October 19, 2024

ख़बरे टी वी – प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक

आज जिला के प्रभारी मंत्री -सह- मंत्री ग्रामीण कार्य विभाग शैलेश कुमार की अध्यक्षता में जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक आहूत की गई।
जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जल जीवन हरियाली अभियान के संचालन हेतु राज्य स्तर पर संसदीय कार्य मंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय परामर्शदात्री समिति का गठन किया गया है। जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में जिला स्तरीय परामर्श दात्री समिति गठित की गई है, जिसके संयोजक जिला पदाधिकारी हैं।
बैठक में बताया गया कि जल जीवन हरियाली अभियान अंतर्गत विभिन्न अवयवों के तहत योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु वित्तीय वर्ष 2019-20 में 5870 करोड़, वर्ष 2020- 21 में 9874 करोड़ तथा वर्ष 2021- 22 में 8780 करोड़ का व्यय पूरे राज्य के लिए अनुमानित है।
जिला पदाधिकारी ने आगे बताया कि इस अभियान के तहत जिला में लगभग 5 हजार सार्वजनिक जल संरचनाओं को चिन्हित किया गया है, जिसकी सूची सभी जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराई जा रही है। अगर इस सूची में से कोई जल संरचना छूट गई है तो इसकी जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई जाए।
इस अभियान के दूसरे अवयव के तहत सभी जल संरचनाओं का जिर्णोद्धार चरणबद्ध तरीके से किया जायेगा, जिसके लिए कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। एक एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले जल संरचनाओं का जिर्णोद्धार लघु जल संसाधन विभाग के माध्यम से तथा एक एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले जल संरचनाओं का जिर्णोद्धार ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मनरेगा के तहत कराया जा रहा है।


जिला में लगभग 2500 सार्वजनिक कुओं को चिन्हित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र के सभी सार्वजनिक कुओं का जिर्णोद्धार पीएचईडी द्वारा चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। प्रत्येक कुएं के पास जगह उपलब्ध रहने पर 10 फीट चौड़ा चबूतरा का निर्माण तथा पानी खींचने के लिए पुली की व्यवस्था भी की जाएगी।
सभी सार्वजनिक कुआं, चापाकल एवं नलकूपों के किनारे सोख्ता का निर्माण भी चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। इस दिशा में कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है।
छोटी छोटी नदियों, नालों के जल संग्रहण क्षेत्र में चेक डैम/ जल संचयन की अन्य संरचना का निर्माण भी चरणबद्ध तरीके से किया जाना है। इसके लिए उपयुक्त स्थल एवं संरचना को चिन्हित करने के लिए उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तर पर समिति का गठन किया गया है। सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों से ऐसी संरचना के निर्माण के लिए भी प्रस्ताव उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया।
नए जल स्रोतों के सृजन के लिए भी कार्रवाई की जा रही है। निजी क्षेत्रों में पोखर के निर्माण के लिए मॉडल ऐस्टीमेट के आधार पर 40% अनुदान सरकार द्वारा दिया जा रहा है।
भवनों में छत वर्षा जल संचयन (रेन वाटर हार्वेस्टिंग) संरचना का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए अद्यतन प्रावधान के अनुसार 3 हजार वर्ग फीट से अधिक क्षेत्रफल वाले भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग संरचना का निर्माण किया जाना है। भवन प्रमंडल द्वारा अब तक 128 विभिन्न सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग संरचना का निर्माण किया गया है।
शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी विद्यालयों में तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा पीएचसी रेफरल अस्पताल एवं जिला अस्पताल में रेन वाटर हार्वेस्टिंग संरचना के निर्माण के लिए मॉडल ऐस्टीमेट के आधार पर अलग से कार्रवाई की जा रही है। निजी भवनों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग संरचना के निर्माण के लिए लोगों को जागरूक करने का आह्वान किया गया।
इस अभियान के एक महत्वपूर्ण अवयव के तहत राज्य में अधिक से अधिक वृक्षारोपण तथा सरकारी भूमि पर पौधशाला का सृजन किया जाना है। वृक्षारोपण के लिए प्रत्येक पंचायत में लगभग दो हजार से ढाई हजार वृक्ष लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वृक्षारोपण हेतु स्थल को चिन्हित किया जा रहा है, साथ ही लगाए जाने वाले पौधों की संख्या एवं प्रजाति का भी निर्धारण किया जा रहा है।
कृषि विभाग के माध्यम से वैकल्पिक फसल, टपकन सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। विभाग द्वारा जलवायु एवं पर्यावरण के अनुकूल फसल के प्रकार एवं विधि के बारे में किसानों को जागरूक करने की कार्रवाई की जा रही है।
सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहन एवं ऊर्जा की बचत के लिए भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। सभी सरकारी कार्यालयों की रैंकिंग उनके ऊर्जा खपत के आधार पर की जा रही है। निजी क्षेत्र में भी ऊर्जा बचत तथा सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए लोगों को प्रोत्साहित एवं जागरूक करने का कार्य किया जाएगा।
इस अभियान के एक महत्वपूर्ण अवयव के तहत इसे व्यापक जन आंदोलन के रूप में परिवर्तित करना है। इसके लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इस अभियान के प्रति जागरूक एवं प्रेरित किया जाएगा। इस दिशा में कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है, जिसे आगे और भी सघन रुप में चलाया जाएगा।
बैठक में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों ने भी अपने अपने महत्वपूर्ण सुझाव रखे।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि इस अभियान के तहत मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास की गई योजनाओं का क्रियान्वयन प्राथमिकता देते हुए सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने अभियान के तहत ली जा रही सभी योजनाओं के बारे में सभी जनप्रतिनिधियों को जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
प्रभारी मंत्री ने 19 जनवरी 2020 को जल जीवन हरियाली अभियान, शराबबंदी, दहेज प्रथा उन्मूलन एवं बाल विवाह उन्मूलन के समर्थन में बनाए जाने वाले मानव श्रृंखला में सभी जनप्रतिनिधियों को हर संभव सहयोग करने का आह्वान किया। उन्होंने जन जागरूकता के माध्यम से सामाजिक एवं पर्यावरण सुधार के लिए आयोजित किये जाने वाले मानव शृंखला में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित करने को कहा।
बैठक में नालंदा के सांसद कौशलेंद्र कुमार, इस्लामपुर के विधायक चंद्रसेन प्रसाद, राजगीर के विधायक रवि ज्योति कुमार, विधान पार्षद हीरा प्रसाद बिंद, जिला परिषद अध्यक्ष कुमारी मीर सिन्हा, मुख्य पार्षद नगर पंचायत राजगीर, अन्य विधायक प्रतिनिधि, पुलिस अधीक्षक, वन प्रमंडल पदाधिकारी, नगर आयुक्त, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

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