November 24, 2024

ख़बरे टी वी – नालंदा जहरीली शराब कांड में अगर निर्दोष व्यक्ति को फसाया जाएगा या उनके मकान टूटने की बात आएगी तो नालंदा जिला कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी….. जानिए पूरी खबर

नालंदा जहरीली शराब कांड में अगर निर्दोष व्यक्ति को फसाया जाएगा या उनके मकान टूटने की बात आएगी तो नालंदा जिला कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी, लोगों के हित के लिए न्यायालय से लेकर सड़क तक का रास्ता अपनाएगी।

Khabre Tv – 9334598481 – रूपेश कुमार गोल्डन के साथ ब्यूरो रिपोर्ट – आज जिला कांग्रेस नालंदा की ओर से जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार के द्वारा बिहारशरीफ के वार्ड संख्या 19 बड़ी पहाड़ी, छोटी पहाड़ी एवं सिंगारहाट में घटित घटना जहरीली शराब कांड को लेकर प्रेस वार्ता किया गया। जहां मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए दिलीप कुमार ने कहा कि सभी लोग जानते हैं कि बिहार में शराबबंदी लागू है, फिर इस तरह की वारदात यानी शराब बिक्री वह भी जहरीली। नालंदा के हेड क्वार्टर बिहार शरीफ में पुलिस अधीक्षक एवं जिला अधिकारी आवास के मात्र 500 मीटर की दूरी पर कैसे घटित हो जाती है, जब पूरा पुलिस महकमा आबकारी विभाग जिला प्रशासन अपना सारा काम छोड़कर सिर्फ शराबबंदी के पीछे ही लगा रहता है, बावजूद इसके इस तरह की घटना निंदनीय है जिला अध्यक्ष ने इस घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि इस जहरीली शराब कांड में शराब पीकर दर्जनों लोगों की जान चली गई। वह भी ऐसे लोग जो रोज कमाने खाने वाले दिहाड़ी मजदूर थे। आज उनके परिवार के सामने सबसे बड़ी समस्या दाना पानी का है और अब उनके साथ भूख मरने की नौबत आ गई है ।

आज इन गरीबों के घर में चूल्हा तक बंद पड़ा है कई घर तो ऐसे हैं जहां मृतक के छोटे-छोटे बच्चे है और वह भी विकलांग, ऐसी स्थिति में बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन को उनकी मदद करनी चाहिए , राशन पानी पहुंचाने के बजाय उल्टे उनके परिवार को केस मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जा रही है, नालंदा जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने बिहार सरकार से मांग करते हुए कहा कि मृतक के आश्रितों को कम से कम ₹1000000 मुआवजा एवं 2 वर्ष तक का राशन फ्री मुहैया करवाना चाहिए। ताकि इन गरीबों के बच्चों को भरण पोषण सही तरह से हो सके एवं कम से कम आगे चलकर वो अपने पैरों पर खड़े हो सके। दूसरी तरफ जिलाध्यक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इतनी बड़ी घटना मुख्यमंत्री के गृह नालंदा जिला में घटने के बाद भी ना तो मुख्यमंत्री और ना ही उनके सहयोगी दल के उपमुख्यमंत्री ही घटनास्थल का मुआयना करने आए । इतनी बड़ी घटना घटने के 5 दिनों के भीतर ही दुबारा छपरा में जहरीली शराब से दर्जनों लोगों की मृत्यु होने पर भी सरकार के द्वारा चुप्पी साध लेना यह कहीं से भी व सरकार की पारदर्शिता नहीं दर्शाता। जब पूरा राज्य में सारा प्रशासन इसी शराबबंदी में लगा हुआ है और घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही तो कायदे से सरकार के मुख्यमंत्री को अपने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

सिर्फ छोटे मुद्दे जैसे थाना प्रभारी या सिपाहियों को मुअतल करके ही सरकार अपना पीठ थपथपाने में लगी हुई है, जबकि सरकार के साथ-साथ जनता को यह भी पता है कि राज्य में अभी आबकारी विभाग के पास कोई काम नहीं है, क्योंकि शराब की दुकानें बंद है अभी सिर्फ और सिर्फ उस विभाग का काम है अवैध शराब राज्य में ना आए और ना ही कहीं बिक्री हो, तो अगर यह शराब पकड़ी जाती है या जहरीली शराब की कोई घटना घटित होती है तो उसकी सारी जिम्मेदारी आबकारी विभाग की होनी चाहिए। क्यों नहीं आबकारी विभाग के बड़े पदाधिकारियों को अभी तक मुअत्तल किया गया , उल्टे आबकारी विभाग के द्वारा जगह-जगह पर निर्दोष लोगों को पकड़कर उनके साथ शराब की मात्रा दिखा कर जेल भेजा जा रहा है, यह घटना बड़ी पहाड़ी मोहल्ले में  देखने को मिल रही है एक सीधा साधा इंसान जो यहां रहता भी नहीं जिसका नाम सुमन है, वह पटना में रहकर पढ़ाई करता है, सिर्फ उसका मकान उस मोहल्ले में वह किराएदार से किराया लेने आया था। किसी ने उसके घर के पिछवाड़े खंडहर में शराब का ढक्कन भरा बोरा फेंक दिया था, उसे आबकारी विभाग ने जबरदस्ती पकड़कर उसके साथ शराब और खाली गैलन दिखा कर जेल भेज दिया।

