• Sun. Dec 7th, 2025

@bihar: शारदीय नवरात्र में हवन के बाद कन्या पूजन कर देवी स्वरूप कन्याओं से लिये आशीर्वाद …

Bykhabretv-raj

Oct 2, 2025

 

 

 

 

 

 

शारदीय नवरात्र में हवन के बाद कन्या पूजन कर देवी स्वरूप कन्याओं से लिये आशीर्वाद …

 

 

 

 

 

 

 

 

ख़बरें टी वी : पिछले 15 वर्षो से ख़बर में सर्वश्रेष्ठ.. ख़बरें टी वी ” आप सब की आवाज ” …आप या आपके आसपास की खबरों के लिए हमारे इस नंबर पर खबर को व्हाट्सएप पर शेयर करें… ई. शिव कुमार, “ई. राज” -9334598481.

.. हमारी मुहिम .. नशा मुक्त हर घर .. बच्चे और नवयुवक ड्रग्स छोड़ें .. जीवन बचाएं, जीवन अनमोल है .. नशा करने वाले संगति से बचे ..

… हमारे प्लेटफार्म पर गूगल द्वारा प्रसारित विज्ञापन का हमारे चैनल के द्वारा कोई निजी परामर्श नहीं है, वह स्वतः प्रसारित होता है …

 

 

 

@ख़बरें Tv: बिहार शरीफ के नेशनल हाईवे 20 पर स्थित शिवलोक हॉस्पिटल में शारदीय नवरात्र के नौवे दिन डॉ बृजभूषण सिन्हा के द्वारा कलश स्थापना से लेकर नियमित रूप से पूजन पाठ हवन के बाद नौ देवी स्वरूप कन्याओं एवं भैरव बाबा को भोजन उपरांत पूज कर आशीर्वाद लिए..इस मौके पर परिवार के लोगों के साथ-साथ शहर के कई गण्यमान्य लोग उपस्थित थे , हमारे भारतीय संस्कृति में मनाए जाने वाले एक प्रमुख धार्मिक उत्सवों में से एक है। यह त्योहार माँ दुर्गा की आराधना के लिए मनाया जाता है, जो शक्ति, समर्पण और विशुद्धता का प्रतीक मानी जाती हैं। इस पर्व पर कन्या पूजन का विशेष महत्व है, जिसे न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। माँ दुर्गा को हमारे यहाँ कन्याओं को देवी दुर्गा के रूप में माना जाता है। हमारी प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, जब हम कन्याओं का पूजन करते हैं, तो हम माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करते हैं। इस पूजा के माध्यम से भक्त अपने जीवन की कठिनाइयों के समाधान और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए माँ की अनुकंपा प्राप्त करते हैं।
कन्या पूजन से घर में सुख-शांति और धन-संपत्ति की वृद्धि होती है। यह पूजा न केवल परिवार के सदस्यों को एकजुट करती है, बल्कि दरिद्रता और समस्या को भी दूर करती है। भारतीय संस्कृति में यह मान्यता है कि कन्याओं का सम्मान करने से घऱ में खुशहाली आती है और दारिद्र्य को दूर किया जा सकता है। इस पूजा का सकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। कन्या पूजन से भक्त के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, ज्ञान, और भक्ति का संचार होता है। यह पूजा न केवल धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक माना जाता है। कन्या पूजन स्त्री की पवित्रता, शक्ति और सम्मान का प्रतीक है। यह महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव बढ़ाने में सहायक होता है। जब समाज में कन्याओं को विशेष रूप से पूजा जाता है, तो यह स्त्री शक्ति और उनकी भूमिका के प्रति जागरूकता को भी बढ़ाता है। ऐसा माना जाता है कि कन्या पूजन के बिना नवरात्रि का व्रत अधूरा माना जाता है। यह पूजा न केवल व्रत को पूरा करती है, बल्कि भक्तों को विशेष फल प्रदान करने में भी सहायक होती है। इससे उन्हें यह विश्वास होता है कि उनकी तपस्या पूर्ण हुई है,
कन्या पूजन में अलग-अलग उम्र की कन्याओं को देवी दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक माना जाता है। प्रत्येक कन्या का पूजन उस रूप के अनुसार विशेष विधि-विधान से किया जाता है, जो उसकी पवित्रता और शक्ति को दर्शाता है। साथ ही साथ कन्या पूजन में एक बालक को भी शामिल किया जाता है, जो भैरव बाबा का प्रतिनिधित्व करता है। यह अनुष्ठान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे पूजन के प्रभाव को और भी सुदृढ़ किया जा सके।