खबरें टी वी – मोहनदास करमचंद गांधी के शहादत दिवस पर नालंदा जिला कांग्रेस कार्यालय बिहार शरीफ में कार्यकर्ताओं ने पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी ……..जानिए पूरी खबर
Khabre Tv – 9334598481 – ब्यूरो रिपोर्ट – जिला कांग्रेस कार्यालय राजेन्द्र आश्रम बिहारशरीफ में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी की 74 वीं पुण्यतिथि जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार की अध्यक्षता में मनायी गयी ,सर्वप्रथम सभी कांग्रेस जनों ने बापू के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजली अर्पित किए तत्पश्चात् उनकी जीवनी पर एक विचार गोष्ठी किया गया.
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि आज फिर से इस देश को गाँधी जी आवश्यकता आन पड़ी है. आज भले ही हमारे बीच बापू नहीं हैं लेकिन उनके विचार आज भी हम सबको आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं. आज ही के दिन यानी 30 जनवरी 1948 को नाथु राम गोडसे नामक विचारविपरीत व्यक्ति ने बापू को गोलियों से छलनी कर दिया था. इसलिए आज के दिन को हमलोग शहादत दिवस एवं शोक दिवस के रूप में मनाते हैं ,
आज देश इस तरह हिंसक दो राहे पर खड़ी है जहाँ जात और मजहब के नाम पर लोग एक दूसरे की जान तक लेने में तुले हुए हैं. ऐसे में गाँधी जी की वो वाणी अहिंसा परमो धर्म पूरी तरह से लोगों के दिल में बसानी होगी गाँधी जी ने अपनी गाँधी गिरी से पूरे विश्व को हतप्रभ कर दिए थे. आज सारा संसार उनके अहिंसा परमो धर्म की चर्चा कर रहा है, बल्कि दूसरे देश के लोग भी गांधीगिरी को अपनाने में लगे हैं. लेकिन आज अपने ही देश में दो विचार धारा के लोग हो गए हैं एक हमलोग हैं जो गाँधी जी की विचार धारा पर चलते हैं, दूसरे वे हैं जिन्हें लोग गोडसे वादी विचार धारा की संज्ञा देते हैं,
महात्मा गाँधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था महात्मा गाँधी जी भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता थे. या यों कहिए अगर ये नहीं होते तो हम आज भी गुलाम ही रहते राजनीतिक एवं सामाजिक प्रगति की प्राप्ति के लिए इनका अहिंसक विरोध का तरिका आज भी प्रासंगिक है ,हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि विश्व के पटल पर गाँधी जी शिर्फ एक नाम ही नहीं बल्कि शांति और अहिंसा के प्रतीक हैं ,उन्होंने जिस तरह से सत्य की राहों पर चलते हुए शांति अहिंसा एवं सत्याग्रह का रास्ता चुना और उन्हीं रास्तों पर चलकर उन्होंने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया ,
गाँधी जी के बारे में विख्यात वैज्ञानिक आइंस्टिन ने कहा था कि हज़ारों वर्ष बाद भी आने वाली नस्लें इस बात पर मुश्किल से विश्वास करेंगी की हाड़ मांस से बना हुआ ऐसा कोई इंसान भी धरती पर था ,तभी तो संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी सन 2007 से ही गाँधी जी की जयन्ती को विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा कर दी थी लेकिन आज हमारे अपने ही देश हिंदुस्तान में लोग उनकी विचारधारा को भूलते जा रहे हैं दिलीप कुमार ने जोर देते हुए कहा की आज उनके बताए शिक्षा के रास्ते पर चलकर ही देश तरक़्क़ी कर सकता है आज भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं .
लेकिन इस देश की दुर्दशा को देखकर उनकी आत्मा रो रही होगी ,हमारा बिहार भी उनके सत्याग्रह से अछूता नहीं था सभी को पता है की चंपारन से भी गाँधी जी ने सत्याग्रह आंदोलन चलाया था जिलाध्यक्ष ने कहा की आज के नौजवानों को उनसे सीख लेनी चाहिए और उनके बताए रास्ते पर चलने के लिए संकल्पित होना चाहिए ,
उन्होंने ख़ास कर बिहार के नौजवानों से अपील किया की आप भी एक बार चंपारन के भीतहरवा आश्रम जाकर उनसे आशिर्वाद अवश्य लें और उनके ही बताए रास्तों पर चलें ,इस अवसर पर मो मीर अरशद हूसेन ,मुन्ना पांडे ,फ़रहत जवीं,संजू पांडे ,उदय कुशवाहा महताब आलम गुड्डु ,मो उस्मान गनी ,बच्चू सिंह ,राजीव रंजन गुड्डु विवेक कुमार एवं बहुत सारे कांग्रेसी उपस्थित थे.