इस बात की जानकारी चश्मदीद से भी मिल सकती है साथ ही जिला कांग्रेस की टीम विगत 25 जनवरी को जब उस मोहल्ले में पीड़ितों से मिलने गई, तो वहां पर रह रहे लोगों ने बताया कि अबकारी विभाग के पदाधिकारी रोज शाम को आते हैं और डंडे की जोर पर सभी दुकानें एवं घर को केस में फंसाने के नाम पर बंद करवा देते हैं , यह तालिबानी हुकूमत की तरह गरीब जनता को परेशान करने में लगी है  , दूसरी तरफ मोहल्ले भ्रमण के दौरान एक बात और भी सामने आई कि प्रशासन के द्वारा अपनी नाकामी छिपाने के लिए एक नया हथकंडा पूरे मोहल्ले में रह रहे लोगों को परेशान करने के लिए अपनाया जा रहा है, वह यह है कि वहां के बाशिंदों को अकारण अतिक्रमण के नाम पर सभी के घरों पर एक पर्चा चिपकाते  है, जो साफ तौर पर अंग्रेजी हुकूमत की याद को ताजा कर रही है , इस तरह का पर्चा तो अंग्रेज अपने हुकूमत में या नक्सली लोग चिपकाया करते हैं। सरकार के द्वारा भेजा जा रहा नोटिस के तमिला यानी रिसीविंग करवाया जाता है।

फिर ऐसी कौन सी स्थिति आ गई कि नोटिस को चोरी-छिपे चिपकाना पड़ रहा है, सरकार और प्रशासन का काम लोगों को घर बसाना है ना कि उजाड़ना है और जिला प्रशासन इसे अवैध बता रही है, यह अवैध किस रूप में है यह कहा नहीं जा सकता। पिछले कई दशकों से या तो यूं कहिए 50 वर्षों से भी ज्यादा पहले से लोग यहां बसे हुए हैं, जिनके पास घर का रसीद है, बिजली का कनेक्शन है, आधार कार्ड है , वोटर कार्ड है , यही वह लोग हैं जो अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपनी जनप्रतिनिधि बनाते रहे हैं, फिर सरकार बनती है तो यह लोग अवैध कैसे हुए । असल में जिला प्रशासन एवं सरकार अपने शराबबंदी की नाकामी को छुपाने के लिए एक नया रास्ता ढूंढ लिया , ताकि लोगों का ध्यान असल मुद्दों से हटकर  कहीं भटक जाए और वह प्रशासन की नाकामी के मूल भूल जाए।  जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार ने कहा कि दोषियों के साथ सख्त कानूनी कार्रवाई हो परंतु जो निर्दोष है उनका ख्याल रखा जाए।

अंत में जिला कांग्रेसी कमेटी नालंदा ने सरकार एवं जिला प्रशासन को आगाह करते हुए कहा कि इस तरह के अनरिस्पांसिबल  हरकत करना बंद करें। इस तरह गलत नोटिस देने से अकारण ही बड़ी पहाड़ी, छोटी पहाड़ी एवं सिंगारहाट की जनता परेशान एवं डरी सहमी हुई है ।

जो कभी भी आक्रोशित हो सकती है और समय रहते अगर इसे नहीं रोका गया तो जनाक्रोश की सारी जवाबदेही जिला प्रशासन नालंदा की होगी, जिला कांग्रेस नालंदा के लोग एक भी गरीब जो निर्दोष हैं उनके मकान को तोड़ने नहीं देगी। चाहे इसके लिए कांग्रेस पार्टी को सड़क पर आंदोलन करना पड़े या फिर कोर्ट की शरण में जाना पड़े, अगर प्रशासन द्वारा अभिलंब या गलत निर्णय वापस नहीं लिया गया तो जिला कांग्रेस कमेटी नालंदा पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने से पीछे नहीं हटेगी । क्योंकि यह जनता से जुड़े हुए मामले हैं और पूर्णता जनता से धोखाधड़ी हुआ है। जब बस्तियों में रहने वाली जनता को सरकार खुद सभी योजनाओं का लाभ दे रही है, चाहे राशन कार्ड का मामला हो, नगर निगम योजनाएं का मामला हो, सामुदायिक भवन का मामला हो, जब सारी सुविधाएं इन लोगों को सरकार एवं जिला प्रशासन खुद मुहैया करवा रही है तो अचानक यह क्या हो गया कि सरकार के यहां पर सभी लोग आज अवैध कब्जा में नजर आने लगे । आज के यह प्रेस वार्ता में राजगीर के पूर्व विधायक रवि ज्योति कुमार, जिला उपाध्यक्ष मीर अरशद हुसैन, जितेंद्र प्रसाद सिंह, मुन्ना पांडे , फवाद अंसारी,  राजीव रंजन कुमार,  राजीव कुमार गुड्डू , शाहम हसनैन एवं अन्य लोग उपस्थित थे।

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