारा नालंदा विश्वविद्यालय के पुनरुत्थान के महत्व की पुष्टि होती है ।”
यह सर्वविदित है कि कुलपति प्रो. सुनैना सिंह ने व्यक्तिगत और सार्वजनिक क्षेत्रों में नए मानक स्थापित किए हैं। उन्होंने नवीन अनुसंधान केंद्रों की स्थापना व अकादमिक संस्कृति को पुनर्जीवित करनेके साथ प्रशासनिक पारदर्शिता लाने में एक अहम भूमिका निभाई है। कुलपति के निर्देशन में नालंदा विश्वविद्यालय में एक नवोन्मेषी शैक्षणिक संकल्पना साकार हो रही है। विगत वर्षों में हुए उत्तरोत्तर विकास से ऐतिहासिक रूप से प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए अवतार की आधारशिला सुदृढ़ हुई है।

